Monday, March 7, 2022

आईपीएम विचारधारा एवं परिभाषा भाग 2


1. आई पी एम फसल उत्पादन, फसल रक्षा, वनस्पति  संरक्षण, कृषि विपणन एवं फसल प्रबंधन की कोई विधि नहीं है बल्कि एक विचारधारा है जिसके अनुसार कम से कम खर्चे में ,कम से कम रसायनों का उपयोग करते हुए तथा  पर्यावरण , जैव विविधता, पारिस्थितिक तंत्र, प्रकृति व समाज को कम से कम बाधा पहुंचाते हुए फसल उत्पादन, फसल रक्षा,Pest Management, फसल विपणन एवं फसल प्रबंधन का सामूहिक रूप से अथवा समेकित रूप से संपूर्ण फसल प्रबंधन किया जाता है l
2 . आईपीएम बीज से लेकर बाजार तक के समस्त कृषि उत्पादन, कृषि रक्षा, कृषि विपणन एवं संपूर्ण फसल प्रबंधन प्रणाली का समुचित प्रबंधन है l
3  आईपीएम रसायनिक खेती को रसायन मुक्त खेती में योजनाबद्ध तरीके से  परिवर्तित करने का एक तरीका है l
4.. आईपी एम मैं रसायनों के रसायन मुक्त विकल्प को खोजना और उनको प्रमुखता से बढ़ावा देना आई पीएम का प्रमुख उद्देश्य है l
5.संतुलित खेती से ही समावेशी विकास की कल्पना की जा सकती है l आईपी एम जीवन समाज व प्रकृति के बीच में सामंजस्य स्थापित करता है l
6. आईपीएम वनस्पति संरक्षण का एक conditional तरीका है जो उपरोक्त शर्तों के साथ किया जाता है l
7.. रसायन मुक्त तथा पोषण युक्त भोजन एवं प्रदूषण मुक्त पर्यावरण आईपीएम की प्रमुख अपेक्षाएं हैं l
8.. पारंपरिक खेती को अथवा खेती की पारंपरिक पद्धतियों को पुनर्जीवित करना तथा खेती मैं बढ़ावा  देना की प्राकृतिक खेती और आई पीएम के प्रमुख उद्देश्य है l
9.. आईपी एम फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले दोनों प्रकार के अर्थात हानिकारक एवं लाभदायक दोनों प्रकार के जीवो की संख्या का एक निश्चित अनुपात में प्रबंधन करता है l अर्थात हानिकारक जीवो की संख्या आर्थिक हानि स्तर के नीचे तथा लाभदायक जीवो की संख्या के संरक्षण हेतु आवश्यक संख्या के अनुपात में प्रबंधन करना ही आईपीएम कहलाता है या आई पीएम का मुख्य उद्देश्य है l
10 . आई पीएम मैं खेती करने की अथवा वनस्पति संरक्षण करने की सभी विधियों को समेकित रूप से इस प्रकार से प्रयोग किया जाता है जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण, à तंत्र ,जैव विविधता, प्रकृति एवं समाज को महफूज रखते हुए कम से कम खर्चे में फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी प्रकार के हानिकारक जीवो की संख्या को आर्थिक हानि स्तर के नीचे इस प्रकार से सीमित रखते हुए जिससे स्वसन पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले लाभदायक जीवो की संख्या का फसल पर्यावरण में संरक्षण भी हो सके तथा खाने के लिए सुरक्षित भोजन तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन किया जा सके आईपीएम कहलाता है। 10 , कृषकों के अनुसार कम से कम खर्चे में अधिक से अधिक फसल उत्पादों का उत्पादन तथा उनका अधिक से अधिक विक्रय मूल्य प्राप्त करना आईपीएम कहलाता है।

No comments:

Post a Comment