Wednesday, September 1, 2021

आईपीएमके द्वाराकवर किया गया क्षेत्रफलभाग 3

दोस्तों देश का प्रत्येक किसान किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए खेती करता है l इन उद्देश्यों में खाद्य आपूर्ति तथा  दैनिक जीवन के आवश्यकताओं की आपूर्ति शामिल होती है l खेती करते समय प्रत्येक किसान अधिकतर फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा तथा फसल प्रबंधन की वही सारी विधियां समेकित रूप से तथा सुव्यवस्थित रुप से या सिस्टमैटिक तरीके से प्रयोग करता है जो की एकीकृत नाशिजीव प्रबंधन की पैकेज ऑफ़ प्रैक्टिसेज में लिखी हुई हैं तथा प्रयोग करने के लिए मौजूद हैl  कभी-कभी यह देखा गया है कि कृषक भाई उन विधियों का प्रयोग नहीं कर पाते हैं जो आईपीएम पैकेज आफ प्रैक्टिसेज मैं लिखी तो है परंतु आसानी से कृषकों को उपलब्ध नहीं हो पाती हैं l कृषकों के द्वारा प्रयोग किए जाने वाली यह सारी विधियां जिसमें रसायनिक कीटनाशकों का प्रयोग भी शामिल है IPM प्रैक्टिसेज कहलाती हैं अगर कीटनाशकों का प्रयोग अंतिम विकल्प के रूप में अथवा सिर्फ आपातकालीन स्थिति के निपटान हेतु प्रयोग किया जाए तथा अन्य विधियों का प्रयोग भी प्रकृति व समाज के लिए सुरक्षात्मक रूप में प्रयोग किया जाए l जब यह विधियां उपरोक्त बताए गए तरीके से प्रयोग की जाती हैं तो उन सभी विधियों को समेकित रूप से आई पीएम की विधियां कहते हैं तथा इन विधियों के द्वारा कवर किया गया क्षेत्र आईपीएम के द्वारा कवर किए गया क्षेत्र कहलाता है l इस प्रकार से यह देखा जाए तो उपरोक्त तरीके से की गई खेती के क्षेत्रफल को  IPM के द्वारा कवर किया गया क्षेत्रफल कहते हैं l इस प्रकार से मेरे व्यक्तिगत विचार से देश का प्रत्येक किसान आईपीएम द्वारा खेती करता है अगर वह रसायनिक कीटनाशकों का प्रयोग  वरीयता पूर्वक ना करते हु सिर्फ आपातकालीन स्थिति के निपटान हेतु करता है l रसायनिक कीटनाशकों का प्रयोग भी आई पी एम पद्धति का एक घटक है जिसको अंतिम विकल्प के रूप में करना चाहिए परंतु अक्सर यह देखा गया है कि किसान भाई रसायनिक कीटनाशकों का प्रयोग प्रथम विकल्प के रूप में करते हैं जो की आईपीएम के सिद्धांत के विपरीत है l अगर किसान खेती करते समय इतना सुधार कर लें तो शत-प्रतिशत क्षेत्र आईपीएम के द्वारा कवर किया गया क्षेत्र फल हो जाएगा l किसान भाई रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग सिर्फ इसलिए अधिकांश तौर पर करते हैं क्योंकि इनकी उपलब्धता आसानी से कृषकों के गांव के स्तर तक हो जाती हैl आईपीएम के इनपुट किसानों को आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं l आईपीएम के इनपुट खेती करने अथवा आईपीएम को क्रियान्वयन करने में सुविधा प्रदान करते हैं परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि अगर आई पीएम के इनपुट ना प्रयोग किए गए हो तो उस क्षेत्र को आईपीएम के द्वारा  कवर किया गया क्षेत्र नहीं कह सकते हैं l इस प्रकार से हमारे व्यक्तिगत विचार से देश के प्रत्येक किसान के द्वारा आई पीएम का क्रियान्वयन किया जाता है l प्रत्येक  किसान किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए तथा किसी विशेष नियत या इंटेंशन से खेती करता अगर उसके वह उद्देश्य और नियत जिस नियत से वह खेती करता है वह पूरे होते हैं और इसके साथ साथ आई पीएम की विचारधारा के उद्देश्य भी पूरे होते हैं तो उस क्षेत्र को आईपीएम क्षेत्र कहते हैं l इन उद्देश्यों में कम से कम खर्चे में अधिक से अधिक पैदावार काउत्पादन एवं पर्यावरण पारिस्थितिक तंत्र जैव विविधता प्रकृति व समाज को सुरक्षा प्रदान करना शामिल है l

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