कुछ आईपीएम के भागीदार एवं किसान भाई यह समझते हैं या इस गलतफहमी में रहते हैं जो वनस्पति संरक्षण आईपी एम इनपुट के द्वारा किया जाता है वही आईपी एम कहलाता है l परंतु वस्तु स्थिति ऐसी नहीं है l आईपी एम इनपुट के बिना भी किया गया वनस्पति संरक्षण भी आई पीएम कहलाता है व शर्तें इस प्रकार से किया गया आईपीएम या वनस्पति संरक्षण सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण ,पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता ,प्रकृति और समाज पर कोई विपरीत असर ना डालता हो l
आई पीएम इनपुट की अनुपस्थिति में फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार की कर्षण क्रियाओं में बदलाव ला करके आईपी एम का क्रियान्वयन किया जा सकता है l इन बदलावों में सहफसली खेती, अंतर फसली अथवा बॉर्डर फसली किटको कीटों को आकर्षित करने वाली फसल को बॉर्डर पर लगा कर लगाने वाली खेती जिन को सम्मिलित रूप से इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग कहा जाता है के द्वारा विभिन्न प्रकार के फसलों के विभिन्न प्रकार के हानिकारक जंतुओं एवं लाभदायक जंतुओं आदि को आकर्षित करके तथा उनके तथा हानिकारक जीवो के ऊपर वनस्पति आधारित कैलाश को के छिड़काव को करके हानिकारक जीवो का संरक्षण किया हानिकारक जीवो का नियंत्रण किया जा सकता है l
जीरो बजट पर आधारित प्राकृतिक खेती में उपयोग किए जाने वाले सभी प्रकार के प्राकृतिक खेती के इनपुट को भी आईपी एम के क्रियान्वयन हेतु प्रयोग किया जा सकता है l
उन कर्षण क्रियाओं को ना करके जिनका फसल में पाए जाने वाले लाभदायक जीवो की संख्या विपरीत असर पड़ता को फसल पारिस्थितिक तंत्र में लाभदायक जीवो का संरक्षण किया जा सकता है और आई पीएम का क्रियान्वयन किया जा सकता हैl
प्रकृति में अपने आप चल रही फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा पद्धति या प्रणाली का अध्ययन करके फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा हेतु बढ़ावा देंl
स्वस्थ फसल उत्पादन हेतु स्वस्थ बीजों का प्रयोग करें
Use Pest resistant varieties ,
उन कर्षण क्रियाओं को प्रमोट करें जो फसल में मौजूद लाभदायक जंतुओं का फसल में संरक्षण कर सकते हो l
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