मुझे उस दिन बड़ी प्रसन्नता होगी जिस दिन
आई.पी.एम से सम्बन्धित सभी stakeholders जैसे
शोधकर्ता, नीतिकार, प्रचार एवं प्रसार कार्यकर्ता,
कॉर्पोरेट जगत तथा किसान स्वयं एक साथ एकमत होकर नाशीजीवों के नियंत्रण एवं
प्रबंधन हेतु रसायन रहित उचित विधियों को बढ़ावा देने के लिए आत्म चिंतन करेंगे
एवं रसायन रहित उचित तकनीक का कृषकों के मध्य विकास, प्रचार एवं प्रसार करेंगे जिससे सुरक्षित
फसल व कृषि-उद्यान आधारित भोजन का उत्पादन हो सके एवं मनुष्य तथा पशुओं पर
रसायनिक कीटनाशकों के दुष्प्रभावों को रोका जा सके ।
यद्यपि वर्तमान परिपेक्ष्य में हम
रसायनिक कीटनाशकों के सुरक्षित एवं न्यायोचित प्रयोग की बात करते हैं किन्तु
रासायनिक कीटनाशकों का न्यूनतम प्रयोग भी हम पर व हमारे वातावरण पर पड़ने वाले
इनके विषयुक्त प्रभाव की संभावना को पूर्ण रूप से समाप्त नहीं करते, अत: अब हमें रसायन रहित आई.पी.एम
आधारित कृषि विधियों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना होगा ।
आओ हम सब
मिलकर इस दिशा में प्रभावी कदम बढ़ायें एवं जीव-मात्र, मृदा, जल, वायु एवं
समस्त वातावरण को विषाक्त होने से बचाएं ।
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