Saturday, June 13, 2020

ऑर्गेनिक फार्मिंग या जैविक खेती

 आजकल के सामाजिक ,आर्थिक ,प्राकृतिक एवं पर्यावरणीय परिपेक्ष में फसल उत्पादन एवं फसल सुरक्षा के विचारधारा पर्यावरण, प्रकृति ,समाज हितेषी, लाभकारी  ,तथा मांग पर आधारित होने के साथ-साथ सुरक्षित , स्थाई रोजगार प्रदान करने वाली ,आय बढ़ाने वाली एवं समाज , प्रकृति व जीवन के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाली होनी चाहिए तथा आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक, प्राकृतिक ,पर्यावरण, पारिस्थितिक तंत्र, विकास करने वाली होनी चाहिए l उपरोक्त  कंसेप्ट  या विचारधारा के अनुसार  खेती  करने के लिए Integrated Pest Management (IPM)तथा  ऑर्गेनिक फार्मिंग  अथवा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना परम आवश्यक है IPM विधि से  खेती करना  तथा  ऑर्गेनिक विधि से  खेती करना  लगभग  एक ही प्रकार के सिद्धांतों पर आधारित है जो कि  अधिकांशतः  प्रकृति  तथा समाज  दोनों पर आधारित होते हैं  l ऑर्गेनिक खेती करते समय  हमें  रसायनिक इनपुट्स का  उपयोग  बिल्कुल नहीं करना होता है  l जबकि आईपीएम विधि से खेती करते समय  आपातकालीन स्थिति से  निपटने के लिए  रसायनिक कीटनाशकों तथा उर्वरकों का प्रयोग  कर सकते हैं  इस प्रकार से यह कह सकते हैं कि  आईपीएम विधि, ऑर्गेनिक विधि तक पहुंचने के लिए एक पहली सीढ़ी है l आई पीएम तथा  जैविक खेती की विचारधारा में  यही मूलभूत  अंतर है lऑर्गेनिक फार्मिंग या जैविक खेती ,खेती करने का एक ऐसा तरीका है जिसमें खेती के लिए  प्रयोग किए जाने वाले सिंथेटिक इनपुट जैसे कि रसायनिक कीटनाशकों एवं उर्वरकों तथा हारमोंस के स्थान पर जैविक कीटनाशकों एवं उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है तथा रसायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग को बिल्कुल नहीं किया जाता l इस विधि में फसल चक्र ,ऑर्गेनिक वेस्ट ,फार्म manure, क्रॉप रेसिड्यू तथा जमीन में पाए जाने वाले न्यू ट्रेंस को प्रयोग करके  स्वस्थ  मृदा, स्वस्थ भोजन तथा स्वस्थ समाज  बनाने का उद्देश्य को लेकर के खेती की जाती है l  Integrated Pest Management  अथवा आईपीएम ,जैविक खेती करने या जैविक खेती की ओर बढ़ने की तरफ प्रथम कदम है जिसमें जैविक खेती में प्रयोग किए जाने वाले इनपुट जैसे कि जैविक खाद या जैविक उर्वरक , जैविक कीटनाशक ,जैविक न्यू ट्रेंस आदि को बढ़ावा दिया जाता  है l
  जैविक खेती या ऑर्गेनिक फार्मिंग की विचारधारा:--
        1.Soil is the living entity. मिट्टी या  मृदा एक जीवित इकाई है जिसमें सूक्ष्मजीव  तथा  सूक्ष्म पोषक तत्त्वो का एक  इकोसिस्टम या पारिस्थितिक तंत्र काम करता है जिससे फसल उत्पादन में सहूलियत मिलती है या फसल उत्पादन होता है l
       2. खेती करने के लिए प्रकृति एक अच्छे शिक्षक के रूप में कार्य करती है l
   3. मिट्टी में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्व तथा सूक्ष्म जीवों का संरक्षण  करना l जैविक खेती करते समय मिट्टी में से ही शुरुआत की जाती है तथा मिट्टी में पाए जाने वाले सभी सूक्ष्म तत्वों तथा सूक्ष्म जीवों को बचाया जाता है l
    जैविक खेती पूर्णरूपेण प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित और निर्भर करती है l प्रकृति में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिक तंत्र के आपस में निर्भर होने की वजह से तथा तथा निर्भरता के साथ-साथ गतिशील होने की वजह से खेती के सिद्धांत भी इन्हीं प्राकृतिक सिद्धांतों पर निर्भर करते हैं l
जैविक खेती में प्रयोग की जाने वाली प्रैक्टिसेज एवं गतिविधियां :-------
    1.Soil Management   मृदा प्रबंधन
     2.Weed Management  खरपतवार                  प्रबंधन
     3.Mulching 
     4.Crop Diversity  फसल विविधता
Principles of Organic Farming  :------
 जैविक खेती के सिद्धांत:-
 1.principles related with  health of society, soil,plants  or crops, animals ,humans or earth. समाज मरदा पौधे फसलों जानवरों मनुष्य व पृथ्वी  स्वास्थ्य जुड़े हुए सिद्धांत
2.principles related with ecology.or ecological balance  पारिस्थितिक तंत्र संतुलन से संबंधित सिद्धांत सिद्धांत
3 principles of fairness स्वच्छता एवं सुरक्षा से जुड़े हुए सिद्धांत
4.principles related with Environment  पर्यावरण से संबंधित सिद्धांत
जैविक खेती में प्रयोग किए जाने वाले जैविक इनपुट के बारे में अगले वीडियो में चर्चा करना चाहेंगे l धन्यवाद l

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