IPM Sutra By Ram Asre
All about Integrated Pest Management
Tuesday, December 2, 2025
आईपीएम की नवीन परिभाषा
आईपीएम बीज से लेकर सुरक्षित फसल उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, विपणन, व्यापार, व फसल उत्पादों के अंतिम प्रयोग एवं अगली फसल की बुवाई की तैयारी तक की नासि जीव प्रबंधन सहित संपूर्ण कृषि तंत्र के समेकित प्रबंधन की एक कार्य शैली, विज्ञान, दर्शन ,अध्यात्म, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन, योजना, नीति शस्त्र एवं विचारधारा है जिसमें कम से कम खर्चे में, रसायनों का कम से कम उपयोग करते हुए ,सामुदायिक स्वास्थ्य, फसल पारिस्थितिकतत्र, जैववविधता, प्रकृति, पर्यावरण, समाज, एवं जीवन तथा जीवन के पंच महाभूतों जैसे पृथ्वी, पानी, अग्नि, आकाश, और वायु को कम से कम बाधित करते हुए तथा खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति का सवर्धन एवं प्रकृति के संसाधनों का संरक्षण करते हुए अथवा बढ़ाते हुए खेती करने की एवं वनस्पति संरक्षण करने की सभी विधियों को समेकित रूप से प्रयोग करते हुए जिसमें रासायनिक विधियों का उपयोग सिर्फ अंतिम विकल्प के रूप में किसी आपातकाल परिस्थिति के निदान हेतु प्रयोग करते हुए खेतोंमे नशीजीवों की संख्या को आर्थिक हानी स्टार के नीचे सीमित रखते हुए नशीजीवों की समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करने के सथ-साथ खाने के लिए सुरक्षित तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन करते हुए तथा बाजार से अधिक से अधिक विक्रय मूल्य प्राप्त किया जाता है आई पी एम कहलाता है।
Wednesday, November 12, 2025
आईपीएम एवं प्राकृतिक खेती
आईपीएम सिर्फ नाशिजीव प्रबंधन तक सीमित नहीं है यह संपूर्ण कृषि तंत्र के प्रबंधन की एक समेकित विचारधारा है जिसमें नाशिजीव प्रबंधन सहित जमीन की उर्वरा शक्ति, सी:न अनुपात ,जमीन में ह्यूमस की मात्रा तथा सूक्ष्म जीवाणुओं की संख्या, फसल पारिस्थितिकतत्र मे जैववविधता एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण तथा रासायनिक इनपुट्स केisthan वनस्पतियों पर आधारित इनपुट्स को बढ़ावा देकरखेती कीजती है।
Thursday, October 2, 2025
Different tyes of Integrated Pest Management Systems.
Different tyes of concept of Integrated Pest Management (IPM ) Systems.:-
1.Biological Control dominent IPM.
2,Pest Surveillance,monitoring and Agroecosystem Analysis(A ESA) based IPM.
3 ,A bioecological approach.
4,Natural Farming based I PM..
5 ,Information Technology based IPM.
6.Artificial Intelligent based I PM .
7,An integrated concept from PM to Management of complete Agricultural system.
8.A pregmatic approach from traddional to new innovative technologies.
9.Ecological Engineering based IPM.
10.A complete crop management system including pest management through systematic approach.
11,Cultural co.ntrol..
12,Machan ical control
13Legal control..
14.Conservatipn of biodiversity,natural resources .Per drop more crop.
15,Restoration of damaged Agroecosystem.
15.
Wednesday, September 24, 2025
खेती का दर्शन अर्थात फिलासफी का फार्मिंग
1, ब्रह्मांडमे पाई जाने वली वह सभी जीवित अजीवित छोटी बड़ी और सूक्ष्म cheejain जो मनुष्य के द्वारा ना बनाई गई हो सम्मिलित रूपसे प्रकृति कहलाती है । प्रकृति में पाई जानेवली अजीवितचईजों से ही जिओ की उत्पत्ति होती है क्षिति, जल पावक गगन समीरा पंचतत्व मिल बना शरीर
2। प्रकृति की व्यवस्था के अनुसार या उसे व्यवस्था में सुधार करके जब खेती की जाती है तब उसे प्राकृतिक खेती कहतेहैं।
3, जीवामृत ही सिर्फ प्राकृतिक खेती नहीं है यह प्राकृतिक खेती का एक घटक है । जीव जंतु ऑन तथा पौधों की उत्पत्ति कार्बनिक पदार्थ से हुई है। मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवाणु भी कार्बनिक पदार्थ पर निर्भर रहते हैं। जब यह माइक्रोऑर्गेनाइज्म कार्बनिक पदार्थ कोखाते हैं तो एक प्रकार का भाई प्रोडक्ट बनताहै जिसमेंबहत सारे लाभदायक सूक्ष्म जीवाणुह होते हैं ।
4, प्रकृति की व्यवस्था के अनुसार खेती करने में निम्नलिखित चार चीज़ आते हैं।
*भूमि की उर्वरता
*पानी। सिटही जल और भगर्भ जल
*जलवायु जिसमें कम से कम 25 परसेंट वनस्पतियां होनी चाहिए।
*जैव विविधता का माहौल बनाकर संरक्षण।
वनस्पतियों का भोजन होता है मरे हए जीव । रसायनों के उपयोग से लाभदायk जीवाणु मर जाते हैं । जब जमीन में ह्यूमस काम होता है तो जमीन में पानी रोकने कीक्षमता घट जाती है। जीवामृत तथा कार्बनिक पदार्थ से ह्यूमसबनत है। लूमोस से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाता है । प्रकट के वैभव को सजा कर कर की प्राकृतिक खेती की जा सकती है। प्रकट के वैभव को सजाने का अर्थ होता है उपरोक्त बताई हुई चारो चीजे को सही मात्रा में मिट्टी में उपस्थित होना।
जीवामृत के बनाने की वधि
*ऑर्गेनिक कार्बन युक्त जंगल में पेड़ पधों
की पत्तियां आदि के सड़ने से तैयार मिट्टी 2.5 केजी।,गुड 2.5 kg, आते.5 kg पानी 100 लीटर इस पदार्थ को प्रतिदिन डंडे से चलना चाहिए तथा इसमें 15 दोनोंबद और 1 किलो गुड़ तथा इसकेबद फिर 10 दिन बाद एक किलोआत एवं 1 किलोगल्ड मिलान इस प्रकार से जीवामृत 70 दोनों तैयार हो जाएगा।
घन जीव अमृतबनाने कk यह एक कुंटल गोबर की खाद में उपरोक्त बनाहुआ जीव अमृत 20% सड़े हुए गोबरम तीन-चार dinaun मैं घन जीव अमृत बन जाता है । जीवामृत तथा गंगाजीवमृतन का उपयोग उपयोग बोलने से पहले पलावाक टाइम पर कर देनाचहिए।
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