1. मेन फसलों के चारों तरफ तथा फसलों के अंतर अथवा अंदर हानिकारक एवं लाभदायक जिवो को आकर्षित करने वाली फसलों को बोते हुए इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग को अपनाना l
2. फसल के खेतों की मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की मात्रा को फसल पर्यावरण में अथवा फसल पारिस्थितिक तंत्र में संरक्षित करना एवं वृद्धि करना l इसके लिए फसल अवशेषों को खेतों में ही डीकंपोज किया जाता है l
3. पर्यावरण में पाए जाने वाले सभी लाभदायक जीवो जिनमें केंचुआ आदि भी सम्मिलित है का फसल पारिस्थितिक तंत्र में संरक्षण करना l केचआ खेतों में जमीन के अंदर ना ली यां बना कर प्राकृतिक तौर पर वाटर रिजर्वायर बनाता है l
4. फसलों में पाए जाने वाले सभी खरपतवार ओं को फसलों के खेत में ही उखाड़ कर रख देने से उनका खेतों में ही डीकंपोज करना l जिससे Humus का निर्माण होता है जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती all
5. कई प्रकार की फसलों को एक समय में एक ही खेत में साथ साथ बोने से फसल जैव विविधता को बढ़ावा देना l
6. आवश्यकतानुसार फसल चक्र में आवश्यक बदलाव करना l
7. फसल में हमेशा कोई ना कोई फसल अवश्य ही रहनी चाहिए l
8. खेत में फसलों के साथ-साथ पेड़ों का भी होना आवश्यक है l खेतों के किनारों पर भी पेड़ होने चाहिए l
9. वाटर कंजर्वेशन अर्थात जल संरक्षण हेतु खेतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी होना चाहिए l
10. धान एवं गन्ना जैसी फसलों में नमी रखना आवश्यक हैl
11. देसी बीज अथवा अपना बीज बनाकर प्रयोग करना चाहिए l
12. पशुपालन को भी बढ़ावा बढ़ावा देना चाहिएl
13. खरपतवार ओं को फल बनने से पहले ही उखाड़ लेना चाहिए तथा उनका आच्छादन उसी खेत में करना चाहिए l
14. बाजार से खरीदे हुए इनपुट का उपयोग नहीं करना चाहिए बल्कि अपने द्वारा बनाए गए इनपु को बढ़ावा देना चाहिएl
15. फसलों में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा का समय-समय पर आकलन करना चाहिए l
16. क्षति ग्रस्त पारिस्थितिक तंत्र का पुनर्स्थापना अवश्य करना चाहिए l
17. मिट्टी जल ऑर्गेनिक कार्बन सोलर सिस्टम एवं कॉस्मिक ऊर्जा का फसल में संरक्षण करना चाहिए l
18. फसल पारिस्थितिक तंत्र को हमेशा सक्रिय रखना चाहिएl
19. हरी खाद एवं गोबर की खाद को बढ़ावा देना चाहिए l
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