Thursday, March 23, 2023

कृषि एक दर्शन या प्रकृति का विज्ञान

कृषि एक विज्ञान का विषय नहीं है बल्कि यह एक दर्शनशास्त्र का विषय है। इसी प्रकार से प्राकृतिक खेती प्रकृति से संबंधित एक दर्शन है।
भूमंडल में पाए जाने वाले सभी जड़ और चेतन की संपूर्ण व्यवस्था ही प्रकृति कहलाती है। प्रकृति में प्रकृति की व्यवस्था एवं प्रकृति का कानून चलता है मनुष्य का कानून नहीं ।
    प्रकृति में प्राकृतिक संतुलन को कायम रखने तथा जीवन को स्थायित्व प्रदान करने हेतु एक स्वयं संचालित, स्वयं  विकास, स्वयं पोशी, स्वयं नियोजित, स्वयं सक्रिय एवं सहजीवी, आत्मनिर्भर ,फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा पद्धति पाई जाती है। इस पद्धति को अध्ययन करना तथा उसको खेती में प्रयोग करना ही प्राकृतिक खेती कहलाता है।
    कृषि की समग्रता को सिर्फ प्रकृत ही जानती है।  हमें प्रकृति के साथ मिलकर ही जीना है। प्रकृति के साथ परस्पर ता में जीना प्राकृतिक खेती है।
प्रकृति में पाए जाने वाले सभी सभी जड़ एवं चेतन अर्थात जीवित व जीवित कार क एक दूसरे पर आधारित है तथा उनको एक विशेष कार्य भी प्रकृति के द्वारा सौंपा गया है। प्रकृति में किसी एक अकेले जैविकअथवा अजैविक कारक का अपने आप में कोई विशेष अस्तित्व नहीं है बल्कि प्रकृति के सभी जैविक व अजैविक कारक एक दूसरे के ऊपर निर्भर रहते हुए एक पद्धति अथवा सिस्टम का संचालन करते हैं।
  कृषि अथवा प्राकृतिक खेती का अर्थ होता है संसार को पालना। प्रकृति में पाए जाने वाले जैविक और अजैविक कारकों का हमारे जीवन को स्थायित्व प्रदान करने के लिए एक ऐसा रिश्ता है जिस के बगैर हमारा अस्तित्व नहीं रह सकता । प्रकृति में पाए जाने वाले इस प्रकार के पद्धति या सिस्टम तथा प्रकृति के विभव अथवा पोटेंशियल को कायम रखने के लिए हमें अपना योगदान देना होगा तथा हमें यह संकल्प करना होगा कि हम प्रकृति की किसी भी इकाई को क्षतिनहीं कहीं   पहुंच। ऊंगा। ।
  स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे देश में खाद्यान्न की समस्या थी जिसके लिए सिंचाई के साधन, फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीज, रसायनिक कीटनाशक एवं उर्वरक तथा ट्रैक्टर जैसे कृषि के यंत्र विकसित हुए जिनके उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि हुई और हम खाद्यान्न मैंआत्मनिर्भर बने । जहां एक तरफ हम खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बने वहीं दूसरी तरफ रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से प्रकृति ,फसल पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता, सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण आदि से जुड़ी हुई बहुत सारी समस्याएं उभर कर आ  गई। मिट्टी की उर्वरा शक्ति मैं कमी, मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों एवं सूक्ष्म तत्व तथा ऑर्गेनिक कार्बन ,ह्यूमस, आदि की कमी, भूजल स्तर का नीचे चले जाना, मिट्टी की संरचना में परिवर्तन, फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीव जैसे मेंढक ,केचआ, खेतों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के लाभदायक जियो जैसे मकड़िया मधुमक्खियां तितलियां भोरे आदि,खेतों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पक्षी आदि विलुप्त हो गए। इसके साथ साथ विभिन्न प्रकार के फसलों में पाए जाने वाले हानिकारक जीवो की संख्या में बढ़ोतरी एवं इन जीवो से संबंधित नए हानिकारक जीवो की समस्याएं उभर कर आई।
 फसल उत्पादों के उत्पादन लागत मैं बढ़ोतरी, बढ़ती हुई जनसंख्या को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा रोगों से सुरक्षा पर्यावरण सुरक्षा जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित करना आज के तथा भविष्य की प्रमुख समस्या है। इसके साथ-साथ मिट्टी पानी हवा प्राकृतिक के  संसाधनों की सुरक्षा मिट्टी व भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना रसायनों का उचित विकल्प ढूंढना फसलों की उत्पादकता बढ़ाना कृषकों की आमदनी बढ़ाना गुणवत्ता युक्त प्रश्न उत्पादों का उत्पादन करना भूजल स्तर को ऊपर लाना कृषि उत्पादों की उत्पादन लागत को कम करना फसलों के देसी बीज एवं देसी गायों की नसों को बचाना आज की खेती की प्रमुख मांगे हैं। प्राकृतिक खेती के द्वारा इन मांगों को पूरा किया जा सकता है। किसानों की समृद्धि को बढ़ाना तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करना आज की खेती के प्रमुख मांग है जिनको प्राकृतिक खेती के द्वारा सुनिश्चित किया जा सकता है।
2. खेती में रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग इस्तेमाल से हमारा खान-पान विषैला हो चुका है और जमीन बंजर होती जा रही है। आम नागरिक कैंसर, शुगर, हाई ब्लड प्रेशर ,हृदयरोग इत्यादि गंभीर बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं ,कृषि उपज लागत भी बढ़ती जा रही है तथा जैव विविधता भी नष्ट होती जा रही है। प्राकृतिक खेती तथा आईपीएम के प्रयोग से उपरोक्त परेशानियों से बचा जा सकता है।
Due to indiscriminate use of chemical pesticides and fertilizers:
.Our foods and drinks have become poisonous 
.Land become barren.
.Public or society is suffering from diseases like Cancer, Diabetes,high blood pressure,and with other cardiac diseases etc.
.Biodiversity, Agroecosystem,and other natural resources has been damaged,
.Cost of crop production and protection has been enhanced or increased.
 The above problems can be avoided through the use of IPM and Natural Farming.
3. प्राकृतिक खेती तथा आईपीएम के बल पर ही भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है, उसकी उर्वरा शक्ति भी बढ़ाई जा सकती है जल, जमीन और जीवन के साथ-साथ किसान को भी बचाया जा सकता है ।इसी से समाज को स्वस्थ तथा किसान को समृद्ध साली बनाया जा सकता है ।
The soil fertility, safety of natural resources like land  or soil,water, biodiversity and life etc can be ensured on the strength of Natural farming and IPM .The sefety and prosperity of the of society including Farmers can also be ensured though these types of farming systems.






Tuesday, March 21, 2023

आई पी एम की नवीनतम दृष्टिकोण से परिभाषा

न्यूनतम खर्चे से एवं रसायनों के न्यूनतम इस्तेमाल अथवा बिल्कुल ही ना इस्तेमाल से और सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण ,पारिस्थितिक तंत्र ,जैव विविधता, मिट्टी की उर्वरा शक्ति तथा संरचना, प्रकृति व उसके संसाधनों  , समाज  तथा जीवन को कम से कम बाधित करते हुए नाशि जीवो की समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करते हुए अथवा उनकी संख्या को आर्थिक हानि स्तर के नीचे सीमित रखते हुए बीज से लेकर बाजार तक की तथा फसलों के उत्पादों के अंतिम प्रयोग तक की फसल उत्पादन, फसल रक्षा तथा फसल प्रबंधन करने की संपूर्ण पद्धति को ही आईपीएम कहते हैं जिससे खाने योग्य सुरक्षित तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन किया जा सके तथा साथ-साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति, मिट्टी में पाए जाने वाले ऑर्गेनिक कार्बन, ह्यूमस, सूक्ष्मजीवों तथा सूक्ष्म तत्व का मिट्टी में संवर्धन ,फसल पारिस्थितिक तंत्र में जैव विविधता का संरक्षण एवं संवर्धन हो सके तथा समाज और प्रकृति की बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सके।
                                                थीम द्वारा
                                             राम आसरे
                                    अपर वनस्पति संरक्षण                                                             सलाहकार(सेवानिवृत्त).  

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Saturday, March 18, 2023

खेती से जुडी हुई चुनौतियां एवं चिंतन

1,To ensure food security, nutritional security,Health security for ever growing human and animals poplation, besides Environment safety,and safety for biodiversity .We have to produce 50 crores of food grains up to 2050 from 25 crores production of food grains at present,also to promote  nutritious food ie promotion of the  production of millets etc ,to produce safe food with minimum use of chemical pesticides and fertilizers or without their use in farming through adoption of IPM and Natural farming systems of Farmings.
2.To enhance the fertility of soil,
3.To ensure safety and conservation  of soil,water,air and other natural resources.
4.To findout the alternative of chemicals  in farming.
5.To enhance the income of the farmers.
6.To ensure the suitable markets and profitable rates of the sale of agricultural produce or commodities.
7.To Uplift the level of ground water which have gone down due to overuse and extaction throghover  tube well.
8.To reduce the cost of production of agricultural commodities.
9.To conserve and preserve the crop seeds of Deshi crops,Deshi Cow,Deshi Earth Worms, and other beneficial organisms found in Agroecosystem on above and underground Agroecosystem,also to enhance the Organic Carbon microorganisms and micronutrents in the soil.
10.To ensure IPM and Natural farming inputs at the doorsteps of the farmers through establishment of industries of bio pesticides,and pesticides of plant origin and different bicontrol agents and traps etc.
11. To ensure self sufficiency in oilseeds and pulses and Milk etc.

Saturday, March 11, 2023

Approaching towards Natural Farming. प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना

अगर बचानी है जिंदगानी
तो आगे बढ़ानी होगी आईपीएम की कहानी
और प्रारंभ करनी होगी प्राकृतिक खेती की एक नई कहानी
जिसे सुन नी होगी हम सब की जुबानी ।
          प्राकृतिक खेती प्रकृति के सिद्धांतों पर आधारित खेती करने का एक तरीका है। रसायनिक खेती ने प्रकृति, समाज और खेती सभी का विध्वंस किया है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति का क्षरण अथवा नष्ट होना, पारिस्थितिक तंत्र एवं उस में पाई जाने वाली जैव विविधता का नष्ट होना, भूजल स्तर को नीचे की ओर चला जाना या गहराई में चला जाना, मिट्टी में सूक्ष्मजीव एवं ह्यूमुस तथा ऑर्गेनिक कार्बन की संख्या में कमी होना, फसल उत्पाद के स्वाद मैं बदलाव, फसल लागत में बढ़ोतरी फसलों में लाभदायक जीवो का नष्ट होना तथा हानिकारक  जीवो की संख्या में बढ़ोतरी, देसी गाय तथा देसी बीजों का संकरी करण, देश में बहुत बड़ी रसायनिक पेस्टिसाइड्स इंडस्ट्रीज का स्थापित होना आदि रसायनिक खेती के द्वारा हुए विध्वंस के कुछ उदाहरण है।
उपरोक्त समस्याओं का समाधान करते हुए प्रकृति के सिद्धांतों पर खेती करना ही प्राकृतिक खेती कहलाता है।
    प्राकृतिक खेती की विचारधारा को कई तरीके और कई प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं ।.
A.  समाज को स्वस्थ रखते हुए
1. क्षतिग्रस्त हुए पारिस्थितिक तंत्र तथा जैव विविधता का पुनर स्थापन करना ।
Restoration of damaged Agroecosystem and biodiversity.
2. भूजल स्तर को ऊपर लाना ।
    To uplift the level of ground water .
3. भोजन का टेस्ट अथवा स्वाद वापस लाना है जो भूमि मैंऑर्गेनिक कार्बन को बढ़ाने से होगा।
To bring back the taste of food which will come back by enhancing the organic carbon in soil.
4. फसल उत्पादन लागत कम करना तथा विक्रय मूल्य को  बढ़ाना ।
To reduce the production cost crop produce.
5. भूमि की उर्वरा शक्ति को वापस लाना तथा उसको बढ़ाना जिससे बढ़ती हुई आबादी को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
To bring back and enhance  the fertility of soil to ensure food security for ever growing population of country.
6. देसी बीज एवं देसी गाय की प्रजातियां को बचाना।
To preserve and protect deshi seeds and varieties .
7. खेती की नवीन विधियों के साथ साथ परंपरागत विधियों को बढ़ावा देना । 
To. Promote tradditional methods of farming along with new innovative technologies

8. परिवार जिसमें जानवर भी शामिल है की जरूरत के हिसाब से फसलों का नियोजन।
Crop planning as per trequirement of the family inclding animals.
B.
Nature has a self sustained,self organised,self developing,self nourished,self planned,self active and symbolic crop production, protection and crop management system to maintain natural balance in nature including Agroecosystem and also to sustain life on earth including Agroecosystem as biodiversity.To study and to implement these natural processes without or with least disturbances to these crop production protection and mangement systems already going on in the nature to achieve the following objectives is a concept of natural farming or is called as Natural Farming.
Lets facilitate the crop production and protection systems or processes already going on in the nature or Agroecosystem to promote Natural Farming.
IPM and Natural Farming both are the bioecological approaches of crop production and protection in which thefarming is done with minimum or without use of chemicals withleast disturbance to community's health environment ecosystem biodiversity nature and society.
प्रकृति में प्राकृतिक संतुलन को कायम रखने तथा जीवन को जैव विविधता के रूप में स्थायित्व प्रदान करने हेतु एक स्वयं संचालित, स्वयं  विकास जी , स्वयं पोशी, स्वयं नियोजित, स्वयं सक्रिय एवं सहजीवी आत्मनर्भर
 फसल उत्पादन ,फसल रक्षा तथा फसल प्रबंधन पद्धतियां पाई जाती है। इन पद्धतियों को अध्ययन करके उनको कम से कम अथवा नहीं बाधित करते हुए तथा उनका क्रियान्वयन करते हुए निम्नलिखित उद्देश्य को पूरा करने हेतु तथा फसल उत्पादन व संरक्षण एवं फसल प्रबंधन की पद्धतियों से संबंधित पाई जाने वाली समस्याओं को हल करते हुए फसल उत्पादन, फसल रक्षा तथा फसल प्रबंधन करना ही प्राकृतिक खेती की विचारधारा है अथवा प्राकृतिक खेती है।
प्रकृति में चल रही फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा लाली को सुविधा प्रदान करके अथवा फैसिलिटेट करके प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है।
 प्राकृतिक खेती एवं आई पी एम दोनों ही खेती करने के बायो इकोलॉजिकल अथवा जैव पारिस्थितिक तरीके हैं जिनमें रसायनों  का न्यूनतम अथवा बिल्कुल ही इस्तेमाल ना करते हुए खेती की जाती है।

Saturday, March 4, 2023

My few Mantras on IPM Philosophy आईपीएम दर्शन पर मेरे कुछ मंत्र

1.Pesticides are more harmful than the pests.
कीटनाशक नासि जीवो से अधिक हानिकारक होते हैं।
2.All the organisms found in Agroecosystem are not harmful or  the pests.
फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी जीव हानिकारक नहीं होते हैं।
3.All the pests must not be controlled.
   सभी नासि जिओ को नियंत्रित नहीं करना चाहिए।
4.Calender based application of chemical pesticides are neither useful not needed or  requiredfor crop production.
कैलेंडर पर आधारित रसायनिक कीटनाशकों का प्रयोग फसल उत्पादन हेतु ना तो अपरिहार्य होता है और ना ही लाभदायक होता है।
5.Abiotic factors are more significant than the biotic factors in crop production.
फसल उत्पादन हेतु जैविक कारकों की तुलना में अजैविक कारक अधिक महत्वपूर्ण होते है
6.A plenty of useful organisms  are also found  in Agroecosystem which regulates the pests population and maintain the pests population below economic threshold level.
फसल पारिस्थितिक तंत्र में ऐसे लाभदायक जीव बहुतायत में पाए जाते हैं जो नासि जीवो की संख्या की वृद्धि को नियंत्रित करते हैं और उनको आर्थिक हानि स्तर के नीचे सीमित रखने में सहायक होते हैं।
7, Plants have their each and every parts more than their requirement.
पौधे में प्रत्येक भाग उनकी आवश्यकता से अधिक मात्रा में पाए जाते हैं ।
8.Plants have an ability to tolerate loss due to biotic and abiotic infestations up to  some r extent.
पौधों में जैविक व अजैविक आक्रमण को कुछ हद तक सहन करने की क्षमता होती है।
9. We can reduce  the use of chemical pesticides up to some extent with regular and constant crop pest Surveillance.
नासिजीवो की सतत निगरानी मात्र से ही  कीटनाशकों के प्रयोग को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
10.To  reduce the use of chemical pesticides and fertilizers and to promote the use of bio pesticides is  the main objective of IPM .
आईपीएम का लक्ष्य रसायनिक कीटनाशकों के प्रयोग को सीमित रखना
 तथा जैविक कीटनाशकों के प्रयोग को बढ़ावा देना है ।
11.Nature has its own system which need not to be disturbed without any specific reason.
प्रकृति की अपनी व्यवस्था है जिसमें बिना विशेष कारण के व्यवधान डालना उचित नहीं है ।
12.Let us  motivate ,educate and facilitate to implement or to adopt IPM.
आईपीएम अपनाने हेतु लोगों को प्रेरित करें ,शिक्षित करें तथा इसकी सहूलियत प्रदान करें ।
13.Lets learn from our own and farmers experiences.
कृष को और अपने स्वयं के अनुभव से सीखे ।
14.Popularise IPM technique to public.
आई पी एम तकनीक को जन-जन तक पहुंचाएं ।
15.Lets include tradditional and innovative  technology in IPM.
खेती से संबंधित पारंपरिक तथा नवीनतम प्रौद्योगिकी को आईपी एम में शामिल करें ।
16.Lets conduct weekly crop pest Surveillance of the field so that a suitable strategy can be made baded on the actual field situation.
सप्ताह में एक बार खेतों की निगरानी अवश्य करें ताकि वास्तविक स्थिति पर आधारित रणनीति बनाई जा सके ।
17,Let's conserve the farmers friends on the crop fields .
फसलों मैं कृषकों के मित्र जीवो को खेतों में संरक्षित करें ।
18.IPM is a joint effort of the farmers and scientists .
आईपी एम कृष को एवं वैज्ञानिकों का संयुक्त और सम्मिलित प्रयास है।
19. Natural farming is the improved version of I P M.
प्राकृतिक खेती आई पीएम का ही एक सुधरा हुआ रूप है।
20.IPM is a social movement to maintain  harmony with nature and society.
आई पी एम प्रकृति और समाज के बीच में सामंजस्य स्थापित करने हेतु एक प्रकार का सामाजिक आंदोलन है।
21.Tolerate the crop  loss due to pests up to the pest population below economic threshold level.Pest population below economic threshold level is required for the survival of beneficial organisms  found in Agroecosystem.
हानिकारक जीवो की संख्या के द्वारा फसलों का आर्थिक हानि स्तर के नीचे तक होने वाले नुकसान को सहन करें ।
हानिकारक जीवों की आर्थिक हानि स्तर के नीचे की संख्या फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले लाभदायक जीवो के जीवित एवं पारिस्थितिक संतुलन रहने के लिए आवश्यक होती है ।
22.Control only those pests first which do not provide us sufficient time tocontr them .
उन हानिकारक जीवो को पहले नियंत्रण करना चाहिए जो नियंत्रण हेतु हमें पर्याप्त समय नहीं प्रदान करते हैं।
23.Plants have an ability to sustain themselves undercertain adverse conditions up to some extent.
पौधों में विपरीत परिस्थितियों में  कुछ हद तक जीवित रहने की योग्यता होती हैं l
24.IPM is a way forward from grow more food to grow safe nutritious and quality food.
आई पी एम अधिक भोजन उत्पादन के साथ-साथ सुरक्षित, पौष्टिकता एवं गुणवत्ता युक्त भोजन के उत्पादन के मार्ग को प्रशस्त करता है।
25.Plants have an ability to compensate the yield loss due to biotic stresses or pests up to some extent.
पौधों में कुछ हद तक जैविक तनाव से अथवा पेस्टस के द्वारा फसल उपज हनी की भरपाई करने की योग्यता होती है ।
26.Do not consider any organism as a pest without assessing it's risk potential.
किसी भी हानिकारक जीव की जोखिम क्षमता का आकलन किए बगैर उस जीव को हानिकारक जीव की श्रेणी में नहीं समझना चाहिए ।
27.No any chemical pesticide is safe.There is no any good or bad chemical pesticide.
कोई भी रसायनिक कीटनाशक सुरक्षित नहीं होता है। और कोई भी अच्छा या बुरा रसयनिक कीटनाशक नहीं होता है ।
28.Non availability of IPM inputs at the doorsteps of the farmers is the main constraint in implementation of IPM.
आईपीएम इनपुट की किसानों के द्वार पर अनुपलब्धता आईपीएम के क्रियान्वयन में एक मुख्य बाधा है।
29.Diseaseless,hungerless,medicine less society , poisonless food and pollutionless environment are the main expectations of IPM.
रोगमुक्त ,औषधि मुक्त ,भूख मुक्त समाज तथा जहर मुक्त खेती या भोजन और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण आईपीएम की मुख अपेक्षाएं हैं।
30. आई पी एम की अपेक्षाएं एवं सिद्धांत

        जहर मुक्त खेती और रोग मुक्त समाज
         यही है आई पी एम के प्रयास
        जब होगा जहर मुक्त अनाज हमारा
         तभी बनेगा स्वस्थ समाज हमारा
        रोगमुक्त ,औषधि मुक्त और भूख मुक्त समाज
       यही है आई पी एम के प्रयास
       शोषण मुक्त खेती तथा प्रदूषण मुक्त पर्यावरण
      यही है आई पी एम के आचरण
     मुनाफा अथवा लाभ युक्त खेती तथा कर्ज मुक्त किसान
      यही है आई पी एम तथा प्राकृतिक खेती की शान
      सुरक्षित भोजन युक्त खाद्य सुरक्षा
Food security along with food safety
Is the IPM's Expectancy.


      यही है आई पी एम से अपेक्षा
        सुरक्षित एवं संरक्षित जैव विविधता एवं सक्रिय               पारिस्थितिक तंत्र
       यही है आई पी एम और प्राकृतिक खेती का मंत्र
      जब होगी पौष्टिकता एवं गुणवत्ता युक्त खाद्य सुरक्षा
      तभी हो सकेगी देश की रक्षा
      कम लागत एवं कम पानी सेअधिक उत्पादन
    प्राकृतिक खेती एवं  आई पी एम है खेती के साधन
  ग्लोबल वार्मिंग एवं किसान आत्महत्याओं से छुटकारा
   प्राकृतिक खेती एवं आईपीएम है मात्र सहारा
जहर मुक्त खाना और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण
सुखी और स्वस्थ जीवन यही है आईपीएम एवं प्राकृतिक खेती के आचरण
    देसी बीज, और देसी गाय, देसी केचुआ, और देसी उपाय
    यह सभी है प्राकृतिक खेती और आई पी एम के उपाय
Go away from chemicals and come closure to the nature.
रसायनों से दूर हटते हुए और प्रकृति की ओर बढ़ते हुए खेती करना आई पी एम   एवं प्राकृतिक खेती के सिद्धांत है
जब होगी पौष्टिकता एवं गुणवत्ता युक्त खाद्य सुरक्षा
तभी हो सकेगी देश की रक्षा
धरती मां एवं उसकी मिट्टी को  स्वस्थ बनाएं
रसायन रहित खेती अपनाय
मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाएं
भरपूर भोजन एवं संपन्न समाज

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प्रकृति में दवा का कोई स्थान नहीं है
प्रकृति में प्रतिस्पर्धा एवं शोषण नहीं बल्कि सहजीवन होता है
Natural farming is an exploitless farming
प्राकृतिक खेती शोषण रहित खेती है
रासायनिक खेती ईश्वर मान्य नहीं है
Feed the soil not to the plant
No first use of chemicals 
रसायनों का प्रथम प्रयोग ना करें
Observe more react less
अवलोकन अधिक करें प्रतिक्रिया कम
विकल्प प्रकृति से दूर ले जाते हैं
Alternatives takes away from the nature.




31.Development should not be catestrofic in nature.
     विकास को विनाशकारी ना बनाया जाए
32,.IPM give us ecological and environmental development along withGDP based economical development.
आईपीएम हमें जीडीपी पर आधारित विकास के साथ-साथ पारिस्थितिक तंत्र एवं पर्यावरणीय विकास प्रदान करता है।
33.Be nature friendly to conserve nature and adopt nature friendly life style.
    प्रकृति के संरक्षण हेतु प्रकृति हितैषी बने और प्रकृति अनुकूल जीवन चर्या अपनाएं।
34,IPM is a social movement of change of chemical mindset of the farmers and other IPM stakeholders to reduce the use of chemical pesticides
आईपीएम कृषि में रसायन  के प्रयोग को कम करने तथा किसानों  की कृषि में रासायनिक उपयोग की मानसिकता परिवर्तन का एक सामाजिक आंदोलन है।
35.Crop Mansgememt through systematic approach is the modern concept of IPM.
 शु व्यवस्थित व्यवस्थित  से ढंग से फसलों का संपूर्ण प्रबंधन आए पम की एक आधुनिक विचारधारा है।
36.IPM is a way of plant protection to achieve Green Revolution along with quality revolution, re-establishment of damaged Agroecosystem,promotion of biodiversity ,soil fertility,Humus farmaation,and micronutrents and microorganisms in Agroecosystem.
37.IPM war is being fought without weapons and ammunitions due to non availability of IPM inputs at the doorsteps of thefarmers.
आईपीएम का युद्ध आई 





 जोर इतनापीएम इनपुट्स की किसानों के द्वार पर अनुपलब्धता की वजह से बिना हथियार एवं गोला बारूद अर्थात रासायनिक रहित इनपुट के द्वारा लड़ा जा रहा है।
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तालीम पर जोर इतना तहजीब पर शोर इतना
फिर भी बरकत नहीं है क्योंकि नियत खराब है
आंखों की रोशनी से कुछ हो नहीं सकता
जब तक की जमीर की लौ बुलंद ना हो
आईपीएम तथा प्राकृतिक खेती के इनपुट का औद्योगिक उत्पादन करें और उनकी पर्याप्त मात्रा में किसानों के द्वार पर उपलब्धता सुनिश्चित करें।
प्राकृतिक खेती के इनपुट्स को आईपीएम में शामिल करने से पूर्व उनका विभिन्न फसल पारिस्थितिक तंत्रीयक्षेत्रों एग्रोकोलॉजिकल जोन्स में वैलीडेशन पुष्टि अथवा मान्य करण  करें ।