किसी भी थीम,कॉन्सेप्ट या विचारधारा का जीवन, प्रकृति, समाज ,पर्यावरण, आध्यात्मि, अर्थशास्त्र, व्यापार, धर्म, जलवायु, पारिस्थितिक तंत्र संबंधी विभिन्न मुद्दों एवं इनके बदलते हुए परिदृश्य के परिपेक्ष के हिसाब से विवेचना करना, चिंतन करना, संबंध स्थापित करना एवं परिभाषित करने को फिलासफी अथवा दर्शन कहते हैं। इसके अध्ययन को दर्शनशास्त्र कहते हैं ।
आई पी एम फसल उत्पादन, फसल रक्षा,फसल प्रबंधन, नशी जीवप्रबंधन, फसल विपणन, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी प्रबंधन, फसल विविधता, फसल उत्पादों का ट्रेड ,आयात एवं निर्यात, फसल उत्पादों का सुरक्षित स्टोरेज अथवा भंडारण आदि की बीज से लेकर फसलों के उत्पादों के अंतिम प्रयोग एवं अगली फसल की बुवाई की तैयारी तक की एक समेकित विचारधारा, विज्ञान, दर्शन ,अध्यात्म ,समाजशास्त्र ,अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन ,योजना तथा नीतिशास्त्र है जिसमें कम से कम खर्चे में, कम से कम रसायनों का इस्तेमाल करते हुए तथा सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण ,पारिस्थितिकतंत्र ,जैव विविधता, जीवन एवं के इसके पंच महाभूत क्षत, जल ,पावक ,गगन, समीरा, तथा प्रकृति और समाज को कम से कम बाधित करते हुए ,फसल उत्पादन ,फसल रक्षा ,फसलप्रबधन, फसल विपणन आदिकी विधियों को समेकित रूपसे प्रयोग करते हुए फसल पारिस्थितिकतंत्र में पाए जाने हानिकारक जीवों अथवा नशीजीवों की संख्या को आर्थिक हानिस्टार के नीचे रखते हुए देश, परिवार तथा पारिस्थितिकतंत्र अथवा जलवायु की जरूरत के हिसाब से फसलों की जरूर का नियोजन करते हुए खाने के योग्य सुरक्षित तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता यक्त विभिन्न प्रकारके फसल उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन इस प्रकार से करना की इन उत्पादोंका अधिक से अधिक विक्रयमूल्य तथासुरक्षित भोजन के सथ-साथ खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके आईपीएम कहलाता है।
2, आई पी एम पर्यावरण, प्रकृति ,समाज एवं जीवन के सभी पहलुओं से जुड़ी हुई वनस्पति संरक्षण सहित खेती करने एक समेकित पद्धति है जिससे सभी वर्ग के किसानों की जीविका
सुनिश्चित की जा सके तथा फसल पारिस्थितिक तंत्र एवं इसकी जैव विविधता का संरक्षण किया जा सके। आईपीएम, वनस्पति संरक्षण, अथवा खेती करने की एक लचीली प्रणाली है जो सभी वर्गों के कृषकों के लिए अलग-तरीके से क्रियान्वित की जाती है।
3 ,कृषक हितैषी नीतियों का निर्माण तथा उनका अनुपालन खेती करने में अथवा आईपीएम क्रियान्वयन करने में विशेष भूमिका अदा करता है।
4,वीपणन हेतु ट्रांसपोर्ट या परिवहन सुविधाओं की उपलब्धता।
5, कृषि उत्पादों का लाभकारी विक्रय
मूल्य अथवा मिनिमम सपोर्ट प्राइस निर्धारित करना तथा उनका अनुपालन करना।
6, कृषि उत्पादों के विक्रय मूल्य की कृषकों को समय पर अदायगी करना ।
7, कृषि उपकरणों कि किसानों को उचित मूल्य पर उपलब्धता कराना ।
8, कृषि इनपुट्स को न्यूनतम मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराना।
9, जीएसटी फ्री खेती
10। कृषि इनपुट की उपलब्धता हेतु किसान सम्म।न निधि का समय पर कृषकों को भुगतान।
11, कृषि को लाभकारी बनाने के लिए मुख्य फसल के सथ-साथ कृषि से जुड़ी हई अन्य व्यापारिक गतिविधियों को आईपीएम मैं भी सम्मिलित किया जा सकता है।
12, फसल कटाई के उपरांत उनके उत्पादों की खरीद के समय सरकार के द्वारा विक्रय मूल्य कम कर दिया जाता है जो बाद में बढ़ा दिया जाता है। ऐसी नीतियों से खेती लाभकारी नहीं बन सकती।
13, कृषि उत्पादों का विक्रय मूल्य कृषकों के द्वारा निर्धारण ना किया जना भी एक कृषकों के विपरीत नीति है ।
14, खाने हेतु सुरक्षित कृषि उत्पादों का कम से कम खर्चे में अधिक से अधिक उत्पादन, प्रकृति संसाधनों ,जैव वविधता आदिकेसंरक्षण के साथ साथ कृषकों की जविका को सुचारू रूप से चलते हुए खेती करना अथवा वनस्पति संरक्षण करना आईपीएम कहलाता है।
भारत सरकार के वनस्पति संरक्षण ,संगरोध एवं संग्रह निदेशालय की विभिन्न योजनाएं अथवा स्कीम्स आईपीएम के ही विभिन्न घटक एवं गतिविधियां हैं । लोकस्ट कंट्रोल एंड रिसर्च तथा प्लांटक्वारेंटाइन स्कीम्स लोकस्ट तथा विभिन्न प्रकार के इंटरनेशनल एवं नेशनल नासि जीवो को डील करते हैं ।CIB$RC andCIL विभिन्न प्रकार कीटनाशिकों के उत्पादन, उत्पादन हेतु उनका रजिस्ट्रेशन, विपणन, भंडारण,प्रयोग, अथवा उपयोग, ट्रांसपोर्ट उनका डिस्पोजल आदि को इंसेक्टिसाइड एक्ट 1968 के द्वारा रेगुलेट करते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य कृषकों को गुणवत्ता युक्त कीटीनाशों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इनके मानव के अथवा जानवरों के ऊपर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की निगरा कृषि व्यापारको रखना होता है। इसके अतिरिक्त अधिक विषैला तथा हानिकारक कीटनाशकों को बैन करना भी सीआईबी एंड आरसी का कार्य होता है। उपरोक्त सभी गतिविधियां भी आईपीएम की ही गतिविधियां है।
आईपीएम अन्न की देवी अन्नपूर्णा अथवा पूर्ण सिक्योरिटी खाद्य सुरक्षा की देवी, प्रकृति की देवी, जीवन प्रदायनी, सुरक्षित भजन प्रदायिनी, जैव सुरक्षा प्रदायिनी, स्वास्थ्य सुरक्षा पदायिनी , पारिस्थितिक तंत्र सक्रिय रखने वाली, आईपीएम क्रियान्वन हेतु कृषकों को निपुण बनाने वली , कृषि व्यापार को बढ़ावा देने वाली , राम आसरे