Monday, November 29, 2021

आईपीएम के क्रियान्वयन करने हेतु मेरा योगदान एवं खेती की अन्य विचारधाराओंके संबंध मेंअपने कुछ विचार

मैं विभिन्न फसलों एवं देश के विभिन्न प्रदेशों में  अपनी भागीदारी के द्वारा लगभग 38 वर्षों तक आईपीएम demonstrations,Exhibitions  and trainings के द्वारा आईपीएम क्रियान्वयन हेतु सक्रिय रहा l इसके बाद मैंने अपनी भागीदारी खेती की विभिन्न विधियों जैसे ऑर्गेनिक फार्मिंग, इंटीग्रेटेड फार्मिंग ,जीरो बजट पर आधारित प्राकृतिक फार्मिंग ,प्रेसीजन फार्मिंग , क्रॉप डायवर्सिफिकेशन आफ एग्रीकल्चर इन वैरीयस सेक्टर्स सुच एस पावर एंड एनर्जी सेक्टर एंड एक्सपोर्ट सेक्टर आदि के बारे में अध्ययन कर  के  अपने आप को सक्रिय रखा l इन उपरोक्त सभी प्रकार की खेती के तरीकों के अपने अलग-अलग तरीके, विशेषताएं एवं सीमाएं होती हैं l इन सभी विशेषताओं में ज्यादातर इस बात पर जोर दिया गया है कि खेती करते समय खेती के काम में आने वाली खेत, फसल एवं उसकी मिट्टी आदि से संबंधित पारिस्थितिक तंत्र का नुकसान ना हो एवं एवं फसल की भरपूर पैदावार तथा पैदावार होने में जुड़े हुए सभी पदार्थ एवं पारिस्थितिक तंत्र सक्रिय रहे l इसके अतिरिक्त खेती में रसायनिक कीटनाशकों एवं रसायनिक फर्टिलाइजर्स का उपयोग आईपीएम के अलावा किसी में खेती की विधियों में संस्तुति नहीं दी जाती है l आईपी एम पद्धति के द्वारा की जाने वाली खेती की पद्धति में रसायनिक कीटनाशकों एवं उर्वरकों का प्रयोग सिर्फ आपातकालीन स्थिति के निपटान हेतु की ही संस्तुति दी जाती है अर्थात इसका अर्थ यह है कि खेती करते समय यदि कोई आपातकालीन परिस्थिति जैविक व अजैविक कारकों के द्वारा अगर आती है तो ऐसी परिस्थिति में न्यायोचित ढंग से रसायनिक कीटनाशकों एवं रसायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम से कम मात्रा में एवं कम से कम क्षेत्रफल में किया जा सकता है जिससे फूड सिक्योरिटी के साथ साथ फूड सेफ्टी को भी सुनिश्चित किया जा सकता हैl इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की खेती करने के तरीकों से प्राप्त किए गए ज्ञान के अनुसार निम्न प्रकार के विचार एवं सिद्धांत भी अर्जित किए गए l
1. प्रकृति में फसल पारिस्थितिक तंत्र में  अपने आप चल रही फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा की पद्धति या व्यवस्था का अध्ययन करें और उसको आईपीएम के क्रियान्वयन एवं फसल पारिस्थितिक तंत्र को सक्रिय रखने हेतु अपनाएं l
Let's study the crop production and protection process going on in the nature and apply this process for implementation to promote IPM and also to keep Agroecosystem active.
2. क्योंकि आईपीएम इनपुट कि किसानों के द्वार पर उपलब्धता ज्यादातर नहीं हो पाती अतः ऐसी हालात में हमें जो भी  जैविक विधियां जो कि सामाजिक तौर पर acceptable  तथा कम खर्चीली और प्रयोग करने लायक हो के प्रयोग को आईपीएम क्रियान्वयन हेतु बढ़ावा देना चाहिए l इसके साथ साथ जीरो बजट पर आधारित प्राकृतिक खेती , ऑर्गेनिक खेती आदि पर आधारित जैविक विधियों एवं तौर-तरीकों को भी आईपीएम के क्रियान्वयन हेतु जहां तक संभव हो बढ़ावा देना देना चाहिए l
Let's promote all available,affordable socially  acceptable non chemical methods of crop production and protection used in organic and zerobudget based Natural farming based on animals and plants to promote IPM as extent as possible. 
3. फसल उत्पादन एवं फसल रक्षा की ट्रेडिशनल methods अर्थात  परंपरागत विधियों का आईपीएम क्रियान्वयन हेतु भी बढ़ावा देना चाहिए l
Let's also promote traditional methods of crop production and protection to promote IPM.
4. खाने के लिए स्वस्थ एवं सुरक्षित फसल व्यापार हेतु गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पादों के उत्पादन हेतु आईपीएम क्रियान्वयन में जैविक आईपीएम इनपुट की अनुपलब्धता के कारण या अनुपस्थिति में जो भी इनपुट उपलब्ध है उनको सुचारु रुप से सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए की ऐसी परिस्थिति में सिर्फ यही एक विकल्प बच जाता है l
Using available inputs and methods to produce healthy and safe crops to eat and quality Agricultural  commodities to trade is the prime option left to implement  IPM in absence of IPM inputs.
5. आई पी एम के क्रियान्वयन  को सुविधा प्रदान करने के लिए  सरकार के द्वारा आईपीएम इनपुट की उपलब्धता को किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करनl एकमात्र प्रमुख आवश्यकता है जिसे सरकार को प्राथमिकता के तौर पर सुनिश्चित करना चाहिए l
Govt intention to ensure availability of  IPM inputs to the farmers is the prime requirement to facilitate IPM in the country.


Saturday, November 27, 2021

आईपीएमकी परिभाषा नंबर दो

खेती करने की अथवा वनस्पति संरक्षण करने की सभी मौजूदा विधियों को समेकित रूप से इस प्रकार से रूपांतरित करना या प्रयोग करना जिससे प्रकृति, समाज तथा पारिस्थितिक तंत्र ओं को महफूज रखते हुए कम से कम खर्चे में फसल पर्यावरण में पाए जाने वाले सभी हानिकारक जीवो की संख्या आर्थिक हानि स्तर के नीचे सीमित रखते हुए खाने के लिए सुरक्षित भोजन तथा व्यापार हेतु गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन हो सके आईपीएम कहलाता है lj

Friday, November 26, 2021

IPM की एक संक्षिप्त परिभाषा l

आई पी एम नासि जीव प्रबंधन का एक जैव पारिस्थितिकी य एवं पर्यावरण अनुकूल या पर्यावरण हितैषी दृष्टिकोण है या एक प्रकार की विचारधारा है जिसमें Nashi jeevaun की संख्या को फसल पारिस्थितिक तंत्र में आर्थिक हानि स्तर के नीचे सीमित रखा जाता है l इसके लिए नासि जीव प्रबंधन की मौजूदा विधियों को समेकित रूप से प्रयोग करते हुए जिसमें रसायनिक विधियों के प्रयोग को अंतिम विकल्प के रूप में सिर्फ आपातकालीन स्थिति के निपटान हेतु प्रयोग करने की सिफारिश की जाती है तथा अन्य वनस्पति तथा जैविक विधियों आदि को वरीयता पूर्वक प्रयोग करने की सिफारिश की जाती है  l

Thursday, November 25, 2021

Few things for discussion about IPM emerged in meetings on different occasions

1.There are many things to say about IPM but nothing works except chemicals in fields,says a Senior Scientist .(I  do not want to mention his name )
  IN this connection I would like to say there may be following reasons of above statement .
i.Since all the researches related with Agriculture or IPM have been and are being done by the Scientists of research organizations  related with Agriculture or IPM which were or being  handed over to us for implementation in the farmers fields.If these researches are not giving results,they   may be   either pseudo researches  or  they are not being implemented in right way due to   unavailability of inputs required for their implementation. In my ideas unavailability of IPM inputs ,their implementation on proper way,lack of trained staff and their willingness are the main reasons for this .In my practical I point of view the researches being supplied to us are not pseudo researches but they are not being applied in proper way .
2.Farmers are already doing chemical based IPM giving first priority to Chemical pesticides and fertilizers wheareas  IPM principles recommend Chemical pesticides and chemical fertilizers only as a last priority to deal with emergency situations .Let's select suitable methods and policies of crop production,protection and management which are  ecofriendly, nature and society friendly for crop production,protection and management system either from the IPM package and Practices or from the systems prevailing in  nature.Crop production ,protection and management and IPM systems are interlinked each others to ensure the production of safe Agricultural commodities to eat and quality Agricultural commodities to trade. 
  The overall crop production ,protection and  Management  package must be economically viable,profitable ,able to enhance the farmers income ,through export, market access to fetch more and more sale price of Agricultural commodities,through profitable crop Diversification in to other sectors related with Agriculture.


Tuesday, November 23, 2021

Bottlenecks for the implementation of IPM आईपीएम के क्रियान्वयन हेतु पाई जाने वाली बाधाएं या अड़चने l

1. आई पी एम इनपुट की अनुपलब्धता l
 2. रसायनिक पेस्टिसाइड्स के अल्टरनेटिव्स या जैविक आईपीएम इनपुट की अनपलब्धता उपलब्धता l
3. विभिन्न आईपीएम के भागीदारों में आईपीएम की विचारधारा के बारे में विस्तृत जानकारी का ना होना l
4. केंद्र व राज्य स्तर पर आईपीएम नीति का अभाव या ना होना l
5. आईपी एम के भागीदारों के बीच में परस्पर समन्वय की कमी l
6. आईपीएम भागीदारों का विभिन्न मतों अथवा मानसिकता ओं में बटा होना l
7. आईपी एम के सभी भागीदारों में आईपीएल के सिद्धांतों के बारे में जानकारी का अभाव l
8. राज्य व केंद्र स्तर पर प्रशिक्षित मानव संसाधनों की कमी तथा प्रशिक्षित मानव संसाधनों को दूसरे स्कीमों में चले जाना l
9. रसायनिक कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग होना  l
10. केवल रासायनिक कीटनाशक ही वनस्पति रक्षा या प्लांट प्रोटक्शन के लिए रामबाण है ऐसी मानसिकता ओं का आई पी एम के भागीदारों के बीच में या मन में घर कर जाना l
11. रसायनिक कीटनाशकों के दुष्परिणामों को अनदेखा किया जाना l
12. खेतों में पाए जाने वाले लाभदायक एवं हानिकारक जीवो के प्रति सहानुभूति की कमी होना l
13. फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के जीवो की आई पी  एम क्रियान्वयन हेतु भूमिका या योगदान को अनदेखा किया जाना l
14. आईपीएम भागीदारों में इच्छाशक्ति की कमी l
15. कृषि में रसायनों के उपयोग को बढ़ावा देना l
16. आईपीएम पैकेज आफ प्रैक्टिसेज को प्रयोग में ना लाना l
17. आई पी एम इनपुट्स के उत्पादन हेतु केमिकल पेस्टिसाइड्स के समांतर में जैविक पेस्टिसाइड्स या इनपुट्स का उत्पादन करने हेतु उद्योगों को स्थापित ना करना l

Friday, November 19, 2021

किसी भी विचारधारा को कैसे इंप्लीमेंट करें

दोस्तों यह बात मैंने पहले कई बार बताई है कि एकीकृत नाशि जीव प्रबंधन अथवा आईपीएम एक प्रकार की विचारधारा है और किसी भी विचारधारा को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने के लिए या बढ़ावा देने के लिए विचारधारा से संबंधित सभी भागीदारों को विचारधारा से संबंधित संपूर्ण जानकारी का ज्ञान होना अति आवश्यक है l इसके साथ साथ विचारधारा को क्रियान्वयन करने के लिए अपने आप को स्वेच्छा अनुसार सही नियत से संपूर्ण रुप से तैयार रखना भी अति आवश्यक है जिसके लिए संपूर्ण भागीदारों को एक नियत और सोच के साथ विचारधारा से जुड़े हुए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक ही दिशा में प्रयत्न करना अति आवश्यक है l जिसके लिए सामूहिक भागीदारी , सामूहिक जनशक्ति ,एकजुटता ,प्रबंध कौशल, सबका साथ एवं सब का प्रयास भी अति आवश्यक है l विज्ञान, सरकार एवं समाज को एक साथ मिलकर काम करने से किसी भी विचारधारा को क्रियान्वयन करने से वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं  l वैज्ञानिकों के द्वारा  सही तकनीको की खोज करना  , सरकार के द्वारा विचारधारा के क्रियान्वयन हेतु सही एवं हितकारी नीतियां बनाना एवं किसानों तथा अन्य भागीदारों के द्वारा विचारधारा को सही तरीके से सही समय पर प्रयोग करना भी अति आवश्यक है l
    सरकार एवं समाज को रसायनिक कीटनाशकों एवं फटलाइजर के दुष्परिणामों के प्रति सचेत रहते हुए आई पीएम का क्रियान्वयन करना चाहिए एवं करवाना चाहिए l सरकार एवं समाज को पर्यावरण प्रकृति एवं प्रकृति के संसाधनों तथा समाज के अन्य घटकों के प्रति संपूर्ण सहानुभूति रखते हुए आईपीएम का क्रियान्वयन करना चाहिए l
रसायनिक कीटनाशकों को वरीयता पूर्वक प्रयोग करने वाली मानसिकता मैं परिवर्तन लाना, फसल पर्यावरण या फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी जीवो के प्रति सहानुभूति रखना, फसल

 पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी जिओ के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना तथा आईपीएल को क्रियान्वयन करने हेतु हेतु जैविक आईपीएम इनपुट की उपलब्धता किसानों के द्वार पर सुनिश्चित करना पीएम को क्रियान्वित करने के कुछ महत्वपूर्ण आवश्यकताएं है l
 आईपीएम से संबंधित सभी भागीदारों के बीच आई पीएम के अंधाधुंध प्रयोग से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता पैदा करना उनको शिक्षित करना प्रेरित करना तथा नॉन केमिकल आई पीएम इनपुट को प्रयोग हेतु सक्षम बनाना आईपीएम क्रियान्वयन करने की कुछ प्रमुख आवश्यकता है l
   फसल में पाए जाने वाले सभी हानिकारक जीवो की संख्या का आकलन नियमित या रेगुलर निगरानी कार्यक्रम के द्वारा करके एग्रोइकोसिस्टम एनालिसिस के द्वारा फसल में अपनाए जाने वाली गतिविधियों के विषय में निर्णय लेना भी आई पी एम के क्रियान्वयन की मुख्य आवश्यकता है जिसमें रसायनिक इनपुट के प्रयोग को अंतिम विकल्प के रूप में सिर्फ आपातकालीन स्थिति के निपटान हेतु जानकारी प्राप्त होती है तथा रसायनिक कीटनाशकों के न्यायोचित प्रयोग करने में मदद मिलती है l

Sunday, November 14, 2021

आईपीएम सेअपेक्षाएं

1. भरपूर फसल वाजिब दाम खुशहाल किसान
2. सुरक्षित भोजन एवं स्वस्थ समाज
3. पर्यावरण सुरक्षा एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
4. पारिस्थितिक तंत्र की सक्रियता कायम रखना
5. पारिस्थितिक तंत्र तथा जैव विविधता का संरक्षण
6. गुणवत्ता पूर्ण कृषि उत्पादों का उत्पादन
7. जलवायु परिवर्तन तथा वैश्विक तापक्रम बढ़ोतरी अथवा ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को निष्क्रिय करते हुए खेती करना
8. निर्यात योग्य गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादों का उत्पादन करना
9. फसल उत्पादन लागत मैं कमी करना तथा कृषकों की आय मैं बढ़ोतरी करना
10. जीवन प्रकृति समाज के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए खेती करना
11. सुरक्षित प्राकृतिक संसाधन जैसे सुरक्षित जल ,सुरक्षित हवा ,सुरक्षित मिट्टी ,सुरक्षित भोजन,
12. कृषि उत्पादों का स्मूथ अथवा धारा प्रवाहित व्यापार अथवा ट्रेड 
13. फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले लाभदायक जीवो का फसल पारिस्थितिक तंत्र में संरक्षण
14. जीडीपी पर आधारित विकास के साथ पर्यावरण ,प्राकृतिक ,सामाजिक ,पारिस्थितिक तंत्र ,विकास को सुनिश्चित करना
15. खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना
16.

Wednesday, November 10, 2021

आईपीएम केकुछ दार्शनिक सिद्धांत

1. एग्रोइकोसिस्टम को सक्रिय एवं संरक्षित रखना l
2. प्रकृति में चल रही फसल उत्पादन फसल रक्षा एवं फसल प्रबंधन की पद्धतियों को अध्ययन करना एवं उनका प्रयोग करना l
3. फसल उत्पादन व फसल रक्षा तथा फसल प्रबंधन हेतु रसायनिक को का इस्तेमाल को कम करना या बिल्कुल ना करना l
4. जमीन की उर्वरा शक्ति को  एवं प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखना l
5. खेती करते समय ऐसी कोई गतिविधि अथवा विधि शामिल नहीं करना जिसका सामुदायिक स्वास्थ ,पर्यावरण ,पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता ,प्रकृति व उसके संसाधनों तथा समाज पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ता हो l

Tuesday, November 9, 2021

आईपीएमफिलॉसफीकी संक्षिप्त विवेचना

आईपीएम का जीवन के विभिन्न दृष्टिकोण से वर्णन करना, संबंध स्थापित करना एवं परिभाषित करना आईपीएम फिलासफी कहलाता है l
To describe,define and relate IPM with different perspectives related with life ,nature and society,policy,climate , environment ,ecosystem biodiversity , economics , religion and spirituality etc is called as IPM philosophy deals with deep thinking about a subject as it is the mother of all subjects.
आजकल के सामाजिक ,सांस्कृतिक, आर्थिक, प्राकृतिक, व्यापारिक, धार्मिक, राजनैतिक,, नीति एवं जलवायु संबंधी मुद्दों तथा पारिस्थितिक तंत्र आदि के बदलते हुए परिवेश एवं परिपेक्ष में आईपीएम की विवेचना करना, चिंतन करना एवं आई पीएम का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंध स्थापित करना तथा आईपीएम को परिभाषित करना ही आईपीएम फिलासफी कहलाता है l
     आई पीएम नासिजीव प्रबंधन का एक प्रो एनवायरनमेंट , प्रो नेचर एवं प्रो सोसाइटी तरीका है l
     किसी भी विचारधारा एवं आईपीएम आईपीएम का क्रियान्वयन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की विकास को कभी विनाशकारी ना बनने दिया जाए l हमें यह ध्यान रखना पड़ेगा की विज्ञान व नवीनतम तकनीकों के इस्तेमाल से मिल रही सुविधाएं पर्यावरण, प्रकृति, मानव समाज  ,जैव विविधता  तथा पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं अतः हमें किसी भी वैज्ञानिक विचारधारा या उससे जुड़ी हुई तकनीको एवं विधियों को इस प्रकार से प्रयोग करें जिनसे उनका प्रकृति ,समाज, पर्यावरण, जैव विविधता तथा पारिस्थितिक तंत्र ऊपर विपरीत प्रभाव ना पड़े l अतः आईपीएम या अन्य किसी विचारधारा को इस्तेमाल करने हेतु प्रकृति, समाज, पर्यावरण हितेषी विधियों का ही प्रयोग किया जाए l
    विज्ञान के नवीनतम उपहारों को मानव समाज व प्रकृति की कसौटी पर अवश्य परखा जाए l
   सभी विभागों में स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए आईपीएम के क्रियान्वयन हेतु जनभागीदारी को वरीयता दी जाए तथा खेती से जुड़े हुए सभी किसानों खेतिहर मजदूरों को आईपीएम क्रियान्वयन एवं उससे संबंधित मशीनों तथा कीटनाशकों के उपयोग के बारे में प्रवीण या निपुण किया जाए या बनाया जाए  l
    सबका साथ ,सबका विकास ,सबका विश्वास और सब का प्रयास वाले प्रधानमंत्री जी के मंत्र को आईपीएम क्रियान्वयन हेतु प्रयोग में लाया जा सकता है l
Philosophy is a logical argument towards new direction whreas Science is evidenced by supportive scientific data toward objectives or goal. 
IPM includes not only the management of pests population but also the management of total crop health, management or conservation of the population of be beneficial organisms found in Agroecosystem/total biodiversity found in Agroecosystem,organic carbon found in soil, population microorganisms available in soil,soil moisture,waterlevel in soil etc .Thus IPM is a total process of crop production, protection, management marketing and even up to consumption of agricultural commodities.
Philosophy consists of two words Viz 
Philos means प्यार ,मोहब्बत, इश्क, लव, प्रेम
Sophia means wisdom,knowledge, विवेक समझदारी ,सही गलत के बीच अंतर स्थापित करने की क्षमता, अर्थात पढ़ना ,लिखना ,बात करना ,सीखना ,अवलोकन करना, सोचना अथवा चिंतन करना ,मनन करना दार्शनिकों की हावी hoby होती है .।

Tuesday, November 2, 2021

How to implement IPM

*. जब तक काम चलता हो गिजा से 
     बच कर रहे दवा से l
*.No first use of chemicals in Agriculture. कृषि में रसायनों का प्रथम उपयोग ना करें l
*Use chemical pesticides only as an emergency tool  or combat or to deal with an emergent situation. रसायनों का उपयोग सिर्फ आपातकालीन स्थिति के निपटान  हेतु ही करें l
*Let's not make Development catestrophic in nature. विकास को विनाशकारी ना बनने दिया जाए l
* जीडीपी पर आधारित आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय, सामाजिक ,प्राकृतिक, पारिस्थितिक तंत्र का भी विकास भी किया जाए l
* सुरक्षित भोजन के साथ साथ खाद्य और पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए  l Let's ensure food and nutrition security along with production of safe food.
*CROP MANAGEMENT THROUGH SYSTEMSTIC APPROACH IS THE MODERN CONCEPT OF IPM.
सुव्यवस्थित ढंग से फसलों का संपूर्ण प्रबंधन आईपीएम की आधुनिक विचारधारा है l
*.Get rid of pest problem with minimum expenditure and least disturbance to community health, Environment, ecosystem, biodiversity nature and society. 
कम से कम खर्चे में तथा सामुदायिक स्वास्थ्य, पर्यावरण ,पारिस्थितिक तंत्र ,जैव विविधता, प्रकृति व समाज को कम से कम बाधित करते हुए नाशिजीवो की समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करना आई पीएम का सिद्धांत है l
*Making Agroecosystem better suited to benefecial and harmful organisms found in Agroecosystem. फसल पारिस्थितिक तंत्र को फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले दोनों हानिकारक एवं लाभदायक जीवो के लिए अति अनुकूल अथवा उत्तम अनुकूल बनाना l
*. खेतों में लाभदायक एवं हानिकारक जीवो दोनों की संख्या एक निश्चित अनुपात पर रहना आवश्यक है जिससे प्राकृतिक संतुलन कायम रहे l




1.It is difficult to implement any concept or scheme without willingness of Govt .and different stakeholders. 
2.Lets implement IPM or any other scheme with available resources as extent as possible by using them in proper way. 
3.Lets ensure the availability of IPM inputs to the farmers at their doorsteps.Lets trained few qualified farmers or Extention workers to manufacture IPM inputs at village level to ensure their availability to the farmers for which a detailed SOP for the production of IPM inputs has already been developed by me. 
4.Govt.must established  industries for manufacturing of different IPM inputs ,parellar to the pesticides industries. Till then we must implement IPM with available IPM inputs
जब तक काम चलता हो गिजा से
वहां तक बचना चाहिए दवा से
5.Chemical pesticides are being considered as a priority inputs for crop production and protection programme whereas they should be considered as only last  inputs or the inputs of to combat only  the emergency situations. 
6.Pesticides are not only panacea for the management of the pests.
7 Pesticides are harmful to our health and Environment. 
8.All the organisms found in agroecosystem are not pests 
9.Pesticides don't help to enhance the yield. 
pests are not only factors responsible to reduce the crop yield. There are many a biotic factors also responsible to reduce the crop yield. 
11.Pest population below ETL is also needed to maintain Ecological balance in Agroecosystem for which the survival of beneficial organisms found in agroecosystem is also essential.
12.Calender based application of pesticides not advisable  as it is not useful to enhance the crop yield.
13.Indiscriminate use of chemical pesticides may lead crop failure.
14. Pesticides are more harmful than the pests.
15.All the chemical pesticides are poisonous.They should be used safely.
16.There is no good or bad pesticides. None of the pesticides is safer pesticides.Generally the pesticides are not being used but they are being misused by the farmers.
17. Pesticides are not being used but they are being misused.by the farmers .They should also be used through  assessment of their need  by the farmers through Agroecosystem Analysis.
18.Let  use right pesticides on right crop,against right pests ,at right time,with right doase with right methods.





Monday, November 1, 2021

1.Discussin with Dr.Dinesh Avrol Sciedentist from CSIR on 1 st November 2021........to next..

1.To make the farmers,farm labourers, and other stakeholders related with crop  production,crop protection and crop management Competent to grow healthy,safe,⁹ crops to eat and profitable ,bumper crops and quality Agricultural commodities to trade with minimum expenditure and least disturbance to community health, Environment,ecosystem, biodiversity, nature and society. 
2.To make the farmers and farm labourers competent to use and repaire the plant protection equipments safe way.
3.To make the farmers and farm labourers competent  to use plant protection chemicals safe and judicious manners and also make them able to dispose the the used empty containers safely.
4.How to implement IPM at field levels in proper way.
5.A bench Mark Suervey of the farmers and farm laboures to assess the practical knowledge about the crop production ,protection and management system, by way of conducting personel  interviews of the farmers and farm laboures because lack of knowledge about use of chemicals,and plant protection machines and also lack of the IPM is not being implemented properly.
6.Farmers are not using proper protective equipment while using plant protection chemicals and equipments.
7.Occupational safety 
8. Provsion  of Medical examination and insurance of farmers and farm laboures engaged in using the plant protection chemicals .
9.Farmers and farm laboures must be trained and 
 the farm labourers  dealing with chemical pesticides and plant protection machines must be insured.
10.Incentives for the farm labourers must be given for handling the chemical pesticides.
11 .Due to shortage of staff in almost all the Govt Departments, only one option is left I. e .to involve farmers and farm laboures themselves  to promote and  popularise the innovative technologies among themselves .For which the farmers and farm laboures must be trained.Thus farmers to farmers technique must be applied to promote any concept for which volunteers from the retired personels must be involved but these volunteers may have their own problems.This system may also have the problem of finance.
12.To popularize any concept among the society,a strong political and beaurecratic willpower and support with a correct vision,working attitude in team ,proactiveness to get success at any way and any cost to achieve correct objectives and goals with available resources through creating awareness and motivating the stakeholders are essentially required to popularize and implement IPM in the field.