जहर मुक्त खेती और रोग मुक्त समाज
यही है आई पी एम एवं प्राकृतिक खेती के प्रयास
कम लागत और कम पानी से अधिक उत्पादन
प्राकृतिक खेती एवं आईपीएम है इसके साधन
रोग मुक्त औषधि मुक्त तथा भूख मुक्त समाज
यही है आईपीएम के प्रयास
सुरक्षित भोजन
के साथ भरपूर भोजन
फूड सिक्योरिटी अलांग विद फूड सेफ्टी
जहर मुक्त खाना और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण
यही है आई पी एम तथा प्राकृतिक खेती के आचरन_
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2.In View of today's,social,economical,natural,Ecological, Environmental, marketing ,legal,and Scientific requirements the concept of crop production,protection,IPM,Managemrnt and organic and natural farming,must be safe, sustainable ,profitable and ,income and bussiness oriented and harmonious with,nature, society and life. For which Suitable facilities must be developed by the the Govt.
आज की सामाजिक ,आर्थिक, प्राकृतिक, पारिस्थितिक तांत्रिक, पर्यावरणीय ,विपणन, विधाआई अथवा लीगलतथा वैज्ञानिक जरूरतो के हिसाब से फसल उत्पादन, फसल रक्षा ,आईपीएम तथा फसल मैनेजमेंट अथवा फसल प्रबंधन ,ऑर्गेनिक तथा प्राकृतिक खेती की विचारधारा सुरक्षित ,स्थाई, लाभकारी ,आय तथा व्यापार पर आधारित तथा प्रकृति ,समाज और जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित करने वाली होनी चाहिए l इसके लिए सरकार की ओर से समुचित सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए।
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2.कृषि को रसायन मुक्त करना, फसल पारिस्थितिकी तंत्र को सक्रिय बनाना तथा संरक्षित जैव विविधता से भरपूर एवं उत्तम पर्यावरण के साथ प्रकृति और समाज के लिए अनुकूल फसल पर्यावरण बनाना आईपीएम तथा नेचुरल फार्मिंग अथवा प्राकृतिक खेती के विजन तथा भविष्य के दृष्टिकोण हैं।
3.Grow crops with minimum expenditure,orwith or without use of chemical pesticides and fertilizers is the besic theme of IPM and Natural Farming.
4.IPM includes the management of all the problems related with crop production, protection management, marketing and consumption of agricultural commodities besides the safety and protection of nature, Society and life.
5.To make crop production and protection systems safe and secure to produce safe and quality agricultural commodities to eat and also to trade i with minimum or no cost is the besic theme of IPM and Natural Farming .
6.To reduce the use of chemicals in agriculture as extent as possible is the besic theme of IPM.
7.. सरकार के द्वारा फसल उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु रसायन मुक्त इनपुट की उत्पादन इकाइयों अथवा उद्योगों को स्थापित करके उनकी उपलब्धता कृषकों के द्वार पर सुनिश्चित करना आईपीएम के क्रियान्वयन के लिए प्रथम आवश्यकता है । और इस और सरकार के प्रयासों की प्राथमिकता अनिवार्य है।
8. खेती में कंप्यूटर पर आधारित इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी को शामिल करना आज की परम आवश्यकता है।
9.पेस्ट सर्विलेंस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत किया जाए । राष्ट्रीय स्तर पर हानिकारक जीवों की एंडेमिक, एपिडेमिक एवं पांडेमिक एरिया वाइज वेदर डाटा और पापुलेशन के ऊपर एक डाटा बैंक बनाया जाए जिससे पेस्ट फोरकास्टिंग सिस्टम विकसित किया जा सके।
10... जमीन को बलवान बनना तथा उसमें पर्याप्त मात्रा में ऑर्गेनिक कार्बन, सूक्ष्मजीव, ह्यूमस तथा जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने हेतु सभी आवश्यक तत्वों की जमीन में अनिवार्य तथा जरूरी मात्रा का स्तर बढ़ाने हेतु आवश्यक कदम बढ़ाने की आवश्यकता है इसके लिए आवश्यक कदम बढ़ाना चाहिए जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सके तथा जमीन को बलवान भी बनाया जा सके।
11.रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से क्षतिग्रस्त हुए फसल पारिस्थितिक तंत्र तथा जैव विविधता का पुनर्स्थापना करने हेतु आवश्यक कदम उठाना जरूरी है।
12. प्राकृतिक खेती के विभिन्न इनपुट्स तथा विधियों को आईपीएममें समावेशित किया जाए.
आईपीएएम तथा प्राकृतिक खेती मैं की जाने वाली गतिविधियों को कृषकों के द्वारा दैनिक जीवन की गतिविधियों में शामिल किया जाए।
13.पेस्ट फोरकास्टिंग मॉडल विकसित किया जाए।
14. प्रकृति के सीमित संसाधनों से मनुष्य तथा जीवो के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु उपाय विकसित किया जाए और उनको आईपीएम में सम्मिलित किया जाए।
15. किसान को अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्ज।दाता भी बनाना पड़ेगा इसके लिए कृषि को अन्य औद्योगिक अथवा व्यापारिक क्षेत्र में विविधीकरण करना पड़ेगा । जैसे गन्ने से इथेनॉल बनाना और इथेनॉल से गाड़ियों को चलाया जा सकता है।