आईपीएम बीज से लेकर फसलों के उत्पादों के अंतिम प्रयोग अर्थातend use एवं अगली फसल की तैयारी तक की फसलों के नशीजीवों की संख्या के प्रबंधन अर्थात उनकी संख्या को फसल पारिस्थितिक तंत्र में आर्थिक हानि स्टर के नीचे सीमित रखने के समेत पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी, फसलों के उत्पादों का विपणन, व्यापार एवं सुरक्षित संग्रह तक की संपूर्ण फसल उत्पादन पद्धतियों का एक समेकित अथवा एकीकृत अथवा इंटीग्रेटेड प्रबंधन है।
आईपीएम संपूर्ण फसल उत्पादन,फसल रक्षा, फसलों में नासिजीवों का प्रबंधन ,फसल प्रबंधन,फसल विपणन, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी , फसल पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता,फसल विविधता, फसल उत्पादों का ट्रेड तथा फसल उत्पादों का स्टोरेज आदि की बीज से लेकर फसल उत्पादों के अंतिम प्रयोग तक की एक समेकित विचारधारा, विज्ञान, दर्शन, अध्यात्म, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन, योजना तथा नीति शास्त्र है जिसमें कम से कम खर्चे में, कम से कम रसायनों का इस्तेमाल करते हुए, तथा सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण, पारिस्थितिक, तंत्र जैव विविधता, जीवन एवं इसके पांच महा भूत यानी पृथ्वी, जल, पावक, गगन, समीर आदि को कम से कम बाधा पहुंचाते हुए फसल उत्पादन, फसल रक्षा, फसल प्रबंधन आदि की विधियों को समेकित रूप से प्रयोग करते हुए फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले हानिकारक जीवों की संख्या को आर्थिक हानी स्टार के नीचे सीमित रखते हुए देश तथा परिवार जिसमें जानवर भी शामिल होते हैं की जरूरत के हिसाब से फसलों की जरूरत का नियोजन करते हुए खाने के योग्य सुरक्षित तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादों जैसे अनाज ,सब्जी, दाल ,फल ,चीनी गुड, मोटे अनाज पौष्टिक अनाज, दैनिक जरूरत की चीजे तेल, दूध ,कपड़ा, meat, पशुओं का चारा ,अंडा ,लकड़ी आदि का अधिक से अधिक मात्रा में इस प्रकार से उत्पादन किया जाता है जिससे इन उत्पादों का अधिक से अधिक विक्रय मूल्य मिल सके तथा खाने के योग्य सुरक्षित भोजन के साथ खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके (फूड सिक्योरिटीअलंग विथ फूड सेफ्टी,) साथ ही साथ कृषकों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके और उनकी संपन्नता सुनिश्चित की जा सके।
राम आसरे
अपर वनस्पति संरक्षण सलाहकार। ,आईपीएम। (सेवानिवृत्ति)