आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
नील गगन के तले आईपी एम का पाठ पढ़ें
A school with no boundaries and ceiling where IPM is tought is called as IPM Farmers Field School.
बिना चारदीवारी एवं छत की पाठशाला जहां आईपीएम का पाठ सिखाया जाता है आईपी एम कृषक खेत पाठशाला कहलाता है l अर्थात खेत स्वयं ही एक पाठशाला है जो हमें बहुत कुछ सिखाता है , इसलिए खेत स्वयं ही आईपीएम कृषक खेत पाठशाला कहलाता है l खेत का प्रतिदिन/ प्रति सप्ताह अथवा निश्चित अंतराल या समय अवधि पर भ्रमण करना तथा खेत में घुसकर खेतों की फसल का एवं खेतों के पर्यावरण या पारिस्थितिक तंत्र का अवलोकन करके फसल में पाए जाने वाले लाभदायक, हानिकारक एवं न्यूट्रल जिओ की संख्या का आकलन करने के साथ-साथ फसल पर्यावरण या खेती से संबंधित अजैविक कारकों तथा उनके फसल पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करके फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण हेतु एग्रोइकोसिस्टम एनालिसिस अर्थात फसल पर्यावरण विश्लेषण का चार्ट बनाना तथा सभी बायोटिक एवं एबायोटिक कारकों का फसल के ऊपर पड़ने वाले संभावित सामूहिक प्रभाव को ध्यान में रखकर खेत के लिए अपनाई जाने वाली सभी प्रकार के कृषि क्रियाओं तथा अन्य गतिविधियों के बारे में निर्णय लेने को ही फसल पर्यावरण या फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण कहते हैं l यह गतिविधि ही आईपीएम खेत पाठशाला की प्रमुख गतिविधि है l इससे कृषकों को स्वयं करके तथा अपने अनुभव के आधार पर अपने खेत के लिए अपनाई जाने वाली गतिविधियों बारे में स्वयं निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करके कृषकों को निपुण बनाया जाता है जो कि आई पीएम खेत पाठशाला का प्रमुख उद्देश्य है l
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
आई.पी.एम प्रौद्योगिकी को कृषकों के मध्य पहुँचाने का एक शक्तिशाली तरीका है जो
कृषकों को आई.पी.एम पद्धति को खेतों में लागू करने के लिए कृषकों को सक्षम व निपुण
बनाने में मददगार होता है जिससे कृषक अपने खेतों के बारे में स्वयं निर्णय ले सके।
यह कार्यक्रम 1980 अन्तिम व 1990 के प्रारंभिक दशक से प्रारंभ हुआ था। इस
कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है -
1 स्वस्थ फसल को पैदा करना।
2 कृषकों को अपने खेतों के बारे
में निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करना तथा
आई.पी.एम अपनाने हेतु निपुण व
हुनरमंद बनाना।
3 कृषकों को खेतों में
साप्ताहिक भ्रमण करने के लिए प्रेरित करना।
4 खेतों में पाये जाने वाले
लाभदायक जीवों को खेतों में संरक्षण करने हेतु प्रेरित
करना तथा उनका संरक्षण करना।
आई.पी.एम किसान खेत पाठशाला
के प्रमुख घटक -
·
आई.पी.एम खेत पाठशाला का आयोजन करने हेतु
गांव का चयन
·
वह गांव जहाँ कोई नाशीजीव के प्रकोप का
इतिहास हो
·
जहाँ रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग अधिक
होता है
जहाँ साप्ताहिक भ्रमण संभव हो
·
गांवों व कृषकों का चयन राज्य सरकार के
अधिकारियों व ग्राम पंचायत के
प्रधान की सहमति से चयन किया जाता है।
2 चयनित गांव में 40 हेक्टेयर क्षेत्र चावल के लिए तथा 10 हेक्टेयर क्षेत्र अन्य
फसलों के लिए चयनित किया जाता है।p
3 कृषकों का चयन एवं संख्या 30 कृषक प्रति आई.पी.एम किसान
खेत पाठशाला के आयोजन करने हेतु चयनित किये जाते हैं।
4 कोर ट्रेनिंग टीम: - कोर
ट्रेनिंग टीम में सदस्यों की संख्या दो से तीन/चार तक
हो सकती है। कोर ट्रेनिंग टीम
के लिये चयनित प्रत्येक सदस्य को कम से कम
एक
बार सम्पूर्ण फसलावधि का आई.पी.एम प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया होना अनिवार्य
है।
5- Apprentice
team
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला में 5
राज्य सरकार के प्रचार एवं विस्तार कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाता है जिससे
वो भी इस कार्यक्रम के बारे में प्रशिक्षित हो सकें। इस टीम को । Apprentice team कहते हैं।
6 आई.पी.एम किसान पाठशाला के
आयोजन का समय यद्यपि प्रातः 7 बजे से 12 बजे तक का उचित है परन्तु यह समय कृषकों
की सुविधानुसार भी तय किया जा सकता है।
7 आई.पी.एम कृषक पाठशाला
सैद्धान्तिक रूप से सम्पूर्ण फसल विधि के लिए होता है परन्तु सरकार ने यह
कार्यक्रम कुल 14 सप्ताह तक के लिए सीमित किया हुआ है। इस कार्यक्रम में प्रत्येक
आई.पी.एम खेत पाठशाला के गांव व खेतों में प्रति सप्ताह एक दौरा किया जाता है।
इस कार्यक्रम में करके सीखने की पद्धति को
अपनाकर एक अनौपचारिक शिक्षा के तौर पर अपनाया जाता है। पहले कृषकों को 5 समूहों में बाँटा जाता है। प्रत्येक समूह
का एक लीडर चुना जाता है। आई.पी.एम खेत पाठशाला का आयोजन एक गांव में प्रति सप्ताह
एक बार किया जाता है। खेतों में भ्रमण करके खेत पर्यावरण में पाये जाने वाले अजैविक
व जैविक कारकों के ऊपर observation लिए जाते हैं जिससे पारिस्थितिक तंत्र का
विश्लेषण किया जा सके।
इन observation को एक ड्राइंग सीट पर
प्रदर्शित व चित्रण किया जाता है । इस प्रकार से लिए गये observation के ऊपर
कृषकों व सुविधा प्रदाता की मदद से विचार-विमर्श तथा चर्चा की जाती है और चर्चा के
आधार पर निकाले गये निष्कर्ष के ऊपर निर्णय लिया जाता है। उपरोक्त विधि को Agro eco-system analysis कहते हैं। जिसमें बायोटिक व
अबायोटिक तत्वों के नमूने लिये जाते हैं या उनका सामूहिक प्रभाव अनुमानित किया
जाता है।
आई.पी.एम किसान खेत पाठशाला
कार्यक्रम हेतु अपनाये जाने वाला पाठ्यक्रम
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
चूँकि अनौपचारिक शिक्षा पद्धति पर आधारित है अतः इसका कोई निश्चित पाठ्यक्रम नहीं
होता है यह पाठ्यक्रम कृषकों व खेत की समस्याओं के आधार पर कार्यक्रमों के प्रति
साप्ताहिक भ्रमण के पूर्व साप्ताहिक भ्रमण के कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद अगले
सप्ताह का कार्यक्रम बनाया जाता है। इस कार्यक्रम में निम्न प्रकार की गतिविधियाँ
शामिल की जाती है-
1 कृषकों का पंजीकरण
2 कृषकों के साक्षात्कार द्वारा
बेंचमार्क सर्वे करना
3 कृषकों को समूहों में बांटना
4 प्रत्येक समूह का एक लीडर
चुनना
5 आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देना इस कार्यक्रम के उद्देश्यों को बताना
6. फसलों की खेती करते समय
कृषकों द्वारा महसूस की जाने वाली परेशानियों के ऊपर चर्चा एवं उनके उपाय
7 बैलेट बाक्स टेस्ट के द्वारा
कृषकों के ज्ञान का मूल्यांकन करना
8 नाशीजीवों एवं उनके प्राकृतिक शत्रुओं (लाभदायक जीवों) एवं बीमारियों, खर-पतवारों की एवं उनके
लक्षणों की पहचान एवं पी.ए.आर( पार्टिसिपेटरी एक्शन रिसर्च) गतिविधयों से संबंधित प्रयोग
9 फसल पर्यावरण (फसल
पारिस्थितिक तंत्र विशलेषण पर आधारित कार्यक्रम
10. आईपीएम कृषक पाठशाला की एरिया में जाने वाली प्रमुख खेती की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा करना l
10 ग्रुप डायनमिक्स
11 खेत दिवस का आयोजन
किसान खेत पाठशाला के 1 दिन का _कार्यक्रम:__
1. पूर्व दिवस की गतिविधियों का पुनर कथन अथवा विवरण l
2. भागीदार किसानों की उपस्थिति दर्ज करना
3. कार्य दिवस की गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण
4. फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण हेतु खेत खेत में अंदर घुस के अवलोकन करना तथा जैविक अजैविक तथा नुकसान करने वाले एवं फायदे पहुंचाने वाले तथा न्यूट्रल जीवो तथा खरपतवार ओं वातावरण आदि का अध्ययन करना तथा नमूना एकत्रित करना l
5.AESA चार्ट की चित्रकारी करना, टिप्पणियों का विश्लेषण करना, तथा समूह ग्रुप के द्वारा आसपास में विचार-विमर्श करके निष्कर्ष पर पहुंचना l
6. ग्रुप के द्वारा AESA चाट का प्रस्तुतीकरण तथा अन्य भागीदारों द्वारा टिप्पणियों पर वार्तालाप करना तथा समस्त भागीदार किसानों के द्वारा खेत में अपनाई जाने वाली गतिविधियों के बारे में सामूहिक निर्णय लेना l
7. सामूहिक निर्णय को लागू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करना l
8. पहले बनाए गए कीट घरों तथा पहले से शुरू किए गए विभिन्न प्रकार के प्रयोगों मैं ऑब्जरवेशन लेना या देखना तथा उनके विषय में आवश्यक कार्यवाही करना l
9. चाय एवं नाश्ता
10. ग्रुप डायनामिक एक्सरसाइज l
11. स्पेशल टॉपिक अथवा विशेष विषय पर गहन चर्चा करना l
12. अगले सप्ताहिक गतिविधियों का चार्ट बनाना l
आ तथा ई.पी.एम किसान खेत पाठशाला
कार्यक्रम से अपेक्षायें ⁸
आई.पी.एम किसान खेत पाठशालाओं
का आयोजन इस आश्य से किया जाता है कि इस कार्यक्रम से प्रशिक्षित तथा निपुण बने
हुये कृषक अपने खेतों में तो आई.पी.एम अपनायेंगे और अपने सहयोगी अन्य कृषकों को
अपना ज्ञान बाँटेंगे तथा अन्य कृषक उनसे सीखेंगे। इस प्रकार से इस कार्यक्रम का गुणात्मक
प्रभाव हो सकेगा।