फसल उत्पादन फसल रक्षा एवं फसल प्रबंधन मैं फसल में अपनाई जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्णय लेना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है इसके बारे में कुछ जानकारी पेश कर रहा हूंl अधिकांशत यह देखा गया है की किसान लोग अपने खेतों के बारे में निर्णय रसायनिक कीटनाशकों के विक्रेताओं, राज्य सरकार के कृषि प्रचार एवं प्रसार कार्यकर्ताओं अथवा राज्य के विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह पर खेतों में अपनाई जाने वाले गतिविधियों के बारे में जानकारी लेते हैं l यह जानकारी या इस तरीके से ली गई जानकारी के अनुसार वह अपने खेत के बारे में स्वयं निर्णय लेने लायक नहीं बन पाते l जैसा कि पहले बताया जा चुका है की फसल में अपनाई जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्णय लेने हेतु फसलों की सतत निगरानी एवं आकलन कार्यक्रम को लागू करके के प्राप्त जानकारी के आधार पर लेते हैं l जिसके लिए निम्नलिखित चीजों को शामिल किया जाता है l
1. ईटीएल के आधार पर
2.Agroecosystem Analysis के आधार पर
ETL एवं एग्रोइकोसिस्टम एनालिसिस औरP:D ratio यह तीनों ही फसल में अपनाई जाने वाली गतिविधियों के बारे में निर्णय लेने की विधियां हैं या आधार है इन तीनों विधियों में एग्रोइकोसिस्टम एनालिसिस सबसे ज्यादा एक्यूरेट सही एवं ठीक-ठाक तरीका है l जिसमें फसल पारिस्थितिक तंत्र का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद निम्नलिखित चीजों को भी शामिल किया जाता है l इन चीजों को शामिल करते हुए उनके फसल पर पढ़ने वाले समेकित प्रभाव के आधार पर निर्णय लेते हैं l
3. फसल पारिस्थितिक तंत्र की आवश्यकताओं के आधार पर
4 आर्थिक,. सामाजिक एवं प्राकृतिक आवश्यकताओं के आधार पर
5. अपनाए जाने वाले विधियों, और विचारधाराओं के आधार पर
6. प्रकृति में चल रही वनस्पति संरक्षण फसल उत्पादन की व्यवस्था के आधार पर
7. फसलों में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की क्षमताओं के आधार पर
8 फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के हानिकारक जीवो के द्वारा होने वाले सामूहिक नुकसान के आधार पर जिसको वैज्ञानिक भाषा में पेस्ट रिस्क एनालिसिस अथवा पी आर ए भी कहते हैं l
9. ईटीएल pests की वह कम से कम संख्या या पापुलेशन है जिसके द्वारा होने वाले सामूहिक आर्थिक नुकसान आधार पर कंट्रोल मेजर विशेष तौर से रसायनिक कीटनाशकों के उपयोग को अपनाने के लिए जस्टिफाई करती है l जिससेpests की संख्या को एक इकोनामिक इंजरी लेवल से नीचे सीमित रखा जा सके l
10.P:D ratio के आधार पर
11. अतीत के अनुभव वर्तमान की चुनौतियां तथा पारिस्थितिक तंत्र की आवश्यकता अनुसार फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा हेतु खेतों में अपनाई जाने वाली गतिविधियों के विषय में निर्णय लेना चाहिए l इस के लिए कृषकों को सक्षम बनाना आईपीएम कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधि या आवश्यकता है जिसके लिए कृषकों को संपूर्ण फसल अवधि के प्रशिक्षण देना चाहिए इस कार्यक्रम में आई पीएम फसल खेत पाठशाला एवं संपूर्ण अवधि आईपीएमप्रशिक्षण प्रोग्राम को प्राथमिकता से लागू करना चाहिए l
.
No comments:
Post a Comment