Thursday, May 12, 2022

आईपीएम इनपुट की अनुपलब्धता की स्थिति मैं कैसे करें आई पी एम का क्रियान्वयन

दोस्तों जब भी कभी हम आईपीएम के क्रियान्वयन की बात करते हैं किसानों के द्वारा या अन्य आईपीएम के भागीदारों के द्वारा एक ही प्रश्न आता है और वह प्रश्न है आईपीएम इनपुट्स की अनुपलब्धता l कृषक भाई कहते हैं कि आई पीएम के क्रियान्वयन हेतु इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के इनपुट जैसे जैव नियंत्रण कारक, विभिन्न प्रकार के ट्रैप्स जैसे फेरोमोन , विभिन्न रंगों से संबंधित कीटों को आकर्षित करने वाले विभिन्न प्रकार के रंगों से संबंधित ट्रैप्स आदि, विभिन्न प्रकार के बायोपेस्टिसाइड्स, पौधों तथा जंतुओं पर आधारित विभिन्न प्रकार के सत अथवा एक्सट्रैक्ट आदि कहां से उपलब्ध होंगे क्योंकि अभी तक इनकी उपलब्धता किसानों के द्वार तक पर्याप्त मात्रा में नहीं सुनिश्चित हो सकी है l आई एम पीएम इनपुट की उपलब्धता अभी तक एक प्रश्नवाचक बनी हुई है l अब सवाल यह उठता है कि आई पीएम इनपुट की अनुपलब्धता की स्थिति में आई पी एम का क्रियान्वयन कैसे करें और क्या आईपीएम इनपुट की अनुपलब्धता की हालात में आई पीएम का क्रियान्वयन हो सकता है l इस संबंध में हमारे विचार निम्न वत है l1. आईपीएम इनपुटinputs और नॉट एसेंशियल रिक्वायरमेंट फार दी इंप्लीमेंटेशन ऑफ आईपी एम lIPM inputs can only facilitate the inplementationof IPM. अर्थात आईपीएम इनपुट आईपीएम के  क्रियान्वयन हेतु को कोई अति आवश्यक आवश्यकता नहीं है बल्कि यह इनपुट आईपीएम के क्रियान्वयन मैं सिर्फ सहूलियत प्रदान करते हैं इनके उपस्थिति में किसान भाई आई पीएम का क्रियान्वयन सुचारू रूप से सुगमता पूर्वक कर सकते हैं और उसके उत्तम रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं l
कुछ आईपीएम के भागीदार एवं किसान भाई यह समझते हैं या इस गलतफहमी में  रहते हैं जो वनस्पति संरक्षण आईपी एम इनपुट के द्वारा किया जाता है वही आईपी एम कहलाता  है l परंतु वस्तु स्थिति ऐसी नहीं है l आईपी एम इनपुट के बिना भी किया गया वनस्पति संरक्षण भी आई पीएम कहलाता है व शर्तें इस प्रकार से किया गया आईपीएम या वनस्पति संरक्षण सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण ,पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता ,प्रकृति और समाज पर कोई विपरीत असर ना डालता हो l
आई पीएम इनपुट की अनुपस्थिति में फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा से संबंधित विभिन्न प्रकार की कर्षण क्रियाओं में बदलाव ला करके आईपी एम का क्रियान्वयन किया जा सकता है l इन बदलावों में सहफसली खेती, अंतर फसली अथवा बॉर्डर फसली किटको कीटों को आकर्षित करने वाली फसल को बॉर्डर पर लगा कर लगाने वाली खेती जिन को सम्मिलित रूप से इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग कहा जाता है के द्वारा विभिन्न प्रकार के फसलों के विभिन्न प्रकार के हानिकारक जंतुओं एवं लाभदायक जंतुओं आदि को आकर्षित करके तथा उनके तथा हानिकारक जीवो के ऊपर वनस्पति आधारित कैलाश को के छिड़काव को करके हानिकारक जीवो का संरक्षण किया हानिकारक जीवो का नियंत्रण किया जा सकता है l
जीरो बजट पर आधारित प्राकृतिक खेती में उपयोग किए जाने वाले सभी प्रकार के प्राकृतिक खेती के इनपुट को भी आईपी एम के क्रियान्वयन हेतु प्रयोग किया जा सकता है l
उन कर्षण क्रियाओं को ना करके जिनका  फसल में पाए जाने वाले लाभदायक जीवो की संख्या विपरीत असर पड़ता को फसल पारिस्थितिक तंत्र में लाभदायक जीवो का संरक्षण किया जा सकता है और आई पीएम का क्रियान्वयन किया जा सकता हैl
प्रकृति में अपने आप चल रही फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा पद्धति या प्रणाली का अध्ययन करके फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा हेतु बढ़ावा देंl
स्वस्थ फसल उत्पादन हेतु स्वस्थ बीजों का प्रयोग करें
Use Pest resistant varieties ,
उन कर्षण क्रियाओं को प्रमोट करें जो फसल में मौजूद लाभदायक जंतुओं का फसल में संरक्षण कर सकते हो l

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