1. जब कोरोना को बगैर दवाई के ठीक किया जा सकता है अथवा इसकी रोकथाम की जा सकती है तो बगैर जैविक आईपीएम इनपुट्स के आईपीएम का भी क्रियान्वयन सुचारू रूप से किया जा सकता है l
2. इलाज से बचाव ज्यादा उत्तम है l
3. स्वयं की रक्षा ,स्वयं जागरूकता ,स्वयं सतर्कता ,स्वयं का प्रेरित रहना तथा स्वयं की भागीदारी हमें वांछित नतीजे दे सकती है l
4.Lockdown and curfew is a care for you. तालाबंदी एवं कर्फ्यू हमारी ही देखरेख है l
5. जान है तो जहान है और जान भी और जहान भी दोनों सिद्धांतों को समय अनुसार लागू करना चाहिए l
6. जहां इच्छा शक्ति है वहां रास्ता भी बन जाता है l
7. भारत में कोरोना की रोकथाम के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति ,सही विजन, काम करने का जज्बा ,समय रहते सही कदम उठाना, किसी भी कीमत पर सफलता प्राप्त करना माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा अपनाई गई रणनीति के प्रमुख सिद्धांत एवं कार्य बिंदु जिन्हें जनता को जागरूक करके, प्रेरित करके एवं कानून के द्वारा बलपूर्वक लागू करके कोरोना की रोकथाम के लिए अपनाया जा रहा है l इस प्रकार की रणनीति आईपीएम को क्रियान्वयन करने हेतु भी अपनाई जा सकती है तथा समाज को रसायनिक कीटनाशकों से मुक्त भोजन तथा कृषि उत्पाद प्रदान किए जा सकते हैंl
8. स्वयं की रक्षा करके ही समाज की सुरक्षा की जा सकती है l
9. स्वयं के जीवन को इस प्रकार से जियो की हमारे जीने की क्रिया से प्राकृतिक संसाधनों एवं प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्रों का नुकसान ना हो l कोरोना की महामारी के दौरान हुए संपूर्ण भारत बंद से इंडस्ट्रीज के बंद होने के कारण उनसे निकलने वाला कचरा हमारी नदियों में ना मिलने की वजह से नदियों में होने वाला प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ l अतः नदियों के पानी को स्वच्छ रखने के लिए उनमें इंडस्ट्रीज का कचरा ना मिलाया जाए l
10. महामारी या आपदा स्वयं की रोकथाम के लिए समय रहते हुए योजना एवं रणनीति बनाने का समय प्रदान नहीं करती है l उसे उसी समय नियंत्रित किया जाता है lअतः किसी आपदा के निवारण हेतु हमारे पास आपदा निवारण तंत्र पहले से ही होना चाहिए l परंतु अक्सर यह देखा गया है की आपदाओं का निवारण मौजूदा methods से ही किया जाता है l कोरोना आपदा का निवारण भी इसी प्रकार से घरेलू क्वॉरेंटाइन एवं एक दूसरे से दूरी बनाए रखते हुए किया जा रहा है l साथ ही साथ मरीजों का परीक्षण एवं इलाज भी किया जा रहा है l
11. पिछले वर्षों की अपेक्षा दिन और रात के टेंपरेचर मैं ज्यादा बढ़ोतरी नहीं दर्ज की गई है यह विभिन्न प्रकार की इंडस्ट्रीज के बंद होने की वजह तथा वाहनों के ऊपर रोक लगने की वजह से हो सकती है l
12. दैनिक चीजों को की उपलब्धता न होने की वजह से चीजों के उपयोग में कमी भी
13. प्राकृतिक एवं राष्ट्रीय संसाधनों को बर्बाद ना करें तथा उनका न्यायोचित ढंग से इस्तेमाल करें l
14. सभी जीव अपनी आवश्यकता के अनुसार ही प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं परंतु मनुष्य एक ऐसा जीव है जो प्राकृतिक संसाधनों का अपने आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल करता है तथा उनका दुरुपयोग करता है l प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग ना करें l
15. सीमित संसाधनों द्वारा जीवन को चलाने का तरीका सीखा गया l
16. किसी महामारी से निर्मित आपत्ती कॉल के निवारण हेतु सक्रिय कदम यानी प्रोएक्टिंवनेस ,मुस्तैदी से अथवा त्वरित गति से कदम उठाना तथा सामूहिक चेतना जागृत करना ही मूल मंत्र है
17. महामारी से ग्रसित देशों से आने वाले व्यक्तियों एवं पौधों के बीजों आदि को पोस्ट इंट्री क्वॉरेंटाइन se अवश्य गुजारे l
18. मनुष्य को अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति व उसके संसाधनों को नष्ट नहीं करना चाहिए इससे मनुष्य के जीवन का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा क्योंकि हमारा अस्तित्व भी प्रकृति के अस्तित्व पर निर्भर है हमें पृथ्वी के तापमान को बढ़ने से रोकना होगा जिससे जलवायु परिवर्तन व उसके दुष्प्रभाव से बचा जा सके l
19. हमें सोचना होगा कि lock डाउन के कारण नदियों मैं देख रहे बदलाव को स्थाई कैसे रखा जाए l
20.जैव विविधता से खिलवाड़ मनुष्य के लिए घातक हो सकता है अतः हमें प्रकृति में पाए जाने वाली जैव विविधता को नष्ट नहीं करना चाहिए l
21 इंसानों के द्वारा इंसानों और जानवरों के प्राकृतिक जीवन शैली मैं हुआ हस्तक्षेप कोरोना जैसे समस्याओं को जन्म देती है l.
22. हमें अपना खानपान बड़े सोच समझ कर करना चाहिए तथा जहां तक हो सके प्रकृति में पाए जाने वाले जीवो को खाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए l
23. पर्यावरण एवं Prakriti के संरक्षण के साथ होने वाले विकास पर जोर दिया जाए l
24 पृथ्वी पर जीवन को स्थायित्व प्रदान कर8
ने के लिए. इंसानी जरूरतों को सीमित रखना होगा ,पृथ्वी को गर्म होने से बचाना होगा, प्रकृति को नुकसान ना पहुंचाएं ,जैव विविधता एवं पर्यावरण का संरक्षण करें तथा रसायन रहित भोजन का उत्पादन करें l
25. अगर हम is ग्रह यानी पृथ्वी का ध्यान रखने में विफल हुए तो हम खुद को भी सुरक्षित नहीं रख पाएंगे l
26. सामाजिक सहभागिता एवं जीवनशैली में परिवर्तन लाकर कोरो ना से बचाव संभव है उसी प्रकार से सामाजिक सहभागिता एवं जीवन शैली में परिवर्तन ला करके प्रकृति व पर्यावरण का संरक्षण भी संभव है इसके लिए उचित आईपीएम प्रैक्टिसेज को लागू करना चाहिए l
27. मास्क पहनना ,साफ-सफाई एवं हाथों को बार-बार धोना तथा शारीरिक दूरी बनाए रखने की आदत को अपनी जीवनशैली में सम्मिलित करके कोरोना से बचाव किया जा सकता है उसी प्रकार से हमें खेती में एवं अपने आसपास के पर्यावरण में बहुत सारे लाभदायक जीवो को संरक्षण करने के हेतु अपने पुरानी पारंपरिक पद्धतियों को पुनः जागृत करना पड़ेगा l
28. हमें कोरोला के साथ भी उसी प्रकार से जीना सीखना पड़ेगा जैसे कि हम मलेरिया डेंगू टाइफाइड तथा अन्य बीमारियों के साथ जीते हैं और उनका रोकथाम करते हैं इसी प्रकार से इसी प्रकार से खेतों में पाए जाने वाले नासिजीवो की संख्या को आर्थिक हानि स्तर के नीचे सीमित रखते हुए तथा खेतों में रसायनिक कीटनाशकों एवं रसायनिक खादों का प्रयोग कम से कम करते हुए खेती में फसलों का उत्पादन करना पड़ेगा और साथ-साथ प्रकृति का संतुलन भी कायम रखना पड़ेगा l
29. कोरो ना के रोकथाम हेतु अस्पतालों में को vid19 डेडीकेटेड हॉस्पिटल एवं आईसीयू ,वेंटिलेटर ,आइसोलेशन वार्ड, क्वॉरेंटाइन सेंटर ,टेस्ट करने की सुविधाएं जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर को भविष्य के लिए बनाना पड़ेगा l उसी प्रकार से I I पीएम को लागू करने के लिए biopesticides तथा अन्य आईपीएम इनपुट के उत्पादन हेतु rasayanik pesticide के समानांतर बायोपेस्टिसाइड उत्पादन की फैक्ट्रियों को लगाना पड़ेगा जिससे हम जैविक कीटनाशकों को कृषकों को प्रदान कर सकें और वह रसायनिक कीटनाशकों के स्थान पर जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा दे सकें l
30. लॉक डाउन हमेशा नहीं रखा जा सकता इससे देश के आर्थिक हानि होती है अतः हमें जान भी और जहान भी के सिद्धांत को आधार पर जीने की आदत डालनी पड़ेगी l
31. Testing kids ,personal protective equipment ,Cvid 19 ke liye specific vaccine भी खोजनी पड़ेगी l
No comments:
Post a Comment