Wednesday, May 27, 2020

लोकस्ट इमरजेंसी is ऑन इन इंडिया भारत में लोकस्ट आपत्ति कालचल रहा है ---- प्रथम भाग

 मानवी गतिविधियों एवं प्राकृतिक  परिस्थितियों के द्वारा  अचानक  बहुत बड़े  या विस्तृत क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली घटना  या परिस्थिति जिससे जीवन ,आर्थिक  ,प्राकृतिक ,सामाजिक ,पारिस्थितिक तंत्रों , सामुदायिक स्वास्थ्य  ,प्राकृतिक संसाधनों ,पर्यावरण ,जैव विविधता  ,आदि  को अधिक से अधिक नुकसान होता है आपत्ति काल कहलाता है  यह आपत्ति काल  अचानक  उत्पन्न होता है  और कभी भी  प्रायर इंटीमेशन या पूर्व सूचना  को देकर नहीं आता है l अतः किसी आपत्ति काल से निपटने के लिए हमें  पहले से ही तैयारी रखनी पड़ती है या जो संसाधन हमारे पास उपलब्ध होते हैं उन्हीं संसाधनों से उस आपत्ति काल का निपटान  किया जाता है  
          दोस्तों     लोकस्ट या टिड्डी यह एक प्रकार का माइग्रेटरी  ग्रास हॉपर है जो एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय नासि जीव है l वैसे तो टिड्डी  की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती है परंतु रेगिस्तानी टिड्डी या डेजर्ट लोकस्ट एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हानिकारक  कीट है  lयह  विश्व के बहुत सारे महाद्वीपों में इतना नुकसान  करता है l   जहां इसका आक्रमण होता है वहां पर दुर्भिक्ष  अथवा अकाल तक उत्पन्न हो जाता है l
 इसका कारण  इसकी  झुंड में या समूहों में चलने की प्रवृत्ति जिसमें प्रत्येक झुंड में लाखों की तादात में     locusts  का होना  हैं तथा दूसरा कारण बहुत मात्रा में खाने की  प्र बत्ती अथवा आदत  l किसी देश में बाहर  से टिड्डी यो के समूह को किसी देश के अंदर आने को लोकस्ट इनवेजन कहते हैंl तथा  टिड्डी यो के  समूह को swarms  कहते हैं l तथा जितनी अवधि तक इन  टिड्डी यो का प्रकोप किसी भूभाग या किसी देश में जब तक रहता है तब तक इस अवधि को लोकस्ट आपत्ति काल या लोकस्ट इमरजेंसी पीरियड भी कहा जाता  है l टिड्डी  एक प्रकार की प्राकृतिक आपदा है जो वैश्विक स्तर का नासिजीव है l यह एक प्रकार का अनप्रिडिक्टेबल नासिजीव है जो एक तरह से सोते हुए राक्षस की तरह होता है lऔर कभी भी किसी वक्त यह उभर कर आ सकता है तथा फसलों को अपेक्षा से अधिक हानि पहुंचा सकता है l यह एक प्रकार का बहु भक्ति जीव है जो कि हर प्रकार की वनस्पतियों को भुक्कड़ की तरह खाता है अर्थात इसके खाने की गति बहुत ही तीव्र होती है l
 इस वर्ष 2020 मैं देश ने तीन प्रकार के प्राकृतिक आपत्ति काल झेले हैं l यह आपत्ति काल है  कोरोना जैसी बीमारी या महामारी का प्रकोप ,अफ्रीकी देशों तथा अन्य देशों जैसे सोमालिया  ,इथोपिया, ईरान, अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के रास्ते भारत में प्रवेश किए गए locusts के समूह के द्वारा होने वाली महामारी या आपत्ति काल तथा बंगाल की खाड़ी में आया हुआ Amphan  नाम का समुद्री तूफान l locusts तथा Corona  जैसी महामारी ओं का प्रकोप बाहरी देशों से आने से  हुआ  l इस समय देश में लोकस्ट इमरजेंसी या आपत्ति  काल चल रहा है l  जिस से निपटने के लिए देश के सामने सबसे पहली प्राथमिकता है जिससे देश  की खाद्य सुरक्षा को सुरक्षित रखा जा  सके l
 टिड्डी नियंत्रण अभियान एक प्रकार का युद्ध  की तरह अभियान होता है जिसमें युद्ध की तरह ही सभी संसाधन  सामग्री ,साधन सामग्री, ट्रांसपोर्ट सिस्टम ,कम्युनिकेशन सिस्टम  ,control equipment ,नियंत्रण करने वालेेेेे कीटनाशक Malathion98 ^ULV   ,Chlorepyriphos 20 EC ,GPS system   RAMSES,Miconair Sprayers,Ulvamast and micro Ulva ,Ulvamast , a fleet of vehicles,Camping equipment, Firstaid equipment,protectivpersonal   Equipment  etc.
 आवश्यक होते हैं l  टिड्डी नियंत्रण अभियान के प्रबंधन हेतु   अग्रिम योजना बनाना ,संसाधनों को नियत स्थान पर अभियान के  शुरू करने से पहले पहुंचाना अति आवश्यक होता है lभारत के अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र जो लगभग 200000 स्क्वायर किलोमीटर मैं राजस्थान ,गुजरात तथा हरियाणा आदि राज्यों में फैला हुआ है l राजस्थानी क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण एवं टिड्डी चेतावनी  की जिम्मेदारी टिड्डी चेतावनी संगठन जो कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के वनस्पति संरक्षण संगरोवं और संग्रह निदेशालय फरीदाबाद के अंतर्गत है की है l परंतु  फसली एरिया में  टिड्डी नियंत्रण की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों के विभागों की होती   है lलोकस्ट  या टिड्डी एक प्रकार का वैश्विक ना सजीव होने की वजह से वैश्विक स्तर से लोकस्ट कंट्रोल या टीडी नियंत्रण के सभी गतिविधियां फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा संचालित की जाती हैl 
        लोकस्ट के विभिन्न life स्टेज  के नियंत्रण हेतु विभिन्न प्रकार की रणनीतियां अपनाई जाती हैl  जैसे कि locust के हार्पर के नियंत्रण हेतु कीटनाशकों का ग्राउंड स्प्रे अथवा  डस्टिंग करके किया जाता है तथा एडल्ट जिसकी भी कई स्टेज होती है जैसे की पीली टी डी व गुलाबी टीडी पर छिड़काव बड़ी-बड़ी स्पीयर्स द्वारा  locusts  को उड़ने से पहले सुबह  प्रातकाल किया जाता है किया जाता है l सुबह सूर्य निकलने से पहले टिड्डी के ऊपर किसी भी तरह के छिड़काव व डस्टिंग ऑपरेशन को क्रियान्वयन कर लेना चाहिए l  सूरज निकलने के बाद locusts की उड़ान शुरू हो जाती है l  फिर उनके ऊपर छिड़काव या बुर्का नहीं किया जा सकता है l शाम के टाइम  या शाम के वक्त  हमें locusts का पीछा करके उनके द्वारा डाले गए पड़ाव वाले स्थान की  सही जानकारी ले लेनी चाहिए और रात को ही वहां पर सभी सामग्री, संसाधन जो कि locust control  नियंत्रण के लिए आवश्यक हैं उस स्थान तक पहुंचा देना चाहिए तथा सुबह सूर्य निकलने से पहले टिड्डी नियंत्रण के लिए छिड़काव अथवा बोरगांव कर देना चाहिए l

No comments:

Post a Comment