मनुष्य सहित सभी प्राणियों को खाने हेतु
सुरक्षित भोजन प्रदान करना, पीने के लिए सुरक्षित जल प्रदान करना, सांस लेने के लिए शुद्ध एवं सुरक्षित हवा प्रदान
करना तथा तथा रहने के लिए उपयुक्त आवास, वातावरण एवं
पर्यावरण प्रदान करना आई.पी.एम के मुख्य उदद्येश्य हैं इसके अतिरिक्त सभी
प्राणियों के प्रति संवेदनशीलता की भावना रखना जिसमें लाभदायक जीवों को फसल
वातावरण में संरक्षित करना तथा हानिकारक जीवों की संख्या को आर्थिक हानि स्तर के
नीचे सीमित रखना एवं धरती मां जो हमारे लिए भोजन उत्पन्न करती है के स्वास्थ्य
का ध्यान रखते हुए मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखना आई.पी.एम के क्रियान्वयन
के मूल सिद्धांत हैं । जरा सोचो कि उपरोक्त उदद्येश्यों को पूरा करने के लिए
हमें कृषि क्रियाओं (Agricultural
Practices) में क्या–क्या
अभूतपूर्व परिवर्तन करना चाहिए जिनका किसी अन्य प्रकार से कोई दुष्परिणाम न हो ।
जिस दिन आपने इस ओर चिंतन करके अपने आई.पी.एम पद्धति के प्रयोग में इस प्रकार की
परिवर्तित कृषि क्रियाओं एवं संसाधनों को शामिल कर लिया एवं उनका उपयोग करना
प्रारंभ कर दिया उसी दिन आई.पी.एम पद्धति उच्च शिखर तक पहुंच जाएगी, परन्तु इसके लिए प्रबल इच्छाशक्ति एवं
आई.पी.एम के सभी भागीदारों में परस्पर सहयोग होना परम आवश्यक है ।
अगर
इच्छाशक्ति मजबूत है तो बाधाएं खुद ही रास्ता दे देंगी । जरूरत है, मन में इच्छाशक्ति रखते हुए इस ओर आवश्यक कदम
उठाने की । सभी आई.पी.एम के कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि प्राणिमात्र एवं
पर्यावरण के कल्याण हेतु इस ओर सोचें एवं प्रभावी कदम उठाएं ।
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