Friday, September 3, 2021
किसानों के मौजूदा संसाधनों के द्द्वारा अपनाई जाने वालीखेती की विधियांसे की जाने वाली खेती के तरीके को क्या आईपीएम कह सकते हैं ?Part I.
देश के सभी किसान खेती करते समय खेती करने की योजना बनाने के बाद बीज के चयन से लेकर खेत की तैयारी ,जु ता ई, बीज शोधन,बुवाई, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, निकाय और गुड़ाई , पोषक तत्वों का प्रबंधन, जल प्रबंधन ,पौधों में पाई जाने वाली बीमारियों तथा नाशि जीवो का प्रबंधन, अर्थात प्लांट प्रोटक्शन या वनस्पति संरक्षण, इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग द्वारा खेत में बोई गई मुख्य फसल के साथ-साथ खेतों के चारों तरफ बॉर्डर क्रॉप तथा खेत के बीच मुख्य फसल के साथ-साथ अंतर फसलों की बिजाई करके इकोलॉजिकल इंजीनियरिंग पद्धति से खेत में पाए जाने वाले लाभदायक जीवो का संरक्षण करते तथा खेतों कि सतत निगरानी करते हुए, फसल पारिस्थितिक तंत्र का विश्लेषण करते हुए खेतों में की जाने वाली फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा की वांछित गतिविधियों को प्रयोग करते हुए फसल उत्पादन एवं फसल रक्षण किया जाता है l इन गतिविधियों में रसायनिक कीटनाशकों का प्रयोग भी अंतिम विकल्प के रूप में भी होता है l किसान उपरोक्त बताई गई गतिविधियों का प्रयोग फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा हेतु करते हैं यह ही गतिविधियां वह गतिविधियां हैं जो एकीकृत नाशि जीव प्रबंधन अर्थात आईपीएम के क्रियान्वयन हेतु बताई गई है या आई पीएम पैकेज आफ प्रैक्टिसेज में आई पीएम के क्रियान्वयन हेतु दर्शाई गई हैं l इसके अतिरिक्त कुछ अन्य गतिविधियां जिसमें रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग ना हो किसानों के द्वारा फसल उत्पादन हेतु भी की जाती हैं l ऐसा अनुभव किया गया है की रसायनिक कीटनाशकों तथा रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के अतिरिक्त जो भी विधियां फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा हेतु प्रयोग की जाती हैं वह अधिकतर पर्यावरण, जैव विविधता , फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले लाभदायक जीवो तथा प्राकृतिक संसाधनों एवं समाज समाज हितेषी होती है और वह आई पीएम को बढ़ावा देने में सहायक होती हैं l रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग आई पीएम क्रियान्वयन हेतु सिर्फ आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए बताया गया हैl उपरोक्त सभी विधियां कृषकों के द्वारा अधिकांश तौर पर फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा हेतु प्रयोग की जाती है l खेती में आई पीएम इनपुट्स का प्रयोग उपलब्धता पर निर्भर करता है जिन किसानों को आईपीएम इनपुट उपलब्ध हो जाते हैं वह उनका प्रयोग करते हैं और जिनको आईपीएम इनपुट उपलब्ध नहीं हो पाते हैं वह रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग न्याय उचित ढंग से कम से कम मात्रा में करते हैं तो इन सभी विधियों को आईपीएम विधियां कहते हैं और इन विधियों अपनाकर फसल उत्पादन तथा फसल रक्षा की pगई है तो इन विधियों के द्वारा कवर किया गया क्षेत्रफल आईपीएम के द्वारा कवर किए गए क्षेत्रफल के अंतर्गत आता है l
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