Saturday, February 12, 2022

आई पी एम बीज से लेकर बाजार तक की समस्त फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा प्रबंधन प्रणाली है

आईपीएम बीज से लेकर बाजार तक की संपूर्ण फसल उत्पादन, फसल रक्षा एवं  प्रबंधन प्रणाली है जो निम्न बिंदुओं पर आधारित है l
1. फसल विविधीकरण एवं फसल का चयन तथा उचित फसल चक्र का चयन
2. फसल की उचित उन्नत किस्मो एवं प्रजातियों का चयन
3. स्वास्थ्य बीजों का चयन
4. मिट्टी की गुणवत्ता सोयल हेल्थ कार्ड
5. बीज शोधन
6. इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग के हिसाब से मुख्य फसलों एवं बॉर्डर क्रॉप्स तथा इंटरक्रॉप्स की बुवाई करना
7. फसल निगरानी एवं फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण के आधार पर विभिन्न एग्रोनॉमी कल प्रैक्टिसेज तथा फसलों में की जाने वाली कृषि क्रियाओ को समय-समय पर करना l
8. कृषि क्रियाओं को करते समय कृषि या फसल उत्पादन इकोनॉमिक्स को ध्यान में रखते हुए गुणवत्ता युक्त एवं बाजार की मांग के अनुसार फसल उत्पादन करना इसके साथ साथ पर्यावरण, जैव विविधता ,पारिस्थितिक तंत्र ओं, प्रकृति एवं समाज के हितों का ध्यान में रखते हुए फसल उत्पादन करना l गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पादों का अर्थ है की उत्पादन किए गए कृषि उत्पाद सामुदायिक स्वास्थ्य अथवा उपभोक्ता स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव ना डालते हो l
9. फसल के मूल्यवर्धन हेतु अर्थात वैल्यू एडिशन हेतु उचित कदम उठाना तथा फसलों के उत्पादों का सही समय तक स्टोरीज अथवा पेरिशेबल फसल उत्पादों को फसल मंडी तक सही तरीके से तीव्र गति से पहुंचाने की व्यवस्था करना
10. फसल उत्पादद्वारा दूसरे उत्पादों को बनाना तथा उनको अधिक मूल्य पर बेचना
11.Per  Drop More Crop ड्रॉप मोर क्रॉप के अलावा फूड प्रोसेसिंग एवं Integrated  फार्मिंग पर जोर देना
12. कृषि कार्यों में मोबाइल एवं इंटरनेट एवं e-marketing आदि सुविधाओं को बढ़ावा देना
13. व्यापार हेतु इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट करके किसानों की आमदनी को बढ़ाई जा सकती है जो कि आई पीएम का एक प्रमुख सिद्धांत है l
14. ऑर्गेनिक खेती एवं जीरो बजट पर आधारित प्राकृतिक खेती से संबंधित सभी रसायन रहित गतिविधियों को भी आईपीएम मैं शामिल करना आज की प्रमुख मांग है जिससे रसायन रहित खेती को बढ़ावा मिल सके एवं सामुदायिक स्वास्थ्य मिट्टी के स्वास्थ्य दोनों ठीक रह सकें l



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