Wednesday, July 27, 2016
Friday, July 22, 2016
Plant Protection
To safe guard
the plants and their products from the ravages of pests and other a biotic stresses
with due care of:
-
Health,
economy and lively hood of human being.
-
Bio-security including
health, trade and food security and safety
-
Ecosystem of particular
area both underground above ground
-
Biodiversity with
the priority to save and conserve the beneficial organisms found in agro-ecosystem
Agriculture
Agriculture is
an integrated approach or technology involving a group of various packages of
practices being used in integrated manner to grow plants, to produce/ rear animals
and to do their related allied activities.
Each package
of practice is a set of different types of practices being used for particular
purpose.
Wednesday, May 25, 2016
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
नील गगन के तले आईपी एम का पाठ पढ़ें
A school with no boundaries and ceiling where IPM is tought is called as IPM Farmers Field School.
बिना चारदीवारी एवं छत की पाठशाला जहां आईपीएम का पाठ सिखाया जाता है आईपी एम कृषक खेत पाठशाला कहलाता है l अर्थात खेत स्वयं ही एक पाठशाला है जो हमें बहुत कुछ सिखाता है , इसलिए खेत स्वयं ही आईपीएम कृषक खेत पाठशाला कहलाता है l खेत का प्रतिदिन/ प्रति सप्ताह अथवा निश्चित अंतराल या समय अवधि पर भ्रमण करना तथा खेत में घुसकर खेतों की फसल का एवं खेतों के पर्यावरण या पारिस्थितिक तंत्र का अवलोकन करके फसल में पाए जाने वाले लाभदायक, हानिकारक एवं न्यूट्रल जिओ की संख्या का आकलन करने के साथ-साथ फसल पर्यावरण या खेती से संबंधित अजैविक कारकों तथा उनके फसल पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करके फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण हेतु एग्रोइकोसिस्टम एनालिसिस अर्थात फसल पर्यावरण विश्लेषण का चार्ट बनाना तथा सभी बायोटिक एवं एबायोटिक कारकों का फसल के ऊपर पड़ने वाले संभावित सामूहिक प्रभाव को ध्यान में रखकर खेत के लिए अपनाई जाने वाली सभी प्रकार के कृषि क्रियाओं तथा अन्य गतिविधियों के बारे में निर्णय लेने को ही फसल पर्यावरण या फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण कहते हैं l यह गतिविधि ही आईपीएम खेत पाठशाला की प्रमुख गतिविधि है l इससे कृषकों को स्वयं करके तथा अपने अनुभव के आधार पर अपने खेत के लिए अपनाई जाने वाली गतिविधियों बारे में स्वयं निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करके कृषकों को निपुण बनाया जाता है जो कि आई पीएम खेत पाठशाला का प्रमुख उद्देश्य है l
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
आई.पी.एम प्रौद्योगिकी को कृषकों के मध्य पहुँचाने का एक शक्तिशाली तरीका है जो
कृषकों को आई.पी.एम पद्धति को खेतों में लागू करने के लिए कृषकों को सक्षम व निपुण
बनाने में मददगार होता है जिससे कृषक अपने खेतों के बारे में स्वयं निर्णय ले सके।
यह कार्यक्रम 1980 अन्तिम व 1990 के प्रारंभिक दशक से प्रारंभ हुआ था। इस
कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है -
1 स्वस्थ फसल को पैदा करना।
2 कृषकों को अपने खेतों के बारे
में निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करना तथा
आई.पी.एम अपनाने हेतु निपुण व
हुनरमंद बनाना।
3 कृषकों को खेतों में
साप्ताहिक भ्रमण करने के लिए प्रेरित करना।
4 खेतों में पाये जाने वाले
लाभदायक जीवों को खेतों में संरक्षण करने हेतु प्रेरित
करना तथा उनका संरक्षण करना।
आई.पी.एम किसान खेत पाठशाला
के प्रमुख घटक -
·
आई.पी.एम खेत पाठशाला का आयोजन करने हेतु
गांव का चयन
·
वह गांव जहाँ कोई नाशीजीव के प्रकोप का
इतिहास हो
·
जहाँ रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग अधिक
होता है
जहाँ साप्ताहिक भ्रमण संभव हो
·
गांवों व कृषकों का चयन राज्य सरकार के
अधिकारियों व ग्राम पंचायत के
प्रधान की सहमति से चयन किया जाता है।
2 चयनित गांव में 40 हेक्टेयर क्षेत्र चावल के लिए तथा 10 हेक्टेयर क्षेत्र अन्य
फसलों के लिए चयनित किया जाता है।p
3 कृषकों का चयन एवं संख्या 30 कृषक प्रति आई.पी.एम किसान
खेत पाठशाला के आयोजन करने हेतु चयनित किये जाते हैं।
4 कोर ट्रेनिंग टीम: - कोर
ट्रेनिंग टीम में सदस्यों की संख्या दो से तीन/चार तक
हो सकती है। कोर ट्रेनिंग टीम
के लिये चयनित प्रत्येक सदस्य को कम से कम
एक
बार सम्पूर्ण फसलावधि का आई.पी.एम प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया होना अनिवार्य
है।
5- Apprentice
team
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला में 5
राज्य सरकार के प्रचार एवं विस्तार कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाता है जिससे
वो भी इस कार्यक्रम के बारे में प्रशिक्षित हो सकें। इस टीम को । Apprentice team कहते हैं।
6 आई.पी.एम किसान पाठशाला के
आयोजन का समय यद्यपि प्रातः 7 बजे से 12 बजे तक का उचित है परन्तु यह समय कृषकों
की सुविधानुसार भी तय किया जा सकता है।
7 आई.पी.एम कृषक पाठशाला
सैद्धान्तिक रूप से सम्पूर्ण फसल विधि के लिए होता है परन्तु सरकार ने यह
कार्यक्रम कुल 14 सप्ताह तक के लिए सीमित किया हुआ है। इस कार्यक्रम में प्रत्येक
आई.पी.एम खेत पाठशाला के गांव व खेतों में प्रति सप्ताह एक दौरा किया जाता है।
इस कार्यक्रम में करके सीखने की पद्धति को
अपनाकर एक अनौपचारिक शिक्षा के तौर पर अपनाया जाता है। पहले कृषकों को 5 समूहों में बाँटा जाता है। प्रत्येक समूह
का एक लीडर चुना जाता है। आई.पी.एम खेत पाठशाला का आयोजन एक गांव में प्रति सप्ताह
एक बार किया जाता है। खेतों में भ्रमण करके खेत पर्यावरण में पाये जाने वाले अजैविक
व जैविक कारकों के ऊपर observation लिए जाते हैं जिससे पारिस्थितिक तंत्र का
विश्लेषण किया जा सके।
इन observation को एक ड्राइंग सीट पर
प्रदर्शित व चित्रण किया जाता है । इस प्रकार से लिए गये observation के ऊपर
कृषकों व सुविधा प्रदाता की मदद से विचार-विमर्श तथा चर्चा की जाती है और चर्चा के
आधार पर निकाले गये निष्कर्ष के ऊपर निर्णय लिया जाता है। उपरोक्त विधि को Agro eco-system analysis कहते हैं। जिसमें बायोटिक व
अबायोटिक तत्वों के नमूने लिये जाते हैं या उनका सामूहिक प्रभाव अनुमानित किया
जाता है।
आई.पी.एम किसान खेत पाठशाला
कार्यक्रम हेतु अपनाये जाने वाला पाठ्यक्रम
आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
चूँकि अनौपचारिक शिक्षा पद्धति पर आधारित है अतः इसका कोई निश्चित पाठ्यक्रम नहीं
होता है यह पाठ्यक्रम कृषकों व खेत की समस्याओं के आधार पर कार्यक्रमों के प्रति
साप्ताहिक भ्रमण के पूर्व साप्ताहिक भ्रमण के कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद अगले
सप्ताह का कार्यक्रम बनाया जाता है। इस कार्यक्रम में निम्न प्रकार की गतिविधियाँ
शामिल की जाती है-
1 कृषकों का पंजीकरण
2 कृषकों के साक्षात्कार द्वारा
बेंचमार्क सर्वे करना
3 कृषकों को समूहों में बांटना
4 प्रत्येक समूह का एक लीडर
चुनना
5 आई.पी.एम कृषक खेत पाठशाला
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देना इस कार्यक्रम के उद्देश्यों को बताना
6. फसलों की खेती करते समय
कृषकों द्वारा महसूस की जाने वाली परेशानियों के ऊपर चर्चा एवं उनके उपाय
7 बैलेट बाक्स टेस्ट के द्वारा
कृषकों के ज्ञान का मूल्यांकन करना
8 नाशीजीवों एवं उनके प्राकृतिक शत्रुओं (लाभदायक जीवों) एवं बीमारियों, खर-पतवारों की एवं उनके
लक्षणों की पहचान एवं पी.ए.आर( पार्टिसिपेटरी एक्शन रिसर्च) गतिविधयों से संबंधित प्रयोग
9 फसल पर्यावरण (फसल
पारिस्थितिक तंत्र विशलेषण पर आधारित कार्यक्रम
10. आईपीएम कृषक पाठशाला की एरिया में जाने वाली प्रमुख खेती की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा करना l
10 ग्रुप डायनमिक्स
11 खेत दिवस का आयोजन
किसान खेत पाठशाला के 1 दिन का _कार्यक्रम:__
1. पूर्व दिवस की गतिविधियों का पुनर कथन अथवा विवरण l
2. भागीदार किसानों की उपस्थिति दर्ज करना
3. कार्य दिवस की गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण
4. फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण हेतु खेत खेत में अंदर घुस के अवलोकन करना तथा जैविक अजैविक तथा नुकसान करने वाले एवं फायदे पहुंचाने वाले तथा न्यूट्रल जीवो तथा खरपतवार ओं वातावरण आदि का अध्ययन करना तथा नमूना एकत्रित करना l
5.AESA चार्ट की चित्रकारी करना, टिप्पणियों का विश्लेषण करना, तथा समूह ग्रुप के द्वारा आसपास में विचार-विमर्श करके निष्कर्ष पर पहुंचना l
6. ग्रुप के द्वारा AESA चाट का प्रस्तुतीकरण तथा अन्य भागीदारों द्वारा टिप्पणियों पर वार्तालाप करना तथा समस्त भागीदार किसानों के द्वारा खेत में अपनाई जाने वाली गतिविधियों के बारे में सामूहिक निर्णय लेना l
7. सामूहिक निर्णय को लागू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करना l
8. पहले बनाए गए कीट घरों तथा पहले से शुरू किए गए विभिन्न प्रकार के प्रयोगों मैं ऑब्जरवेशन लेना या देखना तथा उनके विषय में आवश्यक कार्यवाही करना l
9. चाय एवं नाश्ता
10. ग्रुप डायनामिक एक्सरसाइज l
11. स्पेशल टॉपिक अथवा विशेष विषय पर गहन चर्चा करना l
12. अगले सप्ताहिक गतिविधियों का चार्ट बनाना l
आ तथा ई.पी.एम किसान खेत पाठशाला
कार्यक्रम से अपेक्षायें ⁸
आई.पी.एम किसान खेत पाठशालाओं
का आयोजन इस आश्य से किया जाता है कि इस कार्यक्रम से प्रशिक्षित तथा निपुण बने
हुये कृषक अपने खेतों में तो आई.पी.एम अपनायेंगे और अपने सहयोगी अन्य कृषकों को
अपना ज्ञान बाँटेंगे तथा अन्य कृषक उनसे सीखेंगे। इस प्रकार से इस कार्यक्रम का गुणात्मक
प्रभाव हो सकेगा।
Thursday, May 19, 2016
Sunday, April 24, 2016
IPM is an intention
1.
To grow crops with minimum
expenditure and minimum/ judicious use of chemical pesticides with a view to
least disturbance to environment, ecosystem and biodiversity.
2.
To understand the
correct objectives of IPM i.e. to grow safe food to eat, to provide quality
agri. products to trade, safe environment to live and to improve lively-hood of
the farmers.
3.
To manage pests with
due care of community health and environment.
4.
To change the mindset
of the farmers to achieve the above objectives.
5.
To provide IPM inputs to the farmers at their doorsteps
to implement IPM.
6.
To save the farmers, to
save the nature, to save the nation and society by way of providing, safe food,
water and environment.
7.
To reduce the use of
chemical pesticides and to promote non chemical methods of pest management.
8.
To enhance the farmer’s
in-come without disturbance the environment.
9.
To spread the
technology upto grass root level.
10.
Lack of intention lead the failure of IPM
technology.
11.
To replace chemical pesticides
with bio-pesticides.
12.
To suppress the pest population up to below
ETL level.
The lack
of intention is observed when one staff of a particular scheme is transferred
to another scheme. At this time the
integration of the mindsets of staff members of CIPMCs and states government is
needed. All efforts may be made to integrate the mindsets. Tuesday, April 5, 2016
IPM is a science to grow crops with intention to provide:
1.
Safe food to eat.
2.
Safe fodder to cattle.
3.
Safe water to drink.
4.
Safe air to breath.
5.
Safe agri. products to
trade.
6.
Safe environment to
live.
Creating awareness among farmers to adopt IPM
The following awareness may be created
among farmers to implement IPM:
1.
The pesticides are not
only panacea for the management of the pests.
2.
Pesticides are harmful
to our health and environment.
3.
All organisms of the
agro eco system are not pests.
4.
Pesticides don’t help
to enhance the crop yield.
5.
Pests are not only the
factors responsible to reduce the crop yield. There are many a bio-tic factors
responsible to reduce to crop yield.
6.
The pest population
below ETL is also needed to maintain the ecological balance in the agro eco
system and for survival of beneficial organisms system.
7.
Calendar based
application of pesticides is not advisable as it is not useful to enhance the
crop yield.
8.
They must grow safe
food to eat.
9.
Indiscriminate use of
pesticides may lead the crop failure also.
10.
Pesticides are more
harmful than pests.
11.
Food security and food safety
must be ensured simultaneously.
12.
Need assessment is
needed before resorting application of pesticides.
13.
Pesticides are poison
need to be handled with care by the farmers.
14.
Pesticides must be used
judiciously.
15.
Farmer’s safety must be
ensured.
Monday, March 28, 2016
Quality revolution in Food Production – A need of the hour
There is a need to have a
quality revolution in food production programme to provide safe food to human
being, Fodder to cattle, Feed to birds as well as quality products to
trade. For which there is a need to reduce the use of chemicals in food
production programme by way of adopting Integrated Pest Management.
Tuesday, March 22, 2016
IPM Concepts
1.
Suppression of Pest
population below economic threshold level by using various practices of Pest
management on priority basis in integrated manner aiming chemical pesticides as
last resort.
2.
Get rid of Pests with
minimum expenditure and least disturbance to environment and ecosystem.
3.
Way forward from grow
more food to grow safe food.
4.
To grow crops with
minimum use of chemical pesticides and promoting the use of bio-pesticides and
other nonchemical and traditional methods.
5.
Replacement of chemical
pesticides with bio-pesticides.
6.
IPM combines biological
control and appropriate farm management practices to minimize the use of
chemical pesticides.
7.
Increase understanding
of biological and ecological processes in agro eco system.
8.
Use of all practices of
crop cultivation keeping community health/ animal health and environment safety
at centre.
9.
To bring quality revolution
in food production without compromising with food security.
10. It
is a set of practices or package of practices to suppress pest population below
ETL using pesticides as last resort.
11. Utilization
of all available techniques and resources to suppress the Pest population below
ETL aiming least disturbance to environment and ecosystem.
12. It
is a way for doing food security and food safety simultaneously.
13. It
is way of managing pest population taking in to consideration of caring of
community health, environment, bio-diversity, social and ecological aspects, farmers safety, food security and
food safety.
14. It
is a total crop health management system based or agro-ecosystem analysis.
15. To
provide detailed package of knowledge of pest management.
16. It
provide option of different practices of pest management aiming chemical
pesticides as last option.
17. It
is multi disciplinary approach with coordinated efforts of all stake holders of
IPM with close liaison and coordination with national and international
agencies.
18. Tolerate
the loss due to pest population up to or below ETL to maintain natural
ecological balance in nature.
19. Manage
the pest population along with conservation the population of bio-control
agents found in agro eco system.
20. Integrated
Pest Management (IPM) is an ecological approach which aims at keeping pest
below economic thresholds level by employing all available alternate pest
control methods and techniques such as cultural, mechanical and biological
control with greater emphasis on use of bio-pesticides and pesticides of
plant-origin like Neem formulation. The
use of chemical pesticides is advised as a last resort when pest crosses
economic thresholds level (ETL).
21. IPM aims to grow quality agri-products which
must be free from pests (100%) as well as pesticides (below MRL) for export
purpose.
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