Friday, June 26, 2020

IPM के क्रियान्वयन हेतु आईपीएम के कार्यक्षेत्र में बदलाव करें

आईपीएम के क्रियान्वयन तथा बढ़ावा देने के लिए हमारे व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर हमें आईपीएम के कार्य क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन करना चाहिए यह परिवर्तन निम्न प्रकार से है l
1. कृषकों की रसायनिक कीटनाशकों तथा रासायनिक उर्वरकों को वरीयता पूर्वक प्रयोग करने वाली मानसिकता मैं बदलाव लाना तथा  रसायनिक कीटनाशकों के  वरीयता  पूर्वक इस्तेमाल के स्थान पर जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल को वरीयता पूर्ण बनाना l
2. फसल उत्पादन एवं फसल सुरक्षा मैं प्रयोग किए जाने वाले जैविक तथा ऑर्गेनिक इनपुट की उपलब्धता कृषकों के द्वार पर सुनिश्चित करना l
3 . फसल पारिस्थितिक तंत्र में पाए जाने वाले सभी लाभदायक जीवो का फसल पारिस्थितिक तंत्र में संरक्षण करना l
4  प्रकृति मैं पाए जाने वाले तथा चल रहे फसल उत्पादन या प्लांट प्रोडक्शन एंड प्रोटक्शन सिस्टम का अध्ययन करना तथा    उक्त अध्ययन के आधार पर उपयुक्त लाभकारी फसल चक्र अपनाकर पर  प्रति इकाई एरिया में  अधिक से अधिक फसल उत्पादन करना l
5. रसायनिक कीटनाशकों एवं रसायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से नष्ट हुए फसल पारिस्थितिक तंत्र का पुणे स्थापन करना l
6.  कृषकों के द्वारा बनाई जाने वाली पुरानी पारंपरिक कृषि उत्पादन एवं कृषि रक्षा की विधियों का  validation  करना तथा उनको आईपीएम पैकेज में भविष्य में प्रयोग हेतु शामिल करना l
7. कृष को मे रसायनिक कीटनाशकों के प्रयोग की लगी हुई लत को दूर करना l
8.  Biological and organic IPM  inputs  के उत्पादन हेतु उत्पादन इकाइयों तथा उद्योगों का सरकार के द्वारा स्थापन करना l
9  मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करके उसके गुणवत्ता के आधार पर  सूक्ष्म जीवों एवं सूक्ष्म तत्व की आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करके उनका संरक्षण करना l
10. किसानों के द्वारा प्रयोग की जाने वाली फसल उत्पादन एवं फसल सुरक्षा की समाज  व  प्रकृति हितेषी  methods का संकलन करना , उनका वैलिडेशन करना तथा उनको लोकल आईपीएम पैकेज आफ प्रैक्टिसेज में शामिल करना



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