Friday, March 12, 2021

फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण पर आधारित एकीकृत नासि जीव प्रबंधन ----ETL औरफसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषणपर आधारित आई पी एम मैं अंतर

 Integrated Pest Management (IPM) वनस्पति संरक्षण की एक   jaiv पारिस्थितिक (Bioecological ) विधि है जिसमें जैविक तथा अन्य रसायन रहित विधियों को फसल पारिस्थितिक तंत्र की आवश्यकता के अनुसार बढ़ावा देकर  एवं प्रयोग करके फसलों में हानिकारक जीवो की संख्या को आर्थिक हानि स्तर के नीचे सीमित रखा जाता है l फसल पारिस्थितिक तंत्र की आवश्यकता की जानकारी लेने हेतु फसल पारिस्थितिक तंत्र का सतत विश्लेषण किया जाता है l
       आईपीएम फसल पारिस्थितिक तंत्र की सतत निगरानी एवं नियत कालीन विश्लेषण के आधार पर लिए गए निष्कर्ष के साथ-साथ अपनी बुद्धि, विवेक तथा अनुभव के अनुसार  भी लिए गए निर्णय के आधार पर फसलों में कृषि क्रियाओं का क्रियान्वयन या लागू करने के सिद्धांत को वरीयता देता है l फसल पारिस्थितिक तंत्र के विश्लेषण में फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी जैविक व अजैविक कारकों के अलावा फसल में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की क्षमताओं के सामूहिक प्रभाव एवं अपने अनुभव को समाहित करते हुए  फसलों में अपनाने हेतु कृषि क्रियाएं को अपनाने के लिए निर्णय लिया जाता है  l इसी को फसल पारिस्थितिक तंत्र विश्लेषण कहते हैं l 
 Economic threshold level (ETL)and Agroecosystem Analysis (AESA ) दोनों फसल में अपनाई जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्णय लेन के तरीके हैं l ETL अर्थात इकोनॉमिक् थ्रेसोल्ड लेवल मैं हानिकारक जीवो की विभिन्न stages  की संख्या के आधार पर ही निर्णय लिया जाता है l निर्णय लेने की इस पद्धति में इकोनामिक क्राइटेरिया को ही ध्यान में रखा जाता है  l इकनोमिक threshold लेवल हानिकारक जीवो के वह कम से कम संख्या होती है जो कंट्रोल मेजर को अडॉप्ट करने को जस्टिफाई करती है अर्थात इस लेवल पर कंट्रोल मेजर अडॉप्ट करने पर होने वाला खर्चा से उससे होने वाला फायदा अधिक होगा अर्थात कंट्रोल मेजर अडॉप्ट करने पर कोई economic हlनी नहीं होगी l
AESA पर आधारित आई पीएम में फसल में अपनाई जाने वाली क्रियाओं या गतिविधियों के बारे में निर्णय लेते समय आर्थिक खर्चे व लाभ के साथ-साथ फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी बायोटिक ओर एबयोटिक फैक्टर्स के साथ-सlथ फिजियोलॉजिकल एबिलिटीज जैसे कि फसलों में पाए जाने वाले हानिकारक जिओ के द्वारा होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पौधों में पाई जाने वाली कंपनसेशन एबिलिटी, फसल पर्यावरण में पाए जाने वाले हानिकारक और लाभदायक जंतुओं का अनुपात ,फसलों में पाई जाने वाली विपरीत परिस्थितियों के प्रभाव को सहन करने की क्षमता था पौधे में पाए जाने वाले प्रत्येक भाग पौधे की आवश्यकता के अधिक कई गुना अधिक मात्रा में पाए जानl जिससे कुछ भाग नष्ट भी हो जाए तो भी उनकी एवरेज या और औसतन पैदावार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है के समेकित प्रभाव का आकलन करने के बाद फसलों में अपनाई जाने  वाली गतिविधियों या प्रैक्टिसेज के बारे में निर्णय लेते हैं l

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