Sunday, August 25, 2024

इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (आईपीएम )

                इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (आई पी एम )
 आईपीएम, बीज से लेकर सुरक्षित फसल उत्पादों के उत्पादन,भडारण , विपणन तथा व्यापार व फसल उत्पादों के अंतिम प्रयोग एवं अगली फसल की बुवाई की तैयारी तक की नाशिजीव प्रबंधन सहित संपूर्ण कृषि तत्र के समेकित प्रबंधन की एक कार्य शैली, विज्ञान, दर्शन, आध्यात्म, समाजशास्त्र , अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन, योजना, नीति शस्त्र एवं विचारधारा है जिसमें कम से कम खर्चे में, रसायनों का कम से कम उपयोग करते हुए तथा प्रकृति, पर्यावरण ,समाज एवं जीवन को कम से कम बाधित करते हुए खेती करने की एवं वनस्पति संरक्षण करने की सभी विधियों को समेकित रूप से प्रयोग करते हुए जिसमें रासायनिक विधियों  का प्रयोग सिर्फ अंतिम विकल्प के रूप   में किसी आपातकाल स्थिति के निदान हेतु प्रयोग करते हुए ,खेतों में नाशिजीवों की संख्या को आर्थिक हानि  स्तर के नीचे सीमित रखते हुए नाशिजीवों की समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करने के साथ-साथ फसलों के उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन एवं उनका अधिक से अधिकविक्रय मूल्य प्राप्त करने के साथ साथ खाने के योग्य  सुरक्षित भोजन का उत्पादन किया जाता है आई पी एम कहलाता है ।
आई पी एम संपूर्ण कृषि पद्धति प्रबंधन का एक समेकित तरीका है जो कृषकों की जीविका प्रबंधन तथा उसको बरकरार रखने के  लिए भी समर्पित है ।
IPM is to get rid of from pest problems or to suppress the pest problems below Economic threshold level and also to get maximum production with more and more sale price of crop produce with minimum expenditure, minimum use of chemicals and with least disturbance to nature, environment,society and life through adoption of all available, affordable,and feasible methods of farming or pest management in compatible manner using chemical method only to combat emergency.
              .                                                                                             राम   आसरे
अपर वनस्पति संरक्षण सलाहकार (आई पी एम) सेवानिवृत्त
वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय ,भारत सरकार

आई पी एम खेती करने अथवा वनस्पति संरक्षण करने का एक तरीका, विज्ञान, विचारधारा, दर्शन, आध्यात्म, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन, योजना तथा नीति शास्त्र है।
आईपीएम संपूर्ण कृषि तंत्र प्रबंधन की एक समेकित विचारधारा है ना की सिर्फ नाशीजीव प्रबंधनकी ।
IPM is a concept of the management of complete Agriculture system not only the management of pests.
IPM is the systematic management of complete Agricultural/ farming System.
IPM is an integrated management of complete Agricultural system including pest management with safety of life,nature and society.
कृषि स्वयं में एक एकीकृत अथवा समेकित विचारधारा है ।
प्राकृतिक खेती आईपीएम का ही एक सुधारहुआ रूप है जिसमें रसायनों का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाता तथा फसल पारिस्थितिकी तंत्र को रूपांतरित करके, मिट्टी को बलवान तथा उपजाऊ बनाकर देसी गाय, देसी कचुआ, फसलों के देसी बीज, तथादेसी विधियों को अपनाकर फसल पारिस्थितिक तंत्र एवं समाज की जरूरत के हसाबखेती की जातीहै।
Initially I P M Scheme was launched with a slogan ie IPM for better Environment but later on based on the needs of nature ,life and society  its mandate was extended and included aspects related with इकॉनमीtrade,food security along with food safety and also with the safety of life,nature including ecosystem,biodiversity, economy,and society.
The area of the mandate of IPM was enhanced time to time keeping in view of need.

Wednesday, May 15, 2024

Goddess IPM Ensures

1,Food security along with food safety that is why it is known as Annapurna.
2 Conservation of biodiversity 
3, Community health.
4,Life and its five elements.
5.Harmony with nature and society.
6, Freedom from environmental pollution.
7,Promotion of national and international trade.
8,Grow safe food to eat and quality agricultural commodities to trade.
9,Make the farmers experts to  implement IPM.
10,To perceive globalwelfare and universal brotherhood.
11.Sustainable Agriculture.
12 International cooperation.

Tuesday, May 7, 2024

आईपीएम की नवीन विवेचना

किसी भी थीम,कॉन्सेप्ट या विचारधारा का जीवन, प्रकृति, समाज ,पर्यावरण, आध्यात्मि, अर्थशास्त्र, व्यापार, धर्म, जलवायु, पारिस्थितिक तंत्र संबंधी विभिन्न मुद्दों एवं इनके बदलते हुए परिदृश्य के परिपेक्ष के हिसाब से विवेचना करना, चिंतन करना, संबंध स्थापित करना एवं परिभाषित करने को फिलासफी अथवा दर्शन कहते हैं। इसके अध्ययन को दर्शनशास्त्र कहते हैं । 
आई पी एम फसल उत्पादन, फसल रक्षा,फसल प्रबंधन, नशी जीवप्रबंधन, फसल विपणन, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी प्रबंधन, फसल विविधता, फसल उत्पादों का ट्रेड ,आयात एवं निर्यात, फसल उत्पादों का सुरक्षित स्टोरेज अथवा भंडारण आदि की बीज से लेकर फसलों के उत्पादों के अंतिम प्रयोग एवं अगली फसल की बुवाई की तैयारी तक की एक समेकित विचारधारा, विज्ञान, दर्शन ,अध्यात्म ,समाजशास्त्र ,अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन ,योजना तथा नीतिशास्त्र है जिसमें कम से कम खर्चे में, कम से कम रसायनों का इस्तेमाल करते हुए तथा सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण ,पारिस्थितिकतंत्र ,जैव विविधता, जीवन एवं के इसके पंच महाभूत क्षत, जल ,पावक ,गगन, समीरा, तथा प्रकृति और समाज को कम से कम बाधित करते हुए ,फसल उत्पादन ,फसल रक्षा ,फसलप्रबधन, फसल विपणन आदिकी विधियों को समेकित रूपसे प्रयोग करते हुए फसल पारिस्थितिकतंत्र में पाए जाने हानिकारक जीवों अथवा नशीजीवों की संख्या को आर्थिक हानिस्टार के नीचे रखते हुए देश, परिवार तथा पारिस्थितिकतंत्र अथवा जलवायु की जरूरत के हिसाब से फसलों की जरूर का नियोजन करते हुए खाने के योग्य सुरक्षित तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता यक्त विभिन्न प्रकारके फसल उत्पादों का अधिक से अधिक उत्पादन इस प्रकार से करना की इन उत्पादोंका अधिक से अधिक विक्रयमूल्य तथासुरक्षित भोजन के सथ-साथ खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके आईपीएम कहलाता है।
2, आई पी एम पर्यावरण, प्रकृति ,समाज एवं जीवन के सभी पहलुओं से जुड़ी हुई वनस्पति संरक्षण सहित खेती करने एक समेकित पद्धति  है जिससे सभी वर्ग के किसानों की जीविका 
 सुनिश्चित की जा सके तथा फसल पारिस्थितिक तंत्र एवं इसकी जैव विविधता का संरक्षण किया जा सके।     आईपीएम, वनस्पति संरक्षण, अथवा खेती करने की एक लचीली प्रणाली है जो सभी वर्गों के कृषकों के लिए अलग-तरीके से क्रियान्वित की जाती है।
3 ,कृषक हितैषी नीतियों का निर्माण तथा उनका अनुपालन खेती करने में अथवा आईपीएम क्रियान्वयन करने में  विशेष भूमिका अदा करता है।
4,वीपणन हेतु ट्रांसपोर्ट या परिवहन सुविधाओं की उपलब्धता। 
5, कृषि उत्पादों का लाभकारी विक्रय 
मूल्य  अथवा मिनिमम सपोर्ट प्राइस निर्धारित करना तथा उनका अनुपालन करना। 
6, कृषि उत्पादों के विक्रय मूल्य की कृषकों को समय पर अदायगी करना ।
7, कृषि उपकरणों कि किसानों को उचित मूल्य पर उपलब्धता कराना ।
8, कृषि इनपुट्स को न्यूनतम मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराना। 
9, जीएसटी फ्री खेती 
10। कृषि इनपुट की उपलब्धता हेतु किसान सम्म।न निधि का समय पर कृषकों को भुगतान। 
11, कृषि को लाभकारी बनाने के लिए मुख्य फसल के सथ-साथ कृषि से जुड़ी हई अन्य व्यापारिक गतिविधियों को आईपीएम मैं भी सम्मिलित किया जा सकता है।
12, फसल कटाई के उपरांत उनके उत्पादों की खरीद के समय सरकार के द्वारा विक्रय मूल्य कम कर दिया जाता है जो बाद में बढ़ा दिया जाता है। ऐसी नीतियों से खेती लाभकारी नहीं बन सकती।
13, कृषि उत्पादों का विक्रय  मूल्य कृषकों के द्वारा निर्धारण ना किया जना  भी एक      कृषकों के विपरीत नीति   है  ।     
14, खाने हेतु सुरक्षित कृषि उत्पादों का कम से कम खर्चे में अधिक से अधिक उत्पादन, प्रकृति संसाधनों ,जैव वविधता  आदिकेसंरक्षण के साथ साथ कृषकों की जविका  को सुचारू रूप से चलते हुए खेती करना अथवा वनस्पति संरक्षण करना आईपीएम कहलाता है। 
भारत सरकार के वनस्पति संरक्षण ,संगरोध एवं संग्रह निदेशालय की विभिन्न योजनाएं अथवा स्कीम्स आईपीएम के ही विभिन्न घटक एवं गतिविधियां हैं । लोकस्ट कंट्रोल एंड रिसर्च तथा प्लांटक्वारेंटाइन  स्कीम्स लोकस्ट तथा विभिन्न प्रकार के इंटरनेशनल एवं नेशनल नासि जीवो  को डील करते हैं ।CIB$RC andCIL विभिन्न प्रकार कीटनाशिकों के उत्पादन, उत्पादन हेतु उनका रजिस्ट्रेशन, विपणन, भंडारण,प्रयोग, अथवा उपयोग, ट्रांसपोर्ट उनका डिस्पोजल आदि को इंसेक्टिसाइड एक्ट 1968 के द्वारा रेगुलेट करते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य कृषकों को गुणवत्ता युक्त कीटीनाशों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इनके मानव के अथवा जानवरों के ऊपर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की निगरा कृषि व्यापारको रखना होता है। इसके अतिरिक्त अधिक विषैला तथा हानिकारक कीटनाशकों को बैन करना भी सीआईबी एंड आरसी का कार्य होता है। उपरोक्त सभी गतिविधियां भी आईपीएम की ही गतिविधियां है।
आईपीएम अन्न की देवी अन्नपूर्णा अथवा पूर्ण सिक्योरिटी खाद्य सुरक्षा की देवी, प्रकृति की देवी, जीवन प्रदायनी, सुरक्षित भजन प्रदायिनी, जैव सुरक्षा प्रदायिनी, स्वास्थ्य सुरक्षा पदायिनी  , पारिस्थितिक तंत्र सक्रिय रखने वाली,    आईपीएम क्रियान्वन हेतु कृषकों को निपुण बनाने वली ,    कृषि व्यापार को बढ़ावा देने वाली ,                         राम आसरे
                        


 
                         
                                    

Monday, April 8, 2024

Lessons of IPM Goddess

1.Grow safe food
2 Use chemical pesticides only as an emergency,not as dependency
3Natural farming is the improved version of IPM.
Conserving  nature and biodiversity and do farming with inputs  from  deshi cow, deshi seeds,deshi kainchua and deshi methods in crops is Natural Farming .
4.Adopt crop diversification.Diversifye Agriculture to its other allied sectors.
5.Conserve natural resources associated in farming or pest management.
6.No first use of chemicals is the IPM lesson.
7.Ensure availability of IPM inputs at the doorsteps of the farmers.
9.Make the Soil strong  is the most strong lesson of I P M and Natural Farming.
10.Adopt multi cropping instead of monocropping.
11.Food security along with food safety.
12.IPM for better Environment.
13.To run the safe and healthy  life and livelyhood of the farmers is also a theme and lesson of IPM.
14.IPM can only be learnt and implemented in field .
15.I  P M for better Environment.


16. जब तक काम चलता हो गिजा से Till nonchemical methods works
       दूर रहना चाहिए दवा से  Be a way from chemicals in IPM.
17, Annapurna -to ensure food security.
     Food safety- Surakshit bhojan -to ensure food safety.
Swasthya Rakshak-To ensure community health.
Environment safety-To ensure better Environment.
Active Ecosystem -to ensure active Ecosystem and biodiversity.
Farmers Economy -To enhance the farmers income.
Global welfare -To ensure global welfare
Agricultural Trade-To ensure smooth global trade.
To ensure safe and secure Agriculture,
-+++++++++++++++++++++++++++++++++++
IPM also needs to promote other associated requirements of farming  other than pest management.
Conservation of water,natural resources and biodiversity in Agroecosystem.
IPM is a Goddess to ensure food security(Annapurna)along with food safety , community health,Activeness of Agroecosystem ,farmers income, global welfare and smooth trade.conserved biodiversity and safe and secure. Agriculture.
 जहर मुक्त खेती और रोग मुक्त समाज 
 यही है आईपीएम तथा प्राकृतिक खेती के पयास
सुरक्षित भोजन के साथ खाद्य एवं पर्यावरण सुरक्षा
Farming  can also be done without use of chemicals based on experiences gained during Corona emergency and implementation of natural farming provided we adkpt pronature and pro society life style.


Wednesday, March 27, 2024

आईपीएम

1, आईपीएम खेती करने अथवा वनस्पति संरक्षण,(प्लांट प्रोटक्शन) करने की एक विज्ञान, विचारधारा, दर्शन,अध्यात्म, समाजशास्त्र,अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन, योजना तथा नीति शास्त्र है।
2, आई पी एम कम से कम खर्चे में, रसायनों का कम से कम उपयोग करते हुए तथा प्रकृति,पर्यावरण, समाज एवं जीवन को कम से काम बाधित करते हुए ,खेती करने की एवं वनस्पति संरक्षण करने की सभी विधियों को समेकित रूप से प्रयोग करते हुए ,जिसमें रासायनिक विधियों का प्रयोग सिर्फ अंतिम विकल्प के रूप में करते हुए ,खेतों में नशीजीवों की संख्या को आर्थिक हानिस्तर के नीचे सीमित रखते हुए ,नशीजीवों की समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करना ही आईपीएम कहलाता है।
3, आईपीएम बीज से लेकर फसलों की कटाई के उपरांत की गतिविधियों, विपणन ,संग्रह ,उनके अथवा फसल उत्त्पादों के अंतिम प्रयोग यहां तक की अगली फसल की बुवाई की तैयारी तक की फसल उत्पादन तथा फसल रक्षा पद्धति का समेकित एवं संपूर्ण प्रबंधन है।
                                               राम आसरे
1, फसल पारिस्थितिकतंत्र में पाए जाने वाले सभी लाभ दायक एवं हनिकारक जीवो के पति करुणा ,दया ,मैत्री, प्रेम, सद्भावना, एवं सहानुभूति रखते हुए वनस्पति संरक्षण करना ही आई पी एम का प्रमुख सिद्धांतहै।
2, भूख ही मजहब है इस दुनिया का
    और हकीकत कोई नहीं
 खाने के लिए   सुरक्षित भोजन  का उत्पादन तथा खाद्यसुरक्षा साथ-साथ चलने चाहिए। फूड सिक्योरिटी एंड फूड सेफ्टी मस्त ने simulteniously यही आईपीएम का प्रमुख उद्देश्य है।
3, फसल पारिस्थितिकतंत्र में पाए जाने सभी लाभदायक एवं हानिकारक जीवों की रसायनों के द्वारा नृसंस और अंधाधुंध हत्या को अवॉइड करते हुए अथवा दूर करते हुए विवेकपूर्वक लाभदायक एवं हानिकारक जीवों की संख्या को उचित अनुपात में तथा हानिकारकजीवों  की संख्या को आर्थिक हानी स्टार केनीचे सीमित रखते हुए वनस्पति संरक्षण करना ही आईपीएम कहलाता है।
4, छोटीसे छोटी श्रेणी के कृषकोंकी मौजूदा संसाधनों द्वारा जीवन, प्रकृति
व समाज को कम से काम बाधित करते हुए जीविका अर्थात लाइवलीहुड को सुनिश्चित करते हुए खेती करना ही आईपीएम कहलाता है।
5, प्राकृतिकखेती आईपीएम का ही एक सुधार हुआ रूप है।
6,

Tuesday, March 12, 2024

आईपीएम विचारधारा प्रारंभ से अब तक

एकीकृत नासिजीव प्रबंधन वनस्पति स्वास्थ्य प्रबंधन की एक प्रमुख विधि है जिसमें नासिजीव नियंत्रण की विभिन्न विधियों को एक साथ सम्मिलित रूपसे आवश्यकता अनुसार प्रयोग करके नासि जीवों की संख्या को आर्थिक हानि स्टार के नीचे सीमित रखाजाता है। इस विधिमें रासायनिक कीटनाशकों को अंतिम उपाय के रूप में सिफारिश की गई संस्तुति के अनुसार प्रयोग किया जाता है।
उपरोक्त परिभाषामें एकीकृत नाशी जीवप्रबंधन को सिर्फ नासिजीव प्रबंधन तक ही सीमित रखा गया है परंतु अब नवीन परिभाषाओं एवं विचारधाराओं में आईपीएम में सामुदायिकस्वास्थ्य, पर्यावरण ,पारिस्थितिकतंत्र, जैव विवधता, प्रकृति, जीवन तथा उनके पंच महाभूत, एवं समाज के विभिन्न मुद्दों को भी शामिल करके विज्ञान के साथ-साथ विचार धारा, दर्शन, आध्यात्मि, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी ,योजना तथा नीतिशास्त्र के रूप में देखा गया है अथवा परिवर्तित कर दिया गया है जिसमें जहर मुक्त भोजन तथा रोग मुक्त समाज की कामना करते हुए बीज से लेकर फसल उत्पादन, फसल रक्षा, फसल विपणन, व्यापार, फसल उत्पादों के भंडारण, तथा उनके अंतिमप्रयोग यहां तक के अगली फसल की तैयारी तक की संपूर्ण एवं समेकित विचारधाराके रूप में देखा जा रहा है या माना जा रहा है। प्राकृतिकखेती भी आईपीएम का ही एक सुधार हुआ रूप है जिसमें रसायनों का प्रयोग बिल्कुल ही नहीं किया जाता है तथा खेती करते समय मिट्टीमें ऑर्गेनिक कार्बन ,सूक्ष्मजीव ,सूक्ष्म तत्व ,हमस ,पानी का स्टर, देसी गायों, फसलों के देसी विधियों, देसी कचुआ तथा खेतीकी देसी पद्धतियों एवं जैव विविधता संरक्षण को वरीयता देकर खेती की जाती है। तथा रसायनोंके स्थान पर देसी गायों के मलमूत्रसे निर्मित जीवामृत,घंजीवामृत  तथा वनस्पतियोंके सत पर आधारित इनपुट के प्रयोग को भी बढ़ावा देकर खेती की जाती हैऔर इस संपूर्ण फसल उत्पादन, फसल रक्षा एवम फसल पर बंधन पद्धति को ही आईपीएम कहते हैं।

Thursday, March 7, 2024

आईपीएम खेती से रसायनों के उपयोग को कम करने हेतु एक सामाजिक आंदोलन है से संबंधित कुछ बिंदु

IPM is the suppression of pest population through adoption of all available, affordable and feasible methods of pest management in compatible manner, using chemical pesticides as a last option ,to a lavel at which the harm due to pests is inflicted to  insignificant or minor wit h due care of community health, environment, ecosystem, biodiversity, nature, life and society.
IPM is the way of pest management with due care of life, environment,nature and society.
जीवन,प्रकृति, पर्यावरण और समाज का ध्यान रखते हुए नासिजीवों की संख्या का प्रबंधन करना अर्थात इनकी संख्या को फसल पारिस्थितिक तंत्र मेंआर्थिक hani स्टार के नीचे सीमित रखना ही नशीजीव प्रबंधन कहलाता है। आर्थिक हानि स्टार नासिजिओ की संख्या का वह ster होता है जिसमें उनसे होने वाला नुकसान naganya or insignificant होता है तथा इस स्तर के ऊपर नासिजीvon की संख्या के बढ़ने पर किसी भी प्लांट प्रोटक्शन measure को अपने के लिए जस्टिफाई करता है अथवा संस्तुति देता है।

आई पी एम खेती से रसायन ऑन को कम करने के लिए जीवन, प्रकृति और समाज से जुड़ा हुआ एक सामाजिक आंदोलन है इनसे संबंधित कुछ बिंदु किस प्रकार है।
1, जहर मुक्त भोजन और रोग मुक्तसमाज
    यही है आईपीएम के प्रयास
2, खाने के लिए सुरक्षित भोजन के साथ खाद्य सुरक्षा
    फूड सिक्योरिट्यालो विथ फूड सेफ्टी
3, जीडीपी पर आधारित विकास केसाथ
      पर्यावरणी ए प्रकृति एवं सामाजिक विकास
4, रोग मुक्त औषधि मुक्त एवं भूख मुक्त समाज
     यही है आईपीएम के प्रयास
 5, लाभयुक्त खेती और कर्ज मुक्ति कसान
     यही है आईपीएम की शन
  6, कम लागत से अधिक उत्पादन
       आईपीएम एवं प्राकृतिक खेती है खेती के सधन
  7, संरक्षित जैवविविधता एवं सक्रिय पारिस्थितिक तंत्र
       यही है आईपीएम के मंत्र
  8, जहर मुक्त खेती एवं प्रदूषण मुक्त पर्यावरण
       यही है आईपीएमके आचरण
 9, अधिक उपज और संपन्न किसान
       यही है आईपीएम की पहचान
10, खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा
       आईपीएम करता है परिवार की रक्षा
11, आईपीएम प्रकृति और समाज के बीच समंजन स्थापित करता है।
12, आईपीएम सुरक्षित भोजन उत्पादन मैं मदद करता है
13, आईपीएम समाज को कीटनाशकों के अवशेषों रहित भोजन उपलब्ध करता है।
14, भय मुक्त एवं सुरक्षित कृषि हेतु 
 आईपीएम अपनाएं अडॉप्ट आईपीएम का सेफ एंड सिक्योर एग्रीकल्चर।
15, कृषकों को स्वावलंबी बनाने हेतु आईपीएम अपनाएं।
16 आईपीएम शीघ्रनाशी अथवा पेरिशेबल कृषि उत्पादों को कटाई के उपरांत विपणन तक सुरक्षित रखने में सहायक होता है।
17, आईटीएम पर्यावरण संरक्षण में मददगार होता है जो समाज को सही तरीके से रहने में ease ऑफ़ लिविंग में 
सहूलियत प्रदान करता है ।
18,कृषकों के स्वस्थ एवं समृद्ध जीवन के लिए आईपीएम अपनाएं।
19,
      



Wednesday, March 6, 2024

IPM in brief

1, IPM is to get rid of from pest problems (i.e. suppress the pest population below ETL) ,with minimum expenditure, minimum or without use of chemicals and  with least disturbance to community health, ecosystem, environment, biodiversity, life,nature and society, through adoption of all available, affordable,and feasible methods of farming or pest management in compatible manner,using chemical methods only as an emergency tool or  as a last option.

Sunday, February 25, 2024

आई पी एम की नवीन विवेचना

दोस्तों आईपीएम का कार्य क्षेत्र सिर्फ वनस्पति संरक्षण अथवा नासिजीव प्रबंधन तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह पर्यावरण, प्रकृति , समाज और जीवन के विभिन्न मुद्दों तथा ब्रह्मांड के कल्याण  से भी जुड़ा हुआ है। संपूर्ण कृषि पद्धति अथवा खेती प्रकृति पर आधारित है तथा खेती से उत्पन्न उत्पादों पर ही हमारा जीवन आधारित है। जीवन के स्थायित्व को कायम रखते हुए हमें खेती करनी चाहिए अथवा एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन करना चाहिए।
आईपीएम बीज से लेकर फसलों के उत्पादों के अंतिम प्रयोग अर्थातend use एवं अगली फसल की तैयारी तक की फसलों के नशीजीवों की संख्या के प्रबंधन अर्थात उनकी संख्या को फसल पारिस्थितिक तंत्र में आर्थिक हानि स्टर के नीचे सीमित रखने के समेत पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी, फसलों के उत्पादों का विपणन, व्यापार एवं सुरक्षित संग्रह तक की संपूर्ण फसल उत्पादन पद्धतियों का एक समेकित अथवा एकीकृत अथवा इंटीग्रेटेड प्रबंधन है।
आईपीएम संपूर्ण फसल उत्पादन,फसल रक्षा, फसलों में नासिजीवों का प्रबंधन ,फसल प्रबंधन,फसल विपणन, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी ,  फसल पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधता,फसल विविधता, फसल उत्पादों का ट्रेड तथा फसल उत्पादों का स्टोरेज आदि की बीज  से लेकर फसल उत्पादों के अंतिम प्रयोग तक की एक समेकित विचारधारा, विज्ञान, दर्शन, अध्यात्म, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, टेक्नोलॉजी, प्रबंधन, योजना तथा नीति शास्त्र है जिसमें कम से कम खर्चे में, कम से कम रसायनों का इस्तेमाल करते हुए, तथा सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण, पारिस्थितिक, तंत्र जैव विविधता, जीवन एवं इसके पांच महा भूत यानी पृथ्वी, जल, पावक, गगन, समीर आदि को कम से कम बाधा पहुंचाते हुए फसल उत्पादन, फसल रक्षा, फसल प्रबंधन आदि की विधियों को समेकित रूप से प्रयोग करते हुए फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले हानिकारक जीवों की संख्या को आर्थिक हानी स्टार के नीचे सीमित रखते हुए देश तथा परिवार जिसमें जानवर भी शामिल होते हैं की जरूरत के हिसाब से फसलों की जरूरत का नियोजन करते हुए खाने के योग्य सुरक्षित तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादों जैसे अनाज ,सब्जी, दाल ,फल ,चीनी गुड, मोटे अनाज पौष्टिक अनाज, दैनिक जरूरत की चीजे तेल, दूध ,कपड़ा, meat, पशुओं का चारा ,अंडा ,लकड़ी आदि का अधिक से अधिक मात्रा में इस प्रकार से उत्पादन किया जाता है जिससे इन उत्पादों का अधिक से अधिक विक्रय मूल्य मिल सके तथा खाने के योग्य सुरक्षित भोजन के साथ खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके (फूड सिक्योरिटीअलंग विथ फूड सेफ्टी,) साथ ही साथ कृषकों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके और उनकी संपन्नता सुनिश्चित की जा सके।

                                               राम आसरे
                          अपर वनस्पति संरक्षण सलाहकार।                                     ,आईपीएम। (सेवानिवृत्ति)

Thursday, February 15, 2024

Role of biological control in IPM.

What is biological control ?
*Methods of controlling pests by  using another organisms is called as biological control .
*Use of biota to control biota.
*फसलों के नासिक जीवों  को नियंत्रित करने के लिए दूसरे जीवों को प्रयोग करना जैविक नियंत्रण कहलाता है और इन प्रयोग किए जाने वाले जीवों को जैव नियंत्रण कारक कहते हैं।इस विधि में नसी जीवो तथा जैव नियंत्रण कारकों के बीच होने वाले संबंधों जैसे जीवन चक्र भोजन ,मानव सहित अन्य जीवों पर प्रभाव अध्ययन करके नशीजीवों का नियंत्रण एवं प्रबंध किया जाता है । नशीजीवों  तथा जैव नियंत्रण कारकों के परस्पर संबंधों तथा प्रतिस्पर्धा के द्वारा ही नाशी जीवो का जैव नियंत्रण कारकों के द्वारा नियंत्रण तथा प्रबंध होता है । नशीजीवों  तथा जैव नियंत्रण कारकों के बीच भोजन , जीवन चक्र रहने के लिए स्थान एवं शरण हेतु प्रतिस्पर्धा होती है।
परस्पर प्रतिस्पर्धा की दृष्टिकोण से जैव नियंत्रण कारक निम्न प्रकार के होते हैं।
Parasites,parasitoids,predators,pathogens, Antagonist organisms.
Antagonist:-Any organismthat suppressor interferes with the normal growth and activity of plant pathogens are called as Antagonistic organisms.These Antagonistic organisms can be used as biocontrol agents specially for plant pathogens.For examples.,...
Aspergillus has an Antagonistic effect on Penicilliumand cldosporium.Trichoderma has effect on Actinomycetes.
Classical biocontrol:-
It is the practice of    intro ducing one or group of biocontrol agents of foreign origin to another area to control pests .In this practice biocontrol agents are reared and mass multiplied in lab and released in the desired problematic area to control and to  establish,colonize,and introduce temporary or permanently.Direct and indirect recovery tests are conducted to see their colonizationand introduction.
Biocontrol agents are rearedon field collected or lab reared on fictitious host culture  or on real host cultures.Corcyra cephalonica is a Common laboratory host culture being used for mass rearing of biocontrol agents.
Stretagies of biocontrol;-
1.Importation of biocontrol agents .
2. Massultiplication of biocontrol agents
3.Release of biocontrol agents 
4.Recovery trials.
5 Identification of recovered biocontrol agents.
Augmentation of biocontrol agents
Supplimental release of biocontrol agents posting the naturally occurring population of of biocontrol agents.
Inundative release of biocontrol agents.
When the millions of biocontrol agents are released regularly the it is called as inundative release of biocontrol agents.
Innocultive release of biocontrol agents.
When only few biocontrol agents are released at critical time of pest stage
Conservation of biocontrol agents
Removal of those cultural practices which are harmful to the biocontrol agents is called as conservation of biocontrol agents.
To make Agroecosystem and environment favourable or conducive  for the build up of population of biocontrol agents.
To facilitate the survival and multiplication of population of biocontrol agents.


Tuesday, January 30, 2024

Check Points for implementation of IPM.

1.Organiging  Season Long Training programmes for trainers ie Training of Trainers (TOT).
2.Organiging departmental meeting  for making step wise deatailed  IPM Programme.
3.Organiging State level conferences to finalize the modality and detail of programme in different states.
4.Selection of ares/villages ,blocks,districts,states based on problems related with pests,pesticides,marketing ,Social problems etc.
5.Bench Mark/Baseline Surveys to assess problems for conducting IPM and to note the prevailing knowledge found in farmers about IPM.
6.Procurement of seed and IPM and Natural Farming Inputs ,IPM kits,printing of publicity material and Literature for distribution among farmers and atate Extention officers etc.
7.Land preparation ,presowing activities of  farming ,selection of crop rotation etc.
8.Orgamiging Seed Treatment Campaign.and Grow Safe Food Programmeand distribution IPM inputs to the farmers.
9.Date of Commencement of IPM Farmers Field Schools villagewise.
10.Orientation training Programme for Core Training Teames  village wise.selection of apprentice training teams .
Preevauation programme for farmers,core training team ,and apprentice Teames.
11.Market assessment  for selling of crop produce.
12.Distribution of  IPM kits 
13.Preparation of datewise or weekly programme for conducting IPM FFS.
14.Commencement and Conducting of weekly wise IPM  FFS.
15. Inter FFS Visits of the farmers 
16.Orgaming Field Day In FFS villages as per feasibility.
17.Assessesment of Cost benefit Ratio and effectiveness of IPM programme.


Friday, January 5, 2024

Materials for Trans light

IPM  Thoughts  by Ram Asre,IPM Philosopher and Legends.

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1.Lets  pray with IPM Goddess for the betterment of Universe including life ,nature and society.
-Adopt IPM for better Environment to IPM for  betterment  and welfare of all in Universe.
- Food Security and food  sefety must go on simultaneously.
,-Adopt IPM to make safe and Secure Agriculture.

-जहर मुक्त खेती और रोग मुक्त समाज
 यही है आईपीएम एवं प्राकृतिक खेती का प्रयास 
To make Poison free farming and disease free society is the effort of IPM.
-Natural Farming is the improved version of IPM with no use of chemical , conservation of biodiversity and enhancement of soil fertility.
-IPM is to get rid of pest problem with minimum expenditure,minimum use of chemicals and with least disturbance to environment ecosystem ,nature and society.
-IPM is a supper concept for integration of different concepts related with crop production, protection, marketing and management up to the end use of crop produce.





2.Besides Science ,IPM is a concept, Philosophy, Spirituality, Sociology, Economics,Ecological Engineering,harmony with nature and society,conservation of biodiversity and five elements of life, skill development and Awareness programme for IPM stakeholders and also the technology of doing farming including pest management, marketing and trade ,Ecological study and manipulation,legal aspects and   Ecological  Engineering,harmony with life ,nature and society and creation of awareness and publicity about Ill effects of chemicals on nature and society.and improvement of fertility of soil,and conservation of biodiversity and five elements of life ie Earth,water,Agni or Solar,Sky or Cosmic Energy and air.
3.Natural farming  is the improved  version of I PM in which no chemical is used in farming and priority is given to improve soil fertility,qua. tity of organic carbon ,humus , microorganisms and micronutrients in soil, conservation of biodiversity, ground water,soil moisture etc. based on deshi earth worm,deshi seeds,deshi cow and deshi methods and a natural process goingon in the nature.
4.IPM has now become super integration of integration of different aspects and concepts of crop production, protection, management, marketing,post harvest technology even up to the consumption of agricultural commodities produced.
5.Do not make development catestrphic in nature.
6 IPM is .to get rid of from pest problems with minimum expenditure, minimum use of chemicals ie  pesticides and fertilizers and with least disturbance of community health, environment, ecosystem biodiversity,life, nature and society.
7.Lets include  the methods and  inputs of natural farming   in IPM as they do not have any chemical  method .

8.IPM is not only related with plant protection but it is related with all aspects of life, nature and society.
9.Based on the experieces of Corona pendemic appeared during 2020 and also the experiences of Natural Farming it  is cocluded that if we can contain /overcome  Corona problem  successfully and can do  the Natural Farming without use of medicine  and chemicals respectively successfully we can also implement IPM without use of IPM inputs or chemicals  . It meanse that the 
 Farming can be done without use of chemicals .
10.A strong will power ,correct vision, willingness of doing work,proactiveness to make strategy,to get success at any cost,to motivate  and aware citizens and society, enforcement of law  with correct procedure,to make correct strategy at correct time,Social awareness, Education, training and self participation,demonstration, empowerment, and availability of desired inputs  are the essential requirements  for the implementation of IPM or natural farming.
11.IPM is the way of farming with due care of community health, environment, ecosystem, biodiversity,life ,nature and society
To ensure food security along with food safety which  is based on Lord Buddha's principles of non-violence,Sympathy,tolerence, sensitivity,Harmony ,Universal brotherhood and global welfare,friendly to everyone and happiness to everyone ,Live and let live,welfare and safetey to all .
12
Conservation of biodiversity,natural resources and fiv--e elements of life.Rejuvination of damaged agroecosystem damaged due to indiscriminate use of chemicals in agriculture and to promote fertility,organic Carbon , humus, microorganisms and microelements  in the soil.
13.Farming can be done without chemicals or insecticides but it can not be done without insects .
14. The scope of IPM will remain till human life will exist in this world.
15.I PM is a social movement to reduce the use of chemicals in agriculture.
आई पी एम कृषि से रसायनों के उपयोग को कम करने का एक सामाजिक आंदोलन है ।
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IPM is based on Lord Buddha's principles of non-violence, Sympathy, Tolerence, Sensitivity, Harmony,Global welfare,Friendly to every one and Happiness to everyone,and  Live and  Let live.
Get away from chemicals and approaching towards Nature is the basic theme of IPM.
1. प्राकृतिक खेती आईपीएम का ही एक सुधरा हुआ रूप है ।
      Natural Farming is an improved version of
IPM.