Wednesday, January 1, 2025

IPM

Integrated Pest Management (IPM) is an Ecofriendly approach  which  aims at keeping pest population  below economic threshold level (ETL) employing all available alternate  pest control methods and techniques such as cultural, machanical, biological ,with emphasis on use of bio pesticides and pesticides of plant origin like neem formulations .The use of chemical  pesticides is advised as a measure of last resort when the pest population in the crop crosses Economic threshold level(ETL).
____________________________________The main objectives of IPM is:_
1.To Sustain life and livelyhood of the even weakest  farmers of society. छोटे से छोटे कृषकों के जीवन एवं जीविका  को स्थायित्व प्रदान करना ।
2To maintain Food security along with food safety.
3.To produce Chemicalless food and to keep and maintain  diseasesless society .
4..To make agroecosystem active and sustainable.

5.The Second Green Revolution must  also be a Quality Revolution to trade the Agricultural products and also   to produce safe food to eat .
6.Restoration of damaged Agroecosystem  is the prime requirment of  second Green Revolution.
7.To ensure ecological,environmental natural ,Social development along with G D P based financial  development.
8.IPM-From management of pests to management of complete Agricultural system to manage and improve the life and livelyhood of the farmers and safety of the nature and society.
____________________________________आईपीएम अथवा किसी अन्य विचारधारा को क्रियान्वित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी नई विचारधारा अथवा बात लोग आसानी से नहीं ग्रहण करेंगे। क्योंकि तुम उनकी सदियों पुरानी धारणाओं को तोड़ रहे हो,वे तुमसे प्रेम नहीं करेंगे। पहले वे तुम्हारा उपहास करेंगे फिर हिंसक होंगे फिर तुम्हारी उपेक्षा करेंगे फिर तुम्हें स्वीकार करगे । यह परिवर्तन तुम स्वयं देखोगे बस तुम्हें अपना धैर्य और सहनशीलता बनाए रखनी हगी। यह चीज हमें कई बार आईपी m के क्रियान्वयन करते समय देखने को मिली है । आईपीएम क्रियान्वित करते समय यह कई बार अनुभव किया गया है की किसान आपकी बातों को सुन  तो  लेगा परंतु वह स्वयं क्रियान्वित नहीं करेगा । इसलिए यह अनुभव किया गया की कई बार आईपीएम के डेमोंसट्रेशन तो सुचारू रूप से हो जाते हैं परंतु आईपीएम का क्रियान्वयन सुचारू रूप से नहीं हो पाता है। इसके लिए आईपीएम इनपुट्स की कृषकों के द्वारा पर अनु उपलब्धता एक प्रमुख कारण हैं। इसके लिए सरकार को आईपीएम तथा प्राकृतिकखेती के इनपुट्स को कृषकों के द्वार पर उपलब्ध कराने हेतु रासायनिक कीटनाशकों के समांतर में आईपीएम इनपुट्स की औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करना चाहिए।
यह भी अनुभव किया गया है की की किसान भाई खेती में कीटनाशकों एवं अन्य अन्य हानिकारक रसायन ऑन के उपयोग को तब तक कम नहीं करते जब तक की वे उन रसायनों के दुष्परिणाम के शिकार ना हो, उनके दुष्परिणाम के ब।रे में अच्छी तरह से जागरूक न हों ।
आईपीएम के क्रियान्वयन हेतु आईपीएम के सभी भागीदारों जिसमें सरकार एवं कृषकों तथा प्रचारएव प्रसार कार्यकर्ताओं की प्रमुख भूमिका होती है के परस्पर सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है।

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