Tuesday, April 28, 2020

Life and nature and IPM

Life is generated,operated and sustained by the nature through its systems called ecosystems,and society through  its Development and activities performed by every one of us.
Creating infrastructure and facilities for the comfort of humanbeings and and plants and animals associated with our society is called as Development.  
Development must be nature and society friendly or it should be harmonious with the nature and society for which our life styles must also be nature and society friendly and must be able to conserve Environment and nature.
 Let's not make our life more and more comfortable and complicated because it also disturbs  the nature ,its resources and Environment, 
 Most of the our emergencies are due to human disturbances to the nature and Environment . All the activities performed by us for our survival and also make our life more comfortable are jointly called as lifestyles. Our life styles must be nature,Environment, and society friendly to conserve the nature and its resources and Environment. 
Farming,industrialisation,physical excercises,all the biological spiritual,religious,political social and infrastructural activities are our life styles to sustain our life on the earth. 
 Overuse ,indiscriminate use or misuse of the nature and its resources harms the nature and its resources ,ecosystems,biodiversity, which finally harm us or harm the society.Hence we have to change ourselves as per the requirements of the nature and its resources because the nature can not be  changed as per the our requirements and desires which are endless .Let's reduce our desires to reduce the use of the natural resources .We are damaging the nature and its resources by way of their misuse. Nature can fulfill our needs but it can not fulfill our greeds because the needs are changing day by day through our greeds.
  IPM is the way of plant protection with due care of community health, Environment  ,ecosystem, biodiversity nature and society.It is a way of farming without harming to the nature and society.

Saturday, April 25, 2020

कोरोना महामारी को काबू रखने के लिएदेशव्यापी बंद के दौरान प्राप्त अनुभव

कोरोना एक प्रकार का विषाणु है जो जानवरों एवं मनुष्य दोनों को प्रभावित करता है तथा उनको मृत्यु तुल्य नुकसान पहुंचाता है l इस वर्ष यानी  2020 के दौरान अभी हाल में कोरोना एक सर्वव्यापी अंतर्देशीय या वैश्विक महामारी के रूप में उभर कर आया है और भारत समेत विश्व के करीब 100 से अधिक देशों को प्रभावित किया है l इस विषाणु से बचने के लिए एवं इस विषाणु को कंटेन करने के लिए या काबू में रखने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग अर्थात एक दूसरे से दूरी बनाए रखना तथा अपने आप को घरों में सीमित रखना ही एकमात्र विकल्प है जो इस महामारी को फैलने से रोक सकता है l भारत सरकार ने संपूर्ण भारत बंद या lockdown  लागू किया जिससे कोरोना महामारी केफैलाव को रोका जा सके l इस भारत बंद का प्रथम फेस the  24 .3 .2020  से 14 ,4 .2020 तक तथा दूसरा फेस 15. 4 . 2020 से 3 .5 . 2020 तक लागू किया गया l इस दौरान प्रत्येक व्यक्ति को अपने घरों के अंदर ही सीमित रहने को कहा गया तथा उनके बाहर आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया जिसको शक्ति से एवं बलपूर्वक लागू किया गया इसकी वजह से दूसरे देशों की अपेक्षा हमारे देश में कोरोना महामारी का प्रभाव कुछ हद तक कम ही हुआ l इस देशव्यापी बंद के दौरान हमने विभिन्न प्रकार के पर्यावरणसे जुड़े हुए एवं प्रकृति पर आधारित तथा सामाजिक ,जीवनशैली संबंधी एवं रोजगार से जुड़े हुए प्रभाव एवं परेशानियां तथा अनुभव प्राप्त किए इनमें से कुछ अनुभव निम्न प्रकार से है l
A. प्रकृति एवं पर्यावरण संबंधी :-
1. जल ,वायु , ध्वनि  प्रदूषण में कमी आना
2. नदियों का पानी साफ होना  l
3. वाह वातावरण के तापक्रम में विशेष बढ़ोतरी ना होना l
4. आकाश साफ सुथरा प्रतीत होना तथा ध्रुव तारा , सप्त ऋषि मंडल , शुक्र,
 तारों का स्पष्ट रूप से चमकते हुए दिखाई देना l
5. नदियों में पाए जाने वाले जीवो की गतिविधियां साफ स्पष्ट दिखाई देना l
6. विभिन्न प्रकार की जैव विविधता  का सक्रिय होना होना l
7. पौधों तथा वृक्षों की पत्तियों मैं हरीतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई देना l
B. जीवन शैली में बदलाव:-
1. सीमित संसाधनों द्वारा जीवन चलाना
2. अपने आप को घर के अंदर ही सीमित रखना एक दूसरे के घरों में जाना बंद कर देना l
3.Early to bed early to rise ,makes a person healthy,wealthy and wise. परंतु सारे दिन खाना और सारे दिन सोना दिनचर्या को परिवर्तित कर देता है तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी है यह भी अनुभव किया गया l
4 . पारंपरिक संस्कारों एवं परंपराओं जैसे कि चिड़ियों को पानी पिलाना , जानवरों को खाना खिलाना आदि की पुनरावृत्ति देखने को मिली l
5. जीवन शैली में डिजिटल सिस्टम को लागू करने की आदत या  परिवर्तन को बढ़ावा मिला l 6.घर में बैठकर तरह-तरह के व्यंजनों एवं पकवानों  को खाने से शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हुई l
 7. पार्कों में आदमियों को समूह में घूमने की आदतों में परिवर्तन आया  l
8.. घर में रहकर. तरह-तरह  के व्यंजनों  तथा पकवानों को खाने से विभिन्न प्रकार के समस्याएं सामने आई l
9.Home quarantine,Personel Protective Eqipments(PPE),social distancing,lock down,pandemic, Face Masks,Ventilators,Sanitizers, washing of hands,Hot spot areas, containment zones,Corona warrior's,etc  जैसे शब्द सामान्य बोलचाल की भाषा बन गए l
10. महामारी एवं आपातकाल की स्थिति में बुजुर्गों व अपने अन्य लोगों से हमेशा कनेक्टेड रहे यह जुड़े रहे l 
11. हमें अब जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा तथा जीवन में डिजिटल या डिजिटलाइजेशन  को अपनाना ही पड़ेगा  l
12.Respect all suspect all.
13. गांव में 2 गज दूर का मंत्र सोशल डिस्टेंसिंग के हेतु अपनाया जाए l
14. बाजारों से लाए गए सामान जैसे कि सब्जियों  व फलों  का प्रॉपर सैनिटाइजेशन एवं साफ सफाई रखना करना l
15. गरीबों, कोरोना वारियर्स ,पशु पक्षियों को भोजन खिलाना  l
16. मन बहलाने के लिए घरों में एक्सरसाइज करना, भजन करना, गाना गाना ,डांस करना तथा अन्य क्रिएटिव एक्टिविटीज करना l
17. फेस मास्क  अब  सभ्य समाज का प्रतीक बन गया l क्योंकि अब फेस मास्क और गमछा से मुंह ढकने की सामाजिक आदत में शामिल कर लिया गया है l
18. 2 गज दूरी बहुत ही जरूरी प्रधानमंत्री के द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए दिया गया नया मंत्र है l
19. आसपास की घटनाओं को एक  नए नजरिया से देखने का अवसर मिला l
20.i आयुर्वेद एवं योग को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रयोग किया  जाए l
21  हमें महसूस हुआ कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के क्या नुकसान होते हैं  l अतः  हमें सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकना चाहिए l इस धारणा को समाज ने स्वीकार किया l
22. माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हमें अति आत्मविश्वास मैं नहीं फस जाना चाहिए की हमारे इलाके में अभी को रोना नहीं पहुंचा तो आगे भी नहीं पहुंचेगा l सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी l हल्के में ले कर थोड़ी सी छोड़ी गई आग व बीमारी मौका पाकर विनाशकारी हो जाती है l
23. जब हम पर्यावरण का संरक्षण करेंगे तभी कम अक्षय होंगे l अक्षर का अर्थ होता है जिसका विनाश ना हो l
24. भारत की  कोरोना वायरस की लड़ाई people  driven  hi जो जनता के द्वारा लड़ी जा रही है l जिसमें पूरा देश एक लक्ष्य एक उद्देश्य और को लेकर एक दिशा में चल रहा है और हर कोई अपने सामर्थ्य के अनुसार लड़ाई में भागीदार बन रहा है l हमारे देश के किसान देश के फूड सिक्योरिटी खाद्य सुरक्षा को सुरक्षित कर रहा है तथा अपने स्तर पर और स्थानीय स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट कर रहा है l देश के सभी लोग करो ना वारियर्स की जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं तथा उनको हर प्रकार की जरूरतों की चीजों को उन तक पहुंचा रहे हैं कई जगहों पर लोग इन कोरोना वारियर्स का  कई प्रकार से स्वागत भी कर रहे हैं  l
25.


Thursday, April 16, 2020

कोरोना महामारी हेतु अपनाई जाने वाली रणनीति सेआईपीएम क्रियान्वयन हेतु सीख

कोरोना महामारी से  समय  बहुत सी  शिक्षाएं तथा सीख मिलती है l
1. जब  कोरोना को बगैर दवाई के ठीक किया जा सकता है अथवा इसकी रोकथाम की जा सकती है तो बगैर जैविक आईपीएम इनपुट्स के आईपीएम का  भी क्रियान्वयन सुचारू रूप से किया जा सकता है l
2. इलाज से बचाव ज्यादा उत्तम है l
3. स्वयं की रक्षा ,स्वयं जागरूकता ,स्वयं सतर्कता ,स्वयं का प्रेरित रहना तथा स्वयं की भागीदारी हमें वांछित नतीजे दे सकती है l
4.Lockdown and curfew is a care for you. तालाबंदी एवं कर्फ्यू हमारी ही देखरेख है l
5. जान है तो जहान है और जान भी और जहान भी दोनों सिद्धांतों को समय अनुसार लागू करना चाहिए  l
6. जहां इच्छा शक्ति है वहां रास्ता भी बन जाता है l
7. भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति ,सही विजन, काम करने का जज्बा ,समय रहते सही कदम उठाना, किसी भी कीमत पर सफलता प्राप्त करना माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा अपनाई गई रणनीति के प्रमुख सिद्धांत एवं कार्य  बिंदु  जिन्हें जनता को जागरूक करके,  प्रेरित करके एवं कानून के द्वारा बलपूर्वक लागू करके  कोरोना की रोकथाम के लिए अपनाया जा रहा है l इस प्रकार की रणनीति आईपीएम को क्रियान्वयन करने हेतु भी अपनाई जा सकती है तथा समाज को रसायनिक कीटनाशकों से मुक्त भोजन तथा कृषि उत्पाद प्रदान किए जा सकते हैंl
8. स्वयं की रक्षा करके ही समाज की सुरक्षा की जा सकती है l
9. स्वयं के जीवन को इस प्रकार से जियो की हमारे जीने की क्रिया से प्राकृतिक संसाधनों एवं प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्रों का नुकसान ना हो l कोरोना की  महामारी के दौरान हुए संपूर्ण भारत बंद से इंडस्ट्रीज के बंद होने के कारण उनसे निकलने वाला कचरा हमारी नदियों में ना मिलने की वजह से नदियों में होने वाला प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ l अतः नदियों के पानी को स्वच्छ रखने के लिए उनमें इंडस्ट्रीज का कचरा  ना मिलाया जाए  l
10.  महामारी या  आपदा स्वयं की रोकथाम के लिए समय रहते हुए योजना एवं  रणनीति बनाने का समय प्रदान नहीं करती है l उसे उसी समय नियंत्रित किया जाता है lअतः किसी आपदा के निवारण हेतु हमारे पास आपदा  निवारण तंत्र पहले से ही होना चाहिए l परंतु अक्सर यह देखा गया है की आपदाओं का निवारण मौजूदा     methods से ही किया जाता है l कोरोना आपदा का निवारण भी इसी प्रकार से घरेलू क्वॉरेंटाइन एवं एक दूसरे से दूरी  बनाए रखते हुए किया जा रहा है l साथ ही साथ मरीजों का परीक्षण एवं इलाज भी किया जा रहा है l
11. पिछले वर्षों की अपेक्षा दिन और रात के टेंपरेचर मैं ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दर्ज की गई है यह विभिन्न प्रकार की इंडस्ट्रीज के बंद होने की वजह तथा वाहनों के ऊपर रोक लगने की वजह से हो सकती है l 
12. दैनिक चीजों को की उपलब्धता न होने की वजह से चीजों के उपयोग में कमी भी 
13. प्राकृतिक एवं राष्ट्रीय संसाधनों को बर्बाद ना करें तथा उनका न्यायोचित ढंग से इस्तेमाल करें l
14. सभी जीव अपनी आवश्यकता के अनुसार ही प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं परंतु मनुष्य एक ऐसा जीव है जो प्राकृतिक संसाधनों का अपने आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल करता है तथा उनका दुरुपयोग करता है l प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग ना करें l
15. सीमित संसाधनों द्वारा जीवन को चलाने का तरीका  सीखा गया  l
16. किसी  महामारी से निर्मित आपत्ती कॉल के निवारण हेतु सक्रिय कदम यानी प्रोएक्टिंवनेस ,मुस्तैदी  से  अथवा  त्वरित गति से कदम उठाना तथा सामूहिक चेतना जागृत करना ही मूल मंत्र है 
17. महामारी से ग्रसित देशों से आने वाले व्यक्तियों एवं पौधों के बीजों आदि को पोस्ट इंट्री  क्वॉरेंटाइन  se अवश्य गुजारे l
18. मनुष्य को अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति व उसके संसाधनों को नष्ट नहीं करना चाहिए इससे मनुष्य के जीवन का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा क्योंकि हमारा अस्तित्व भी प्रकृति के अस्तित्व पर निर्भर है हमें पृथ्वी के तापमान को बढ़ने से रोकना होगा जिससे जलवायु परिवर्तन व उसके दुष्प्रभाव से बचा जा सके l
19. हमें सोचना होगा कि lock डाउन के कारण नदियों मैं देख रहे बदलाव को स्थाई कैसे रखा जाए l
20.जैव विविधता से खिलवाड़ मनुष्य के लिए घातक हो सकता है अतः हमें प्रकृति में पाए जाने  वाली जैव विविधता को नष्ट नहीं करना चाहिए l
21  इंसानों  के द्वारा इंसानों और जानवरों के प्राकृतिक जीवन शैली मैं हुआ हस्तक्षेप कोरोना जैसे समस्याओं को जन्म देती है l.
22.  हमें अपना खानपान बड़े सोच समझ कर करना चाहिए तथा जहां तक हो सके प्रकृति में पाए जाने वाले जीवो को खाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए l
23. पर्यावरण एवं Prakriti के संरक्षण के साथ होने वाले विकास पर जोर दिया जाए l
24 पृथ्वी पर जीवन को स्थायित्व प्रदान कर8
ने के लिए. इंसानी जरूरतों को सीमित   रखना होगा ,पृथ्वी को गर्म होने से  बचाना होगा, प्रकृति को    नुकसान ना पहुंचाएं ,जैव विविधता एवं पर्यावरण का संरक्षण करें तथा रसायन रहित भोजन का उत्पादन करें  l
25. अगर हम is ग्रह यानी  पृथ्वी का ध्यान रखने में विफल हुए तो हम खुद को भी सुरक्षित नहीं रख पाएंगे l
26. सामाजिक सहभागिता एवं जीवनशैली में परिवर्तन लाकर कोरो ना से बचाव संभव है उसी प्रकार से सामाजिक सहभागिता एवं जीवन शैली में परिवर्तन ला करके प्रकृति व पर्यावरण का संरक्षण भी संभव है इसके लिए उचित आईपीएम प्रैक्टिसेज को लागू करना चाहिए l
27. मास्क पहनना ,साफ-सफाई एवं हाथों को बार-बार धोना तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने की आदत को अपनी जीवनशैली में सम्मिलित करके  कोरोना से बचाव किया जा सकता है उसी प्रकार से हमें खेती में एवं अपने आसपास के पर्यावरण में बहुत सारे लाभदायक जीवो को संरक्षण करने के हेतु अपने पुरानी पारंपरिक पद्धतियों को पुनः जागृत करना पड़ेगा l
28. हमें कोरोला के साथ भी उसी प्रकार से जीना सीखना पड़ेगा जैसे कि हम मलेरिया डेंगू टाइफाइड तथा अन्य बीमारियों के साथ जीते हैं और उनका रोकथाम करते हैं इसी प्रकार से इसी प्रकार से खेतों में पाए जाने वाले नासिजीवो की संख्या को आर्थिक हानि स्तर के नीचे सीमित रखते हुए तथा खेतों में रसायनिक कीटनाशकों एवं रसायनिक खादों का प्रयोग कम से कम करते हुए खेती में  फसलों का उत्पादन करना पड़ेगा और साथ-साथ प्रकृति का संतुलन भी कायम रखना पड़ेगा l
29. कोरो ना के रोकथाम हेतु अस्पतालों में को vid19 डेडीकेटेड हॉस्पिटल एवं आईसीयू ,वेंटिलेटर ,आइसोलेशन वार्ड, क्वॉरेंटाइन सेंटर ,टेस्ट करने की सुविधाएं जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर को भविष्य के लिए बनाना पड़ेगा l उसी प्रकार से I I पीएम को लागू करने के लिए biopesticides तथा अन्य आईपीएम इनपुट के उत्पादन हेतु rasayanik pesticide के समानांतर बायोपेस्टिसाइड उत्पादन की फैक्ट्रियों को लगाना पड़ेगा जिससे हम जैविक कीटनाशकों को कृषकों को प्रदान कर सकें और वह रसायनिक कीटनाशकों के स्थान पर जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा दे सकें l
30. लॉक डाउन हमेशा नहीं रखा जा सकता इससे देश के आर्थिक हानि होती है अतः हमें जान भी और जहान भी के सिद्धांत को  आधार पर जीने की आदत डालनी पड़ेगी l
31. Testing kids ,personal protective equipment ,Cvid 19 ke liye specific vaccine  भी खोजनी पड़ेगी l


Wednesday, April 15, 2020

Major pest Emergencies in India.

1.Total destruction of crops due to Locust plagues between1925-31.Locust warning Organisation was established during 1939 with its Hqtrs at Karanchi now in Pakistan after partition.
2.A devastating Famine was appeared in Bengal province of British India during 1943-1944.Nearly 2.1to 3 million deaths were estimated.Brown Leaf Spot disease pm Rice crop caused by Helminthosporium oryzeae mow called as H. miyablans was responsible to cause Bengal Famine. This disease give rise the birth of Directorate of plant protection,quarantine and Storage  in1946after the recommendation Indian Famine Inquary Commission  headed by Sir John Woodhead.
2.India was facing the problems of Locust plagues up to 1962.
3.In late sixties high yielding varieties of Rice such as Taichung  native-1(TN no 1)and IR 8 were introduced to maximise the crop production. Later on these varieties were found attacked by green leaf hoppers Nephotetix Sp,,Rice Tungru Virus(RTV) ,Bacterial Leaf blight during 1969in Eastern UP,Bihar,west Bengal ,Orrissa,and MP States.Adhoc Rice Surveys had started on 10 days intervals by Govt of India along with Ford foundation and states govts as the beginning of pest Surveillance  in India.During fourth five year plan 12 nos of Central Surveillance  Stations were established which later on increased to 19 during fifth five year plan.
4.Epidemics of Sugarcane Pyrilla appears during 1973 and 1984 which were controlled by introducing an ecto parasitic of Pyrilla Called Epiricania melanoleucaca saved Rs 4 crores  in govt exchaqure by way of avoiding aerial spraying of chemical pesticides on Sugarcane.
5 . Pyrilla epidemics had also controlled  with above mentioned parasite during 1984 and 1985.
6.Large scale incursions of locust appeared during 1978,1993,2005 were controlled  by way of organising massive control operations.The incursions of Migratory locust observed in cold desert of Leh and kargil distts of Ladakh religion of Jummu and Kashmir  state.
7.Wide spread outbreak of Whitefly on Cotton crop was also observed during 1984 and 1985 in Prakasham and Guntur distts of A P.states.The farmers suffered a lot due to complete destruction of Cotton crop in A P state.The farmers replaced the Cotton crop with Turmeric crop.
8.Epidemic of Heliothis armigera now called as Helicoverpa armigera  was also appeared on different crops during 1990 in all over India and also observed failure of the crops.
9.Outbreak of White Fly on Cotton crop was appeared during 2o15-2016 in Pnjab and Haryana states.
10.Yellow rust o f Wheat crops being managed every year since 2010-11.in northern states of India.through regular monitoring and Surveillance. 
11.problem of Swarming caterpillars on rice crop in Odisha state appeared during2010-2011to 2014 -2015.
12 .Outbreak of Cotton Mealy bug in Punjab and Haryana states during 2007-08.

Mitigation of pest emergency

Any adverse events either natural or induced or man made process resulting large scale damage and loss of life,natural resources,property ecosystem,Environment, economy  is called as Emergency.Emergency is always unpredictable which may come at any time hence do not give us time to manage or to combat the situation due to which we must have an Emergency mitigation system to combat the emergency .Some times it is also observed that we have to combat the emergent situation even without availability of emergency mitigation system .For example Govt  of India is having a well established and well equipped  Locust Warning Organisation (LWO),Natural Disaster Management  System,Environment  Protection Act and wild Life conservation Act etc but we do not have any medicine and mitigation system for Corona Emergency ..However we are doing efforts with the available tools ,and systems to combate  the Corona emergency being faced by the all over the world  including India .Social distancing and nation wide lockdown ,dividing the affected areas into different zones as per the severity and impact of disease like the area without any patient,  areawhre the patients are reported,ares where quarantine measures are undertaken to spread the disease  area where large scale treatment is being done.,testing and treatment of patients  are different measure which are being undertaken to combate the problem.
Pest emergency:  ----
       Any organism which is economically harmful to man is called as pest.But in my opinion no any organism of this world is a pest .They are innocent animals and are the units of ecosystem. They are having an important role to sustain the ecosystem .If any organism behaves  like a pest it behaves under the provocative conditions created by man.
    Any thing that can cause harm is called as threat.It may be biological, natural,ecological,environmental,sociological, climatic,or weather based,and sociological,.Threat is a probability  of harm that may happen in future for which we can make planning ,preparation for executing  the process for combating the threat
. मानवी ,प्राकृतिक, सामाजिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों के द्वारा अचानक बहुत बड़े क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली या विकसित होने वाली वह घटना या परिस्थिति जिससे जीवन, आर्थिक ,प्राकृतिक ,सामाजिक ,पारिस्थितिक तंत्रों ,सामुदायिक स्वास्थ्य ,प्राकृतिक संसाधनों ,पर्यावरण एवं जैव विविधताओं आदि को उम्मीद से अधिक भारी मात्रा में नुकसान होता है आपत्ति काल  कहलाती है l

Saturday, April 4, 2020

lessons learnt from the strategy adopted for Corona problem to be used for the implementation of IPM and to combat Agricultural pest emergency .How the CoronaCoronacontol strategy will be useful to implement IPM.

Corona problem appeared as global emergency .Govt of India has adopted strategy containing the following principles to combat the Corona problem in India .

 1.Priority,promptness,development of collective consciousness ,collective awareness and motivation among the public,Co ordination and co operation among all the stakeholders like Police ,doctors,politicians,NGOs,Central and state govt departments ,safai karamcharis etc involved  in the work,International cooperation ,ensuring timely supply of the materials and inputs required for the work,collective participation and involvement of all stakeholders, helping attitude for the poors,labourers and each others among all the stakeholders to provide food and financial assistance ,strong political and beaurecratic support and  will power,strict Surveillance  on the buildup of the problem,timely decision making,were the main strategic efforts and principles made by the Govt and public,to combat Corona problem .
2.Though no viricide has been developed or discovered so far however , even then Corona problem is being controlled through self sanitation i.e.washing hands frequently with soaps and using sanitizers frequently, observing self quarantine or self distancing,or self isolation by way of staying at home which is only way to prevent Corona problem to avoid its community transmission or mass spread of Corona.Inspite of non availability of any specific medicine for Corona it is being controlled  .It is only because of self discipline,dynamic leadership,people participation.
  3.Community participation is only way to control Corona problem
 4.Govt of India has done the activities like bringing of all Indian citizens from corona affected countries like China ,Italy etc.through special flights,making national contingent plans ,issuence if advisories,creation of Covoid 19 Fund,and national Taskforce,Vedio conferencing with the affected countries and all the Indian states,enhancing the diagnostic capacities for Corona,observing Janta curfew on 22nd March 2020,Thanking to woriers engaged in Vatous control work by ringing bells from our own balcony ,observing lockdown in whole India since 24th March 2020.stopping of all passenger flights and trains ,procurement and supply of PPE to the persons associated in Corona treatment work. Converting Certain trains boggies ,schools ,hotels stadiums in to isolation rooms or quarantine areas,lighting on 5th April 2020  for moral boosting of the personals engaged in Corona control activities social distancing and staying in home for 21 days from  24 th March 2020 to 14th April 2020.The Corona affected areas were as buffer zones need to be put on strict surveillance.
 5.Every problem have many ways of its solution we can use any feasible ,affordable ,acceptable solution if any one solution fails and not  feasible to implement.
6 There is a will there is a way.
7.If we can control Corona inspite of nonavailability of any specific medicine by way of self dedication and self discipline. We can also implement IPM by way of observing the principles described above for the control of Corona problem.
8.Yamuna water become clear and clean due to lockdown effects.
9.Self protection to protect others is the principles being followed  to control Corona.
10 .Protection of birds,wild and pet animals, was also given priority. 
11.Corona Diwali on 5th April 2020 was an effort to create Uinity of people to fight with Corona .It was Diwali of Sankalp,Samarpan,Smarthan and Sahyog.
   NOW COUNTRY IS FIGHTING A WAR AGAINST CORONA.
      Corona Diwali was an unique example of togetherness for fighting the battle with Corona. 
12.Hygine and sanitation play an important role to prevent  Corona  problem.
13.Corona is problem on humanity.
14 A holistic  approach is  being followed to combate the Corona problem in which our thoughts, our resolutions,our intention, our tendency go on same line and same frequency.
15.Lighting against  Corona reveals or indicate the unity in our country.
16.Lets go ahead in fighting against Corona wat without stopping, tiring,turning,for winning the war against  Corona.
17 Vakyard hospital of Mumbai  was declared as Corona containment zone.
18 We have forgotten to the nature that we are only due to nature and nature is not due to us.
19.We will win the war against  Corona only due to  govt initiatives.
20.Lets not harm the nature and its resources as it they help us to sustain our life on Earth .We should not harm the nature for our own comfort.
21.Lets give equal  respect to each and every organism including microorganism  found on the earth as the existence of all the organisms including humanbeings and microorganisms is depend on each others.Hence all the organisms found on the earth must be healthy  to enjoy  the coexistence of each others.Lets not play with the nature and its ecosystems through which the life is operated and sustained on the earth.
22.We are damaging and destroying the nature and its resources and also its ecosystems through  our activities being  done by us to keep our existence on earth and also to live on earth comfortably .The results of these activities  is called as Development. Let's not make the Development catestrophic in nature ..All the natural resources like air and  ,water,must be saved , preserved ,and conservedand kept clean to sustain life on earth. 
23.Total locked down in the Country was imposed on 24 th March 2020.in which all the transport systems,Industries,Movement of persons,was stopped except life saving  neccessary things  due to which the water of the Yamuna river  near Delhi and Gonga rivers near Kanpur and Varanasi became clean and the activities of the aquatic animals like fishes  has also increased because the adding of the industrial wastes in these rivers was stopped. Let's us restore the damaged ecosystems damaged due to our activities. Let's not disturb and damage  the nature otherwise the nature will definitely disturve us badly.
24.There is a need to make multi objective planning to save health of human being,animals,plants ,natural resources, Environment ,ecosystems, and society and the Development must be done with hormony with nature and society.
25. All the things of our world are interdependent with each others, we must maintain  balance among all the components of biosphre so that we can live with healthy life.We must unite together  to make Earth,its ecosystems and Environment safe to sustain  life on this earth.Lets make all the animals,plants and Environment healthy through creation of awareness and collective consciousness among people through possitive energy and enthusiasm. 
26.For implementing IPM we must learn from the strategy being adopted for the control  of Corona even for which no Any specific medicine for Corona has been developed so far .Few IPM stakeholders are saying that biocontrol agents ,biopesticides, and other IPM inputs are essentially needed to implement IPM.In this connection we must know that IPM inputs can only facilitate  the  process  of implementation of IPM.It does not means that we can not produce crops safe crops without IPM inputs .W can grow safe crops even without IPM inputs  only by using all available, affordable,acceptable,and feasible methods of IPM by way of using them in proper way and manner.It is experience that inspite of unavailability of any specific  medicine for Corona the Corona problem is being combated only by way of understanding the harmful  effects and impacts of this problem on humanbeing and society,proactive and promptness of adopting  the strategy with a strong willpower, strict implementation of quarantine,and lockdown system to avoid, movement of people by way of maintaining social distancing with self understanding, realization,self motivation,and self participation in the process  of combating the Corona problem with full dedication,and enthusiasm of the people of society under an active leadership of our Hon Prime Minister  of India.It indicate that we can implement IPM by way of adopting  the technology ,principles and strategies of Corona  problem.

Thursday, April 2, 2020

Mitigation of pest Emergency

Self awareness,self motivation, co operation and co ordination,Soil health monitoring, proper quarantine,strict pest  Surveillance and monitoring, timely detection of the pest population and intensity,timely decision making through Agroecosystem Analysis(AESA),timely planning and preparation are the mantras of mitigating the pest emergency .
      Healthy soil,healthy water,favorable climate and weather,quality inputs ,promoting biopesticides , biofertilizers and biocontrol agents ,reducing the use of chemical pesticides and chemical fertilizers and promoting biopesticides and biofertilizers are  essentially  required to combat the pest emergencies.Promoting the cultivation of those crops which requires less water is also the need of the hour .
  IPM is not a material but it is a way of doing the farming.

Priority efforts which must be taken while implementing IPM

1.priority and timely efforts are needed to combat any pest emergency.
2.Priority must be given to save community health,Environment, ecosystems, biodiversity, nature and society.
3.Lets give priority to the farmers,who are giving food for us to sustain  our life on the earth.
4.Timely planning, timely preparedness,is the key mantra for timely  implementation  of the I PM.
5 Let's be clear about the purpose and objective of the cultivation of the crop.
6.Emergency never give us time for preparation hence we must be ever ready to combat the pest or any other emergency .We must be proactive eane eveready to contain the pest emergency.
7.Govt is an advisory  body.It can aware us,it can motivate us ,it can facilitate  us by way of providing required infrastructure,men materials,methods Machinery and money but it is up to us how ant what way we can take the advantage of any  programme or scheme.Lets implement the scheme in proper way to get desired results.