Tuesday, November 24, 2020

IPM and plant protection आईपीएम और वनस्पति संरक्षण

 समाज को स्वस्थ रखते हुए ,पर्यावरण को स्वच्छ रखते हुए , प्रकृति के संसाधनों को संरक्षित करते हुए  , कृषि एवं जीवन को स्थायित्व प्रदान करते हुए , फसल उत्पादन लागत को कम करते हुए जीवन ,समाज  एवं प्रकृति में सामंजस्य स्थापित करते हुए, सामाजिक विकास एवं सार्वभौमिक भाईचारे तथा विश्वकल्याण की कामना करते हुए ,,क्षतिग्रस्त  पारिस्थितिक तंत्रों का पुनर स्थापन स्थापन करते हुए, कम से कम लागत में अधिक से अधिक कृषि उत्पादन , समाज एवं प्रकृति को कम से कम हानि पहुंचाते हुए तथा समाज के लिए सुरक्षित भोजन के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करते हुए, कृषकों के जीवन स्तर को तथा उनके आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देते हुए अथवा सुधारते हुए, कृषकों की आर्थिक संपन्नता को सुनिश्चित करते हुए ,राष्ट्रीय  एवं अंतर्राष्ट्रीय कृषि व्यापार को  धारा प्रवाहित रूप में संचालन करते हुए  ,,वनस्पति संरक्ष संरक्षण करना ही  आई पीएम का प्रमुख  का प्रमुख उद्देश्य है l इन उद्देश्यों को पूरा करते हुए जो वनस्पति संरक्षण किया जाता है उसे  आईपीएम कहते हैं l अगर इन उद्देश्यों की पूर्ति की इच्छा को ना रखते हुए जो वनस्पति संरक्षण किया जाता है उसे सिर्फ वनस्पति संरक्षण या प्लांट प्रोटक्शन ही कहते हैं l laउत्पाद, उत्पादक एवं उपभोक्ता को स्वस्थ एवं पर्यावरण को उत्तम  रखते हुए  तथा तथा प्रकृति का सुचारू रूप से संचालन कराते हुए वनस्पति संरक्षण करना ही आईपीएम कहलाता है l परंतु अक्सर यह देखा गया है की वनस्पति संरक्षण करते समय उपरोक्त उद्देश्यों का ध्यान नहीं रखा जाता है और  आई पीएम को सिर्फ वनस्पति संरक्षण या प्लांट प्रोटक्शन  तक ही सीमित रखा जाता है और इस प्रकार से हम किसानों तथा समाज को वनस्पति संरक्षण की सेवा ही प्रदान करते हैं  ना कि आई पीएम की l
      यद्यपि  आईपीएम भी प्लांट प्रोटक्शन और खेती करने का ही एक तरीका है जिसमें प्लांट प्रोटक्शन या वनस्पति संरक्षण को उपरोक्त विचारधारा के अनुसार क्रियान्वयन किया जाता है l अतः हमें IPM  को क्रियान्वयन करने हेतु वनस्पति संरक्षण या प्लांट प्रोटक्शन को उपरोक्त विचारधारा के अनुसार बदलना पड़ेगा और उसके अनुसार ही आईपीएम हेतु एक नवीन कार्यक्षेत्र बढ़ाना पड़ेगा तथा उस कार्य क्षेत्र  मैं समाहित किए जाने वाले गतिविधियों को प्रायोगिक रूप से क्रियान्वयन करने हेतु आवश्यक  इनपुट की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए  jio प्राथमिकता के तौर पर आवश्यक कदम उठाने पड़ेंगे l
     अक्सर यह भी देखा गया है कि जब हम  आईपीएम के क्रियान्वयन की बात करते हैं तो हम कृषक ,कृषक मजदूरों  समाज एवं पर्यावरण तथा प्रकृति की जरूरतों एवं समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं और सिर्फ वनस्पति संरक्षण या प्लांट प्रोटक्शन से संबंधित गतिविधियों को ही क्रियान्वयन करते हैं जबकि किसान तथा प्रकृति और समाज की समस्याएं कुछ और ही होती हैं l जब तक इन समस्याओं का समाधान खेती करने के दौरान नहीं किया जाएगा तब तक आईपीएम का पूर्ण रूप  से क्रियान्वयन नहीं हो सकेगा तथा प्लांट प्रोटक्शन को आईपीएम में परिवर्तित नहीं किया जा सकता l
     IPM  के क्रियान्वयन हेतु वनस्पति संरक्षण के उपायों के साथ साथ समाज, प्रकृति , पर्यावरण  ,पारिस्थितिक तंत्र, जलवायु, ग्लोबल वार्मिंग जैसे समस्याओं तथा खाद्य सुरक्षा एवं सुरक्षित भोजन की  सुनिश्चितl जैसी समस्याओं का हल भी डिलीवर होना चाहिए l  अक्सर यह देखा गया है आईपीएम के  क्रियान्वयन करते समय वनस्पति संरक्षण से जुड़ी हुई समस्याओं के समाधान की तो डिलीवरी होती है परंतु उपरोक्त मुद्दों से जुड़ी हुई समस्याओं के हल की डिलीवरी नहीं होती है जो कि आई पीएम का मुख्य उद्देश्य होता हैl जिससे आई पीएम की अधूरी सेवाएं समाज व पर्यावरण को मिल पाते हैं जिससे आईपीएम से से होने वाला  लाभ भी आधा ही प्राप्त होता है l

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