Saturday, June 6, 2020

वनस्पति संरक्षण संगरोधा एवं संग्रह निदेशालयकी विभिन्न विभिन्न स्कीमों एवं वनस्पति संरक्षण या प्लांट प्रोटक्शनकी विभिन्न विधियों की विचारधाराओं मैं अंतर

 दोस्तों मैंने वनस्पति संरक्षण , संग रो  धा एवं संग्रह निदेशालय की विभिन्न योजनाओं अथवा स्कीमों जैसे जैविक नियंत्रण स्कीम, नासिजीव निगरानी एवं आकलन स्कीम
एकीकृत  नासिजीव प्रबंधन स्कीम ,टिड्डी नियंत्रण स्कीम ,वनस्पति संग रो धा अथवा प्लांट क्वॉरेंटाइन स्कीम वनस्पति संरक्षण से जुड़ी हुई अन्य गतिविधियां जैसे रोडेंट कंट्रोल का काम तथा घरेलू नासी जीव प्रबंधन या नियंत्रण का काम आदि मैं अपना पार्टिसिपेशन या अपनी भागीदारी की है संपूर्ण सेवाकाल के दौरान हमने इन विभिन्न योजनाओं या स्कीमों में कार्य करके इन स्कीमों से जुड़ी हुई इनकी विचारधाराओं या कंसेप्ट तथा इनके उद्देश्य को भलीभांति अध्ययन किया है एवं मनन किया है हमारे विचार  से डायरेक्टरेट आफ प्लांट प्रोटक्शन ,क्वॉरेंटाइन एंड स्टोरेज की यह विभिन्न स्कीम्स वनस्पति संरक्षण की विभिन्न प्रकार की विधियां हैं जो अलग-अलग विचारधाराओं या कंसेप्ट पर आधारित है तथा अलग-अलग उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाई गई है इन सभी विधियों एवं स्कीमों की विचारधाराओं में क्या फर्क है इसका खुलासा हमने इस या नीचे आगे के विवरण में किया all
1. टिड्डी नियंत्रण स्कीम  या लोकस्ट कंट्रोल स्कीम----Locusts  के polyphagous and voracious feeding, moving in swarms,highly migratory in nature, एवं एवं अत्यधिक नुकसान करने वाली प्रवृत्ति को देखते हुए locusts  की संख्या का प्रबंधन नहीं किया जाता है यानी इनकी संख्या को दवा करके एक निश्चित स्तर तक सीमित नहीं रखा जा सकता अतः इसका नियंत्रण या लोकस्ट को कंट्रोल किया जाता है इसका प्रबंधन नहीं किया जाता क्योंकि लोकस्ट का प्रकोप या महामारी या इनवेजन को एक इमरजेंसी के रूप में आपातकालीन स्थिति के निपटान के रूप में नियंत्रण किया जाता है  क्योंकि यह पेस्ट एक आपातकालीन या महामारी के रूप में उभर कर आता है जो कभी-कभी इतना नुकसान कर देता है की जहां इसका प्रकोप होता है वहां पर कभी-कभी  अकाल पैदा होने वाली स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है l इसी वजह से लोकस्ट का कोई भी ईटीएल अर्थात इकनोमिक थ्रेसोल्ड लेवल या आर्थिक हानि स्तर नहीं होता है l isko hit and kill इस सिद्धांत को मानते हुए सिर्फ रसायनिक कीटनाशकों की सहायता से नियंत्रित करते हैं l यद्यपि विभिन्न प्रकार के बायोपेस्टिसाइड सीआई b एंड आरसी ने पंजीकृत किए हैं परंतु इनका उपयोग सिर्फ लिमिटेड ट्रायल सीमित ट्रायल तक ही किया जा सकता है l लोकस्ट की बड़ी महामारी के नियंत्रण हेतु सिर्फ और सिर्फ केमिकल पेस्टिसाइड्स ही उपयोगी सिद्ध होता है l यद्यपि कुछ  स्थानीय तरीके भी जैसे कि locusts  के nymphs  के नियंत्रण हेतु  आगे खाई खुदकर उनको मिट्टी से दबाकर के भी उनका नियंत्रण किया जाता है l ऐसे तरीके भी प्रयोग किए जाते हैं l   इन सभी मेथड्स का उद्देश्य लोकस्ट को मारने का ही होता है या किल करने का ही होता है उनकी संख्या को प्रबंधन नहीं किया जाता  locust is never managed but it is controlled
2.. There is no tolerance in case of locust and plant Quarantine.In both these cases ETL s  are not applicable or working .
3. इसी प्रकार से रोडेंट कंट्रोल में भी ईटीएल काम नहीं करता है क्योंकि इसकी संख्या एक स्थान पर स्थित नहीं होती है कई बार वह नुकसान करने के बाद उस खेत से दूसरे खेत में चले जाते हैं आता है रोडेंट कंट्रोल के लिए ईटीएल  जीवित चूहों के बिलों को गिन कर आकलन करते हैं परंतु यह हर जगह लागू नहीं होते हैंl
4. Integrated pest management is a way of suppression of pest population by any means to a level at which the harm is inflicted to insignificant or minor .This is the concept of IPM.
5.

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