नासि जीवो का जीवों से नियंत्रण
फसलों के नासिजीवो को नियंत्रित करने के लिए दूसरे जीवो का प्रयोग में लाना जैविक नियंत्रण कहलाता है l जैव नियंत्रण एकीकृत नासि जीव प्रबंधन का एक महत्व पूर्ण अंग है l जैविक नियंत्रण एकीकृत नासिजीव प्रबंधन रणनीति का एक घटक है lजब नाशि Jio फसल पारिस्थितिक तंत्र ओं में पाए जाने वाले नासिजीवो के प्राकृतिक शत्रुओं जिन्हें जैव नियंत्रण एजेंट कहते हैं प्राकृतिक तौर पर नासिजीवो की संख्या को फसल पर्यावरण में नियंत्रित रखते हैं तो इसविधि को प्राकृतिक जैव नियंत्रण कहते हैंl जैविक नियंत्रण हेतु प्रयोग की जाने वाली वह गतिविधियां जिनमें जैविक नियंत्रण कार को को प्रयोगशाला में बहुतायत में उत्पादन करके फसल पर्यावरण में किसी विशेष नाशिजीव के नियंत्रण हेतु निर मुक्ति मुक्ति की जाती है अथवा छोड़ा जाता है और बाद में उन जैव नियंत्रण कार्य को की क्रियाशीलता का रिकवरी ,Colonization और Establishment अथवा स्थापन का अध्ययन करके अथवा ट्राइल करके पता लगाया जाता है तब इस संपूर्ण विधि को क्लासिकल बायोलॉजिकल कंट्रोल कहते हैं l
जैविक नियंत्रण हेतु काम में आने वाले अथवा प्रयोग किए जाने वाले जैविक नियंत्रण कारक या तो अपने ही देश में पाए जाते हैं जिन्हें इंडीजीनस जैव नियंत्रण कारक कहते जो जैव नियंत्रण कारक अपने देश में नहीं पाए जाते हैं उनको इंपोर्ट करके उनका प्रयोग यहां पर किया जाता है इनको एग्जॉटिक जैविक नियंत्रण कारक कहते हैं l जैव नियंत्रण कार को को बहुतायत मात्रा में पाए जाने वाले क्षेत्र से कम मात्रा में पाए जाने वाले क्षेत्र में पहुंचाने को और उनकी उस क्षेत्र मेंजैविक नियंत्रण कारकों की संख्या को बढ़ाने को augmentation कहते हैं l
जैविक नियंत्रण कारकों का प्रयोगशाला में बहुतायत संख्या में उत्पादन करने के लिए प्रयोगशाला में मेजबान तथा जैव नियंत्रण कारकों दोनों के कल्चर maintain किए जाते हैं l दोनों प्रकार के कल चरों को प्रयोगशाला में मेंटेन करने के लिए प्रयोगशाला का टेंपरेचर 28 डिग्री सेंटीग्रेड प्लस माइनस एक होना चाहिएl तथा आद्रता 75%+- 5% होनी चाहिए l
खेती की विभिन्न गतिविधियों में एकीकृत नासि जीव प्रबंधन वनस्पति संरक्षण की रणनीति बनाने वाली एक गतिविधि है जिसमें जैविक नियंत्रण भी एक प्रमुख अंग है आत: अतः जैविक नियंत्रण भी जैविक खेती की एक प्रमुख गतिविधि है l खेती मैं जैविक नियंत्रण जैसी अन्य जैविक गतिविधियों जैसे फसल पर्यावरण में लाभदायक जीवो व सूक्ष्म जीवों का संरक्षण करना, रसायनिक इनपुट के स्थान पर जैविक इनपुट को बढ़ावा देना जैविक खेती की जैविक खेती की प्रमुख गतिविधियां हैं
फसल पर्यावरण में पाए जाने वाले विभिन्न जैव नियंत्रण कार को का फसल पर्यावरण में संरक्षण करना जैविक नियंत्रण की एक प्रमुख गतिविधि है। इसके लिए फसलों में रसायनिक कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग को बंद करना पड़ता है इसके साथ साथ अंतर फसलें बॉर्डर क्रॉप्स आकर्षण करने वाली फसलें अथवा ट्रैप्स क्रॉप्स खेतों में फसलों के अवशेषों का आच्छादन इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देकर फसलों में पाए जाने वाले इंडीजीनस जैव नियंत्रण कारकों का संरक्षण किया जा सकता है । भाई आया देखा गया है कि विशेष प्रकार का जैव नियंत्रण कारक किसी विशेष प्रकार के हानिकारक कीटों अथवा नाशिक जीवो के लिए ही उपयोगी सिद्ध होता है अर्थात किसी विशेष नासिक जीव का ही नियंत्रण कर सकता है। अक्सर यह देखा गया है कि जैव नियंत्रण एकीकृत नासि जीव प्रबंधन की विभिन्न विधियों के साथ समेकित रूप से ही फलदायक अथवा उपयोगी सिद्ध हुआ है। आईपीएम की विधियां स्वतंत्र रूप से कार नहीं करते हैं बल्कि वे समेकित रूप से काम करती हैं क्योंकि यह एक दूसरे के ऊपर आश्रित कोएक्जिस्टेंस होते है।
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