Friday, December 16, 2022

Few new experiences about I P M and Natural Farming,.

प्रकृति में फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा हेतु एक स्वयं संचालित, स्वयं विकास  ,स्वयं पोशी ,सहजीवी, सुनियोजित एवं स्वयं नियंत्रित व्यवस्था है जिसका अध्ययन करके और सुविधा प्रदान करके प्राकृतिक खेती एवं आई पीएम का क्रियान्वयन बड़ी सुगमता से किया जा सकता है l
      जमीन में सूक्ष्म जीवाणु, सूक्ष्म तत्व, Humus, जैविक कार्बन, एवं जैव विविधता की बढ़ोतरी से फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा सुगमता से की जा सकती है l
       प्राकृतिक खेती की विचारधारा देसी गाय, देसी बीज, देसी kenchua, desi paddhtiyan देसी उपाय आदि पर आधारित है l प्राकृतिक खेती जीवामृत ,घन जीवामृत,  वीजा अमृत ,वापस आ, आच्छादन, जैव विविधता, आदि पर आधारित है l इसके साथ साथ यह खेती  मिश्रित खेती, बॉर्डर फसलों, एवं खेतों के चारों तरफ फलदार वृक्षों की खेती को सह खेती के रूप में बढ़ावा देकर की जाती है l किसी भी खेती में पौधों के बीच में प्रतिस्पर्धा नहीं होती है बल्कि सहजीवन होता है l प्रतिस्पर्धा सिर्फ नमी एवं सूरज की रोशनी के लिए होती है जिसे आच्छादन द्वारा दूर किया जा सकता है l जंगलों में बड़े-बड़े पेड़ों के नीचे छोटे-छोटे पेड़ उनके नीचे झाड़ी तथा उनके नीचे बेल और घास आदि प्रकार के पौधे पाए जाते हैं ईद के ऊपर सूरज की रोशनी बड़ी आसानी से पहुंच सकती है और वह सभी प्रकार के पौधे अपना भोजन आसानी से बना सकते हैं l प्राकृतिक खेती  इसी सिद्धांत के आधार पर की जाति की जाती है l इन प्रकार से पौधों के उदाहरण निम्न वत है:_
*बड़े वृक्ष___आम, इमली, कटहल ,नीम ,का जू ,जामुन, महुआ सागौन, बरगद, नारियल आदि
*बड़ी फसलें_____गन्ना का धान गेहूं आदि
*पेड़____आमला , अमरूद , किन्नू,माल्टा, अंजीर देसी केला सुपारी, संतरा 
    दलहन, तिलहन सब्जियां सब्जियां
*झाड़ी नुमा_____शरीफा अनार, कड़ी पत्ता, केरा ,इलायची, बेल,
 झावेरी, अरंडी
*मिर्ची अरबी आलू शकरकंद हल्दी
*क्रीपर____पुदीना पुदीना
गोबर की खाद तथा यूरिया ke prayog को अगर हम खेती में बंद कर दें तो खरपतवार ओं की समस्या खत्म हो जाएगी l अगर सूरज की रोशनी को खरपतवार ओं तक न पहुंचने दिया जाए तो खरपतवार ओं की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी यह काम अच्छा धन के द्वारा किया जा सकता है l दो डाली  वाले खरपतवार नाइट्रोजन को फिक्स करने में सहायता देते हैं l मौसमी फसलों पर  खरपतवार का प्रबंधन आवश्यक होता है l खरपतवार ओं को उखाड़ कर खेतों में ही रख देने से आच्छादन द्वारा विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं l खरपतवार ओं के विघटन  सेHumus निर्मिति होती है l आच्छादन में फसलों के अवशेष, सब्जी मंडी से निकले हुए सब्जियों के अवशेष, केले के फसलों के अवशेष, मंदिरों के फूल तथा नारियल बाजारों के फटे पुराने बोरे तथा कॉटन के कपड़े आदि भी प्रयोग किए जा सकते हैं l

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