आई पीएम एवं प्राकृतिक खेती इनके सभी भागीदारों में जन जागरूकता ,कौशल विकास, सशक्तिकरण एवं उनके उनको सक्षम बनाने तथा विचारधारा परिवर्तन तथा खेती में रसायनों के प्रयोग को कम से कम करने अथवा ना करने का एक जन आंदोलन है l
आईपीएम कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लगभग 44 साल के अनुभव के दौरान मैंने यह अनुभव किया कि किसी भी वैज्ञानिक विचारधारा का क्रियान्वयन सही तरीके से तभी हो सकता है जब कि वह विचारधारा सरकार के एक वरीयता एजेंडा के रूप में स्वीकार की जाए l अर्थात जब तक सरकार नहीं चाहती तब तक कोई भी विचारधारा का सही क्रियान्वयन नहीं किया जा सकता l यह भी महसूस किया गया कि किसी भी विचारधारा तथा नीति का क्रियान्वयन प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा किया जाता है जोकि किसी विभाग में एक विशेष अवधि के लिए कार्य करने के लिए आते हैं और फिर वह दूसरे विभाग में चले जाते हैं l इस अवधि के दौरान यह अधिकारी किसी विशेष विषय अथवा गतिविधि को महत्व देते हैं और उसमें सरकार के हिसाब से उत्कर्ष कार्य करके अन्य विभाग में चले जाते हैं इस दौरान हुए राजनीतिज्ञ या राजनेताओं मंत्रियों आदि के विचारधारा के अनुसार कार्य करने को वरीयता देते हैं l
आईपीएम के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न प्रकार के इनपुट कि किसानों को उनके द्वार पर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रसायनिक कीटनाशकों के समांतर जैविक कीटनाशकों जय जैव नियंत्रण कारकों विभिन्न प्रकार के ट्रैप्स आदि का उत्पादन के लिए सरकार की ओर से अभी तक कोई भी प्रयास नहीं किया गया और इनके उत्पादन के लिए बहुत ही कम इंडस्ट्रीज या उद्योग स्थापित किए गए हैं l अतः इसके लिए आवश्यक यह है कि आई पीएम एवं प्राकृतिक खेती मैं काम में आने वाले इनपुट का उत्पादन कृषकों के द्वारा उनके घरों पर किया जाए जिससे हुए समय पड़ने पर इनपुट्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और सही समय पर उनका प्रयोग हो सके l
अक्सर यह भी देखा गया है की कि लगभग सभी सरकारी विभागों में चाहे वह राज्य सरकार के अधीन हो या केंद्र सरकार के बहुत सारे पद रिक्त पड़े हैं जिससे किसी भी वैज्ञानिक विचारधारा का क्रियान्वयन फील्ड लेवल पर नहीं हो पाता है अतः यह आवश्यक है कि किसी भी विचारधारा को चाहे वह आईपीएम की विचारधारा हो अथवा प्राकृतिक खेती की विचारधारा हो या अन्य कोई विचारधारा हो इसके क्रियान्वयन हेतु कृष को को प्रशिक्षित करने को वरीयता दी जाए जिससे हुए इन कृषि की विचारधाराओं का क्रियान्वयन अपने खेतों में खेती करने मैं कर सकें l
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