1.. क्षित, जल ,पावक, गगन ,समीरा
पंचतत्व मिल बना शरीरा
अर्थात शरीर की रचना उपरोक्त संसाधनों या पदार्थों से मिलकर बनी है यह पदार्थ है मिट्टी, पानी, अग्नि, आकाश एवं वायु
परंतु विडंबना यह है कि अब यह पांचों तत्व मनुष्य के द्वारा प्रकृति के संसाधनों एवं पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करने की वजह से प्रदूषित हो चुके हैं l इन सभी प्रदूषित संसाधनों और तत्वों को प्रदूषण से बचाना और उनको शुद्ध एवं वास्तविक रूप में लाना भी आईपीएम का एक उद्देश्य है l
2.. दिमाग की गिजा हो या गिजाए जिस मानी
यहां तो हर गिजा में मिलावट मिलती है l
अर्थात जीवन को पौष्टिकता प्रदान करने अथवा जीव को पोस्टिक भोजन प्रदान करने वाले सभी पदार्थों में अब मिलावट होने लगी हैl इस मिलावट के लिए कुछ हद तक रासायनिक कीटनाशक भी जिम्मेदार हैं l आत: खेती में रसायनिक कीटनाशकों के उपयोग को कम करना भी आई पीएम का एक उद्देश्य है l जिसके लिए हमें निम्नलिखित उपाय करना चाहिए l
3.. जब तक काम चलता हो गिजा से
वहां तक बचना चाहिए दवा से
गिजा -- पौष्टिक भोजन, रसायनिक कीटनाशक रहित विधियां या टूल्स या प्रैक्टिसेज
दवा-- रासायनिक कीटनाशक
4. रासायनिक पेस्टिसाइड को प्रयोग करते रहें जैसे इमरजेंसी टूल
फिर जाएं खेतों मैं Pests की समस्याओं को भूल
No first use of chemical pesticides in Agriculture.
5.अगर आईपीएम इनपुट की होवे अन उपलब्धता
तो ना समझा जाए आईपीएम की विफलता
6.क्योंकि आई पीएम का क्रियान्वयन उपलब्ध संसाधनों के द्वारा ही बताया गया है l दोस्तों आई पीएम रसायनिक कीटनाशकों के प्रयोग के खिलाफ नहीं है l परंतु आईपीएम रसायनिक कीटनाशकों के दुरुपयोग के अवश्य ही खिलाफ है l रसायनिक कीटनाशकों को वनस्पति संरक्षण या प्लांट प्रोटेक्शन हेतु सिर्फ अंतिम विकल्प के रूप में किसी इमरजेंसी हालात से निपटाने हेतु ही प्रयोग करना चाहिए l
7.आंखों की रोशनी से कुछ हो नहीं सकता
जब तक की जमीर की लो बुलंद ना हो
Willingnes इच्छा शक्ति Intention नियत Passion जुनून is essentially needed to implement IPM.
8. जैसे कि पहले भी बताया जा चुका है कि किसी भी वैज्ञानिक ,सामाजिक ,आर्थिक, राजनैतिक, विचारधारा एवं कार्यक्रम को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने हेतु एक मजबूत राजनीतिक एवं प्रशासनिक इच्छाशक्ति एवं समर्थन, सही विजन, टीम भावना के साथ काम करने का जज्बा ,पूर्व सक्रियता तथा किसी भी कीमत पर और किसी भी तरीके से मौजूद संसाधनों से सभी भागीदारों को जागरुक एवं प्रेरित करते हुए सही उद्देश्यों के साथ सफलता प्राप्त करना अति आवश्यक है l किसी भी कार्यक्रम या विचारधारा का क्रियान्वयन जब तक सरकार एवं सरकारी तंत्र नहीं चाहेंगे तब तक सुचारू रूप से क्रियान्वयन नहीं हो सकता l आत: किसी भी कार्यक्रम एवं विचारधारा को क्रियान्वयन करने हेतु राजनीतिज्ञ एवं प्रशासनिक अधिकारियों अर्थात ब्यूरोक्रेट्स का सहयोग बहुत ही आवश्यक है l
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