Wednesday, April 27, 2022

प्राकृतिक खेती के सिद्धांत

आईपीएम क्रियान्वयन के 44 वर्षों के अनुभव के दौरान यह प्रश्न कई बार आया कि क्या भारत में बिना पेस्टिसाइड या कीटनाशकों के खेती की जा सकती है ! उस वक्त भी मैंने यही कहा था कि अगर इच्छा शक्ति हो तो बिना रसायनों के खेती की जा सकती है और आज जब जागरूक किसानों एवं कृषि के विद्वानों ने यह सिद्ध कर दिया कि बिना रसायनों के खेती की जा सकती है l जीरो बजट पर आधारित प्राकृतिक खेती मैं किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि यह खेती प्रकृति मैं पहले से चल रही फसल उत्पादन एवं फसल सुरक्षा प्रणाली के अध्ययन के अनुसार की जाती है जिसमें कोई भी इनपुट बाजार से नहीं खरीद के डाला जाता है l प्राकृतिक खेती में प्रयोग किए जाने वाले इनपुट जो की घरों तथा खेतों में ही तैयार किए जाते हैं प्राकृतिक तौर पर प्रकृति में चल रही फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा पद्धति को सुविधा प्रदान करते हैं l तथा फसल सुरक्षा एवं फसल उत्पादन पद्धति को एक्सेल रेट करते हैं या उस में तेजी लाते हैं l जीरो बजट पर आधारित खेती निम्नलिखित सिद्धांतों एवं एवं इनपुट्स पर आधारित है l 
1. मिट्टी में जीवाणुओं की मात्रा को संरक्षण प्रदान करना एवं बढ़ाना l
2. खरपतवार ओं को खेत से बाहर नहीं फेंकना चाहिए बल्कि उनको खेतों में ही आच्छादित करना चाहिए तथा खेतों में डीकंपोज  भी करना चाहिएl
3. खेतों में जैव विविधता होनी चाहिए अर्थात विभिन्न प्रकार की फसलों को एक साथ होना चाहिए साथ मिश्रित खेती पर जोर देना चाहिए l
4. फसल चक्र में समय-समय पर बदलाव करना चाहिए l अर्थात खेत में कोई ना कोई फसल अवश्य रहनी चाहिए जिस खेत की नमी संरक्षित रहे l मिश्रित खेती पर बल देना चाहिए l गेहूं चना सरसों धनिया आदि को मिश्रित खेती के रूप में बोना चाहिए l
5. खेतों में मेड़ों पर तथा बीच में पेड़ भी लगाने चाहिए
6. वर्षा जल संरक्षण, मृदा संरक्षण आदि पर जोर देना चाहिएl
7. धान गन्ना जैसी फसलों को नालियों में बोना चाहिए जिससे नमी बनी रहे l फसलों के खेतों में अनावश्यक जलभराव को रोकना चाहिए l
7. अपना स्वयं का बनाया हुआ बीज प्रयोग करना चाहिए l
8. अपने द्वारा बनाए गए खाद, कीटनाशक, आदि का प्रयोग करना चाहिए l
9. बाहरी संसाधनों कीटनाशकों आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए l
10, खेती के साथ-साथ पशुपालन पर भी जोर देना चाहिए l
11. खरपतवार एवं कीट हमारे दुश्मन या शत्रु नहीं है  l
12. मिट्टी को ह्यूमस सूक्ष्मजीवों तथा सूक्ष्म तत्व से समृद्ध करेंl
13. यह देसी गाय पर आधारित खेती करने का एक तरीका है देसी गाय के गोवर तथा मूत्र से जीवामृत घन जीवामृत तथा अन्य प्रकार के कीटनाशक फफूंदी नाशक आदि बनाए जा सकते हैं जिनका प्रयोग प्राकृतिक खेती में किया जाता है l
14. भूमि के नीचे एवं ऊपर के एग्रो इको सिस्टम को सक्रिय रखें तथा उनका संरक्षण करें l
15. प्राकृतिक खेती के लिए बताई गई विधियों के द्वारा बनाए गए कीटनाशकों फफूंदी नाशक तथा न्यू ट्रेंस युक्त पदार्थों को आईपीएम हेतु भी प्रयोग किया जा सकता है l या यो कहना चाहिए कि प्राकृतिक खेती के लिए बताई गई सभी विधियां आईपीएम के क्रियान्वयन हेतु उपयोग की जा सकती है l
16. प्राकृतिक खेती अपनाई जाने वाली विधियों से फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी लाभदायक जीवो का संरक्षण भी किया जा सकता है l
17. प्राकृतिक खेती में बाजार से कोई भी इनपुट लाकर नहीं प्रयोग किया जाता है lआता  प्राकृतिक खेती में फसल उत्पादन लागत लगभग शून्य के बराबर होती है l इसीलिए इसको जीरो बजट पर आधारित प्राकृतिक खेती कहते हैं l
18. प्राकृतिक खेती में रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है इस वजह से फसलों में हानिकारक जीवो की संख्या भी बहुत कम रहती है क्योंकि ऐसा अनुभव किया गया है की रसायनिक खेती करते समय जिस खेत में अधिक रसायन उपयोग किया जाता है उस केस में हानिकारक जीवो की संख्या अधिक रहती है l और जिस खेत में रसायन का उपयोग नहीं किया जाता है या कम किया जाता है उस खेत में हानिकारक जीवो की संख्या कम रहती है या न्यूनतम रहती है l
19. रासायनिक खेती करने से प्राकृतिक संतुलन यहां तक कि ब्रह्मांड से जमीन का भी संतुलन बना रहता है और वैश्विक ताप क्रम बढ़ोतरी भी नहीं होती है l
20. प्राकृतिक खेती में फसल उत्पादन लागत कम होने की वजह से या शून्य होने की वजह से तथा तथा वैश्विक मार्केट में प्राकृतिक खेती से बने हुए या उत्पादित कृषि उत्पादों की मांग की वजह से कृषकों की आय बढ़ाई जा सकती है तथा इस खेती में रसायनों के उपयोग ना होने की वजह से किसानों की आत्महत्या भी नहीं होती l
21. रासायनिक खेती के द्वारा उत्पादित कृषि उत्पाद जहरीले होते हैं जबकि प्राकृतिक खेती के द्वारा उत्पादित उत्पाद खाने की दृष्टि से सुरक्षित होते हैं l
22. आगे आने वाले वर्षों में अगर हमें planet  को बचाना है तो प्राकृतिक खेती को ही अपनाना पड़ेगा l


Friday, April 1, 2022

IPM is a

1.Skill Development programme 
2.Social movement 
3.Economical development along with Environmental,Ecological, natureand social Development 
4.A concept not method which includes several methods.
5.Total crop management through systematic approach.
6.An awareness programme 
7.Change of mindsets of IPM stakeholders. 
8.Its is a pest management programme not control programme.
9.A natural crop production and protection system .
10.A programme from seed to Marketing. 
11.Grow safe food Campaign. 
12.A motivational programme to motivate the farmers to adopt IPM......