Wednesday, January 28, 2015

Technological and Ideological Changes Required to Switch over IPM

Ø Grow more food to grow safe food.
Ø Quality revolution without compromising quantity revolution.
Ø Chemical pesticides to bio-pesticides.
Ø Isolation to integration.
Ø Reactive to proactive.
Ø Manual to IT based technology.
Ø Alone to participatory.
Ø Indiscriminate use of pesticides to responsible use of pesticides.
Ø Fixed technology to variable technology/ strict to flexible technology.

Ø Imposing to Consensus oriented.

सुरक्षित खेती व सुरक्षित वातावरण हेतु आई.पी.एम फंडा

  • Ø  हर पौधे के साथ बात करनी चाहिए कि उसकी क्‍या आवश्‍यकता है ।
  • Ø  परस्‍पर ज्ञान का साझा करें ।
  • Ø  भूमाता को अगर जिंदा रखना है तो जैविक खेती अपनायें ।
  • Ø  खेतों में पाये जाने वाले लाभदायक जीवों का संरक्षण करें ।
  • Ø  दिमाग लगा कर जो खेती करेगा वही आगे जायेगा ।
  • Ø  धरती मां को भी जिंदा रखो और दुनिया को भी जिंदा रखो ।
  • Ø  खेत व खेती को पढ़ना बहुत जरुरी है ।
  • Ø  कृषकों को कृषि के प्रचार एवं प्रसार कार्यों के लिये मजबूत करें ।
  • Ø  खेती में जैविक उपायों एवं तरकीबों को बढ़ावा दें ।
  • Ø  खेतों को जाकर देखने से पहले खेतों के बारे में निर्णय न लें ।
  • Ø  आधुनिक तकनीक से खेती को बेहतर बनायें ।
  • Ø  सुशासन (Good Governance) से आई.पी.एम को बढ़ावा दें ।
  • Ø  आई.पी.एम को बढ़ावा देने के लिए नारी सशक्‍तीकरण को बढ़ावा दें ।
  • Ø  खेत से सीखें खेत में ही सिखायें ।
  • Ø  खेत हमें बहुत कुछ सिखाता है इसीलिए ये खेत पाठशाला कहलाता है ।
  • Ø  नाशीजीव हमारा कभी इंतजार नहीं करते इसीलिए हमें भी नाशीजीवों का इंतजार नहीं करना चाहिए  
  • Ø  किसानों की कोई छुट्टी नहीं होती है अत: कृषि विस्‍तार कार्यकर्ताओं की भी कोई छुट्टी नहीं होनी चाहिए ।
  • Ø  खेत की समस्‍याओं का हल जितना हो सके खेत से ही निकालने की कोशिश करें ।
  • Ø  व्‍यावहारिक बनें प्रतीकात्‍मक नहीं । 
  • Ø  संसाधनों का कुशल प्रबंधन, प्रेरणा और प्रोत्‍साहन आई.पी.एम की सफलता का मूल मंत्र है। 

Monday, January 19, 2015

पारिस्थि‍तकीय इंजीनियरी प्रदर्शन क्षेत्र

पारिस्‍थितकीय इंजीनियरी (इकोलॉजिकल इंजीनियरी) क्‍या है ?  

फसल पर्यावरण को उसमें उपस्‍थित सभी लाभदायक जीवों के पनपने एवं वृद्धि के लिए अनुकूल
बनाने को इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग कहते हैं ।

To make the environment better suited for the buildup of existing beneficial fauna is called eco-logical engineering. 

            पारिस्‍थितकीय इंजीनियरी, पारिस्‍थितिकीय के सिद्धांतों पर आधारित एक मानवीय गतिविधि है जिसमें फसलों के नाशीजीवों एवं मित्र कीटों के आवास में परिवर्तन करके फसल के पर्यावरण में बदलाव लाया जाता है, परिणामस्‍वरूप फसल के विकास के लिए अनुकूल तथा नाशीजीवों के लिए प्रतिकूल परिस्‍थितयां उत्‍पन्‍न की जाती हैं ।

उददेश्‍य
1. नाशीजीवों के प्राकृतिक शत्रुओं के लिए भोजन, आवास एवं वैकल्‍पिक परपोषी   
  उपलब्‍ध कराना ।
2. नाशीजीवों के लिए प्रतिकर्षक पौधों एवं जाल फसलों (ट्रैप क्रॉप) द्वारा प्रतिकूल
   परिस्‍थितियां उत्‍पन्‍न कराना ।

आवास (हैबिटैट) प्रबंधन के लिए क्‍या जानना आवश्‍यक है ?
 
प्रत्‍येक नाशीजीवों के बारे में निम्‍न बातें जानना आवश्‍यक है ।
i.   नाशीजीवों के भोजन एवं आवास की जानकारी ।
ii.  नाशीजीवों की जनसंख्‍या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक ।
iii. नाशीजीवों के द्वारा फसल पर प्रकोप का समय एवं नाशीजीवों को फसल की
   ओर आकर्षित करने वाले कारक ।
iv. फसल पर नाशीजीवोंका विकास किस तरह होता है और कब आर्थिक रूप से
   हानिकारक होता है ।
v.  नाशीजीवों के प्रमुख प्राकृतिक शत्रु-परभक्षी, परजीवी एवं रोग कारकों की
   जानकारी।
vi. प्राकृतिक शत्रुओं के लिए आवश्‍यक संसाधन जैसे- मधु (नेक्‍टर), पराग,
   वैकल्‍पिक परपोषी इत्‍यादि की उपलब्‍धि एवं उनकी उपलब्‍धिता के समयावधि
   की जानकारी ।

आवास (हैबिटैट) प्रबंधन की योजना बनाने के लिए आवश्‍यक जानकारी

1. नाशीजीव (हानिकारक कीटों) एवं प्राकृतिक शत्रु (मित्र कीटों) की पारिस्‍थितिकीय:

i.  आर्थिक रूप से हानिकारक कीटों की जानकारी जिनके लिए प्रबंधन आवश्‍यक है ।
ii. हानिकारक कीटों के प्रमुख परभक्षी एवं परजीवियों की जानकारी ।
iii.  नाशीजीवों (हानिकारक कीटों) एवं प्राकृतिक शत्रुओं (लाभदायक कीटों) के लिए खाद्य
   स्रोत, निवास स्‍थल एवं अन्‍य पारिस्‍थितिकीय आवश्‍यकताओं की जानकारी ।

2. समय   

i.  शत्रु कीटों (नाशीजीव) के प्रकोप का प्रारंभिक समय एवं आर्थिक क्षति स्‍तर तक पहुंचने
  का समय ।
ii. मित्र कीटों के लिए आवश्‍यक खाद्य स्रोत जैसे-मधु (नेक्‍टर), पराग एवं वैकल्‍पिक
  परपोषी की उपलब्‍धता का समय एवं उनकी उपलब्‍धता की समयावधि ।
iii. ऐसे स्‍थानीय वार्षिक एवं बहुवार्षिक पौधों की जानकारी जो कि आवश्‍यक समय पर
  मित्र कीटों के लिए आवश्‍यक स्रोत, जैसे- मधु (नेक्‍टर) एवं पराग उपलब्‍ध करा सकें ।   
फसल में पाये जाने वाले सभी लाभदायक जीवों को पनपने एवं उनकी संख्‍या में वृद्धि के लिए फसल वातावरण में प्रचुर मात्रा में भोजन, रहने व जीवनचक्र चलाने हेतु उपर्युक्‍त वातावरण एवं पर्याप्‍त स्‍थान आवश्‍यक है । परागकण कीटों के लिये एक उपयुक्‍त भोजन है जो पुष्‍पीय पौधों में मिलता है । अत: इसके लिये खेतों में पुष्‍पीय पौधों को लगाना उचित है । लाभदायक जीवों को फसल वातावरण में पनपने व उनकी संख्‍या में वृद्धि के लिये फसल में अंधाधुंध कीटनाशकों का छिड़काव नहीं करना चाहिए तथा उनको विपरीत परिस्‍थितियों में रहने के लिये वैकल्‍पिक फसल व पौधों को मुख्‍य फसल के साथ लगाते हैं । खेत में नाशीजीवों को आकर्षित करने वाले व दूर भगाने वाले पौधों को भी मुख्‍य फसल के साथ अंर्तफसल के रूप में लगाते हैं । ये सभी गतिविधियां पारिस्‍थितकीय इंजीनियरी के अंतर्गत आती हैं ।
     इस प्रदर्शन में फूलगोभी एवं पत्‍तागोभी को मुख्‍य फसल के रूप में लिया गया है तथा इसके चारों तरफ सूरजमुखी, सरसों व धनिया की फसल को पराग पैदा करने वाली फसलों के रूप में तथा गेंदा एक हीलियोथिस जैसी महत्‍वपूर्ण नाशीजीवी कीट की इल्‍लि व अंडों को आकर्षित करने वाली फसल के रूप में लिया गया है । सरसों की फसल को अंर्तफसल के रूप में भी प्रयोग किया जाता है जिसमें डी.बी.एम. (गोभी प्रजाति के फसल का मुख्‍य हानिकारक कीट ) आकर्षित होता है । सरसों व सूरजमुखी के पौधों में गोभी प्रजाति के प्रमुख हानिकारक कीटों के प्राकृतिक शत्रु (कृषकों के लिये लाभदायक जीव)जो उनकी संख्‍या की वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं अधिक मात्रा में पाये जाते हैं । इन लाभदायक जीवों में सिरफिड मक्‍खी, क्राइसोपरला व इंद्रगोपभृंग (लेडी बर्ड बीटल) आदि प्रमुख हैं जो गोभी प्रजाति में पाये जाने वाले प्रमुख कीट चेपा व तेला की संख्‍या को नियंत्रित करते हैं । डी.वी.एम. का मुख्‍य परजीवी कीट डायडिगमा भी सरसों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । इस प्रकार यह प्रदर्शन कीटनाशकों के उपयोग को कम करके तथा वातावरण को कीटनाशकों के दुष्‍प्रभाव से  सुरक्षित रखते हुए गुणवत्‍तायुक्‍त फसल पैदा करने में सक्षम है एवं कृषकों के लिये उपयोगी है ।      
निष्‍कर्ष:
     पारिस्‍थितिकीय इंजीनियरी नाशीजीवों के लिए प्रतिकूल एवं प्राकृतिक शत्रुओं (मित्र कीटों) के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान कर मित्र कीटों की संख्‍या में वृद्धि करती है जिससे कि नाशीजीव (हानिकारक कीटों) की संख्‍या आर्थिक हानि स्‍तर से नीचे रखा जा सके ।

     इस प्रकार पारिस्‍थितिकीय इंजीनियरी टिकाऊ पारिस्‍थितिकीय तंत्र के लिए एक प्रभावकारी विकल्‍प है ।  

Sunday, January 18, 2015

BIO-CONTROL AGENTS OF DIFFERENT CROP PESTS

Sl. No.
Name of Bio-Control Agents

Crops
Pests
1.
Trichogramma  chilonis
Cotton Strain
Cotton
Bollworms
2.
Trichogramma  chilonis
Sugarcane Strain
Sugarcane / Rice
Borers
3.
Trichogramma exiguum

Sugarcane
Borers
4.
T. minutum

Sugarcane
Borers
5.
T. perkinsi

Sugarcane
Borers
6.
T. faciatum

Sugarcane
Borers
7.
T. brasilienses

Cotton
Bollworm
8.
T. pretiosum

Cotton
Bollworm
9.
T. embriophagum

Apple
Codling moth
10.
T. coccai palladium

Apple
Codling moth
11.
Trichogramma toidea spp.

Rice / vegetable
Borers
12.
Bracon  hebetor
Cotton / gram / vegetable
Bollworm / Pod borer / fruit borer
13.
Bracon brevicornis
Cotton / gram / vegetable
Bollworm / Pod borer / fruit borer
14.
Bracon kirkpatricki
Cotton / gram / vegetable
Bollworm / Pod borer / fruit borer
15.
Chelonus blackburni
Cotton / gram / vegetable
Bollworm / Pod borer / fruit borer
16.
Chelonus kelliae

Potato
Potato tuber moth
17.
Telenemus remus

Cotton/soyabean
Spodeptera litura
18.
Apantelese flavipes

Maize
Stem borer
19.
Sticholotis madagassa

Sugarcane
Scale insect
20.
Lindorus lophanthae

Sugarcane
Scale insect
21.
Chilocorus bijugus

Apple / Citrus
Scale insect
22.
Pharoscymnus perniciosi

Apple / Citrus
Scale insect
23.
Iceriya purchasii

 Citrus
Scale insect
24.
Encarsia perniciosi

Apple
Scale insect
25.
Encarsia spp.

Fruit / vegetable
White Fly
26.
Aphytis spp.

Apple
Scale insect
27.
Pharoscymnus horni

Sugarcane
Scale insect
28.
Aphidius spp.

Mustard
Aphid
29.
Amblysius spp.

Cotton / apple
Mite
30.
Aphelinus mali
Apple
Woolly aphis (Eriosoma lanigerum)
31.
Neochetina eichhornai
Water hyacinth Weed
Weed
32.
Neochetina bruchi
Water hyacinth Weed
Weed
33.
Zygogramma bicolorata

Parthenium weed
weed
34.
DD-136 nematode
Neo-aplectana carpocapsae

Rice
Borer
35.
Paratheresia claripalpis

Sugarcane
Borer
36.
Eucelatoria bryani

Gram
H. armigera
37.
Chrysoperla scelestes
Cotton
Sucking pest / bollworm
38.
Chrysoperla carnia
Cotton
Sucking pest / bollworm
39.
NPV of H. armigera
Cotton / Gram / Vegetable
H. armigera
40.
NPV of spodoptera litura
Cotton / Soyabean / vegetable
Spodoptera litura
41.
Sturmiopsis
Sugarcane / tomato / rice
Borers
42.
Tetrastichus spp.

Rice
Borers
43.
Goniozus spp.

Rice
Leaf folder
44.
Cryptolemus spp.
Grape vein / citrus /  coffee
Mealy bug
45.
Scymnus spp.
Grape vein / citrus /  coffee
Mealy bug