प्राकृतिक खेती आई पी एम का एक सुधरा हुआ रूप है जिसमें खेती करने के लिए किसी भी रसायन का इस्तेमाल नहीं किया जाता तथा भूमि की उर्वरा शक्ति , खेतों में जैव विविधता को बढ़ावा देकर खेती की जाती हैl यह खेती अथवा प्राकृतिक खेती देसी गाय ,देसी बीज ,देसी पद्धतियों ,देसी एवं स्थानीय इनपुट , तथा देसी परंपराओं पर आधारित रसायन रहित एवं सुरक्षित खेती करने का तरीका है जिसमें प्रकृति में चल रही फसल उत्पादन, फसल रक्षा, एवं फसल प्रबंधन की व्यवस्था का अध्ययन करके उनके अनुरूप methods को प्रयोग करके, स्थानीय स्तर पर गाय पर आधारित फसल उत्पादन इनपुट का प्रयोग करके, जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हुए एवं कायम रखते हुए तथा खेतों में जैव विविधता, ऑर्गेनिक कार्बन सूक्ष्म जीवों एवं सूक्ष्म तत्व तथा ह्यूमस को बढ़ावा देते हुए एवं उसका संरक्षण करते हुए बहु फसली उत्पादन पद्धति को अपनाते हुए खेतों के चारों तरफ वृक्षों आदि को लगाते हुए स्थानीय स्तर पर उपयुक्त एवं लाभकारी फसल चक्र अपनाते हुए, भूमि जल के स्तर को ऊपर लाने का प्रयास करते हुए, फसलों के देसी बीजों को बचाते हुए या संरक्षित करते हुए, नवीन विधियों के साथ-साथ परंपरागत विधियों को बढ़ावा देते हुए तथा परिवार जिसमें जानवर भी शामिल हैं की जरूरत के हिसाब से फसलों का नियोजन करते हुए, स्वस्थ समाज की कामना रखते हुए कम से कम खर्चे में खेती की जाती है। इस प्रकार से की जाने वाली खेती को प्राकृतिक खेती कहते हैl , राम आसरे
अपर वनसति संरक्षण सलाहकार(आईपीएम) सेवानिवृत्त
Natural Farming is the improved version of IPM with no use of chemicals and with negligible or no expenditure, to improve the fertility of soil,to enhance and conserve the biodiversity ,organic Carbon, microorganisms, micronutrients,Humus ,soil moisture,and also to restore the damaged Agroecosystem,through adoption of old tradditional practices of farming practices based on the nature's principles,and inputs based on deshi cow,using deshi seeds,enhancing the population of deshi earthworms in soil and also adopting suitable multi cropping crop rotation etc.
.. ...... RAM ASRE
Additional PPA IPM (Retd).
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